देहरादून-: उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक द्वारा पुलिस कर्मियों की कार्यशैली पर लगातार समीक्षा की जाती रही है व आवश्यतानुसार जरूरी दिशा निर्देश दिये जाते रहे है। इस क्रम में उनके द्वारा किसी भी पीड़ित द्वारा पुलिस में दर्ज अभियोग में पुलिस द्वारा अभियुक्त की गिरफ्तारी को दूसरे राज्य में दबिश व तलाशी में जाने पर पीड़ित पक्ष से वाहन उपलब्ध करवाने अथवा पेट्रोल डालने आदि मांगों को अनुचित बताते हुए उपरोक्त मांग करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाने के आदेश दिये है।
गौरतलब है कि पुलिस महानिदेशक द्वारा पुलिस कर्मियों को पीड़ित को न्याय दिलाने को अपनी प्राथमिकता बनाने को पुलिस को लगातार संवेदनशील बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं किन्तु इस सबके बावजूद भी पुलिस महानिदशक को पीड़ितों द्वारा दर्ज शिकायत में पुलिस कर्मियों द्वारा उनसे ही अनुचित मांग किये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी। जिसपर उनके द्वारा संज्ञान लेते हुए आदेश जारी करते हुए कहा कि किसी भी पुलिस कर्मी द्वारा किसी भी पीड़ित द्वारा दर्ज शिकायत में अन्य प्रदेशों में दबिश कार्यवाही के दौरान उनसे वाहन व्यवस्था, पेट्रोल डलवाने,रहने या खाने पीने की व्यवस्था किये जाने जैसी मांग की जाती है तो ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पुलिस कर्मियों के ऐसे कार्य करने को निंदनीय व आपत्तिजनक बताया है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार के विभिन्न कार्यों हेतु प्रत्येक थाने में ’’थाना विविध निधि’’ के अन्तर्गत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी जाती है।
इस दौरान उनके द्वारा पुलिस कर्मियों को संदेश देते हुए कहा कि
किसी घटना या अपराध के घटित होने पर पीड़ित अथवा आमजनमानस की पुलिस के प्रति यह अपेक्षा होती है कि पुलिस जनता के साथ मधुर व्यवहार के साथ-साथ उसकी समस्या अथवा उसके साथ घटित घटना पर न्यायोचित तरीके से विधिक कार्यवाही अमल में लायें और उसे न्याय मिल सके। यदि हम हर निर्णय पीड़ित को केंद्र में रखकर लें, तो निःसंदेह हमारी पुलिस व्यवस्था अच्छी बनेगी और पीड़ित का पुलिस पर विश्वास बना रहेगा।