देहरादून- उत्तराखंड में आज से मंगलवार से अन्य राज्यों से भी आवाजाही शुरू हो जाएगी।
इसके लिए प्रदेश सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी ह ै।
इसके मुताबिक अब दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वालों को पास की जरूरत नहीं होगी।
उन्हें केवल खुद का रजिस्ट्रेशन प्रदेश सरकार के वेब पोर्टल पर कराना होगा।
सरकार ने मुंबई और दिल्ली के सभी जिलों के अलावा अन्य राज्यों के 29 ऐसे जिलों की सूची जारी की है, जिन्हें संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील माना गया है। यहां से आने वालों को सात दिन संस्थागत और 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा।
“अन्य प्रदेशों से उत्तराखण्ड आने और क्वारंटाइन के नियम”
देश के इन राज्यों के 31 कोरोना प्रभावित शहरों से सड़क, रेल या हवाई मार्ग से उत्तराखण्ड आने वाले व्यक्तियों को 21 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। इन्हें 07 दिन इंस्टीट्यूशनल तथा 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा। इस दौरान इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में पेड क्वारंटाइन में जाने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा।
वही अन्य शहरों से उत्तराखण्ड आने वाले व्यक्तियों को 14 दिन होम क्वारंटाइन किया जाएगा। इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करते हुए घर पर ही रहना होगा।
राज्य के अंदर जिलों में जाने के लिए किसी भी पास या परमिशन की जरूरत नहीं है लेकिन सभी को वेब पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा साथ ही उन्हें क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं।
आर्मी और अर्धसैनिक बलों के कर्मचारियों के लिए क्वॉरेंटाइन के नियम भी बनाए गए हैं जिसके तहत आर्मी नेवी और एयरफोर्स अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों को 7 दिन के लिए संस्थागत क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था करेगी उसके बाद 14 दिन उन्हें उनके घरों में होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा।
अनलॉक-1 में केंद्र सरकार के निर्देश पर अब राज्य सरकार भी लॉक डाउन में लगातार छूट प्रदान कर रही है। उत्तराखण्ड सरकार ने अनलॉक वन में जिलों को राहत दी है।
अब प्रदेश में जोन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। उत्तराखण्ड में अब कोई भी जिला रेड, ऑरेंज या ग्रीन जोन में नहीं रखा जाएगा।
अब उत्तराखण्ड आने वालों व एक जिले से दूसरे जिले में आने-जाने के लिए पास व्यवस्था को भी सरकार ने समाप्त कर दिया है। अब केवल रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा।
अब प्रदेश में 55 कंटेनमेंट जोन हो गए हैं। नैनीताल जिला, जो रेड जोन में था, अब यह व्यवस्था समाप्त हो जाने से नैनीताल रेड जोन ने नहीं है।
जिन क्षेत्रों में मामले बढ़ेंगे वहां शासन पूरी स्थिति का अध्ययन कर फैसला लेगा। अभी देहरादून के नगर निगम क्षेत्र में कुछ चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया है।