मामला बुधवार सुबह का है। गुरुग्राम डिपो की एक बस हल्द्वानी पहुंची थी। बस चालक ने बस को नैनीताल रोड के किनारे खड़ा कर दिया था। तभी हल्द्वानी रोडवेज डिपो में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वहां पहुंच गया। उसने चालक से कहा कि यहां जाम लग जायेगा, बस को रोडवेज परिसर में खड़ी करें। इस पर दोनों में कहासुनी हो गई। यह विवाद बढ़ता गया और इसकी सूचना हरियाणा तक पहुंच गई। मामला जब तक अधिकारियों तक पहुंचाता उससे पहले हरियाणा के गुरुग्राम डिपो के बाहर उत्तराखंड की बसों को रोकना शुरु कर दिया गया। वहां टनकपुर, लोहाघाट, हल्द्वानी, काठगोदाम और देहरादून डिपो समेत उत्तराखंड रोडवेज की करीब 10 बसों को गुरुग्राम डिपो के बाहर ही रोक दिया गया।
इसकी खबर हल्द्वानी तक पहुंची। बसें रोकने की बात अधिकारियों के कानों में पहुंची, इसके बाद देहरादून के परिवहन विभाग के अधिकारियों ने हरियाणा परिवहन विभाग के अधिकारियों से वार्ता की। बातचीत के बाद दोनों राज्यों के अधिकारियों ने बसों का संचालन सुचारू कराया। लेकिन इस बीच सबसे ज्यादा फजीहत यात्रियों की हुई, जिन्हें गुरूग्राम के बाहर की उतरकर जाना पड़ा। उत्तराखंड डिपो के चालक-परिचालक संघ ने इस घटना पर रोष जताया। इस मामले में एआरएम हल्द्वानी डिपो सुरेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि हरियाणा के बस चालक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बीच हुए मामूली विवाद के चलते यह स्थिति पैदा हुई।