उत्तराखंड ने दिखाई बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के साथ एकजुटता, प्रदेश भर में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ दिलाई शपथ
देहरादून :- उत्तराखंड सरकार ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की पहली वर्षगांठ पर मनाए जा रहे बाल विवाह मुक्त भारत दिवस के मौके पर चलाए गए जागरूकता अभियानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस बुराई के खिलाफ शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए। इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। उत्तराखंड सरकार के निदेशालय महिला कल्याण ने इस बाबत एक अधिसूचना जारी कर सभी हितधारकों को बाल विवाह मुक्त उत्तराखंड के लिए जागरूकता अभियान चलाने और स्कूली बच्चों सहित सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाने के निर्देश दिए थे।
इस आदेश के बाद 10 से 16 अक्टूबर के बीच राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों, पंचायत घरों और विद्यालयों में बाल विवाह मुक्त उत्तराखंड के लिए शपथ दिलाई गई। इसके लिए हर जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी को नोडल अफसर नियुक्त किये गए थे। साथ ही जिलों की बाल संरक्षण इकाइयों को बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं सुपरवाइजरों के सहयोग से जिलों में जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजनों में बाल कल्याण समितियों की भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा गया था।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश में 2030 तक बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के उद्देश्य से 160 गैर सरकारी संगठनों द्वारा बाल विवाह से सबसे ज्यादा प्रभावित देश के 300 जिलों में चलाया जा रहा है। पूरा तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चलाया जा रहा यह अभियान देश का सबसे बड़ा जमीनी अभियान है।
उत्तराखंड सरकार बाल विवाह और बाल मजदूरी की समस्या को समाप्त करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। सरकार ने इस सिलसिले में 27 सितंबर, 2023 को बाल विवाह एवं बाल श्रम पर एक राज्यस्तरीय परामर्श का भी आयोजन किया था। इस सम्मेलन में उत्तराखंड को बाल विवाह और बाल श्रम से मुक्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का खाका तैयार किया गया था।