देहरादून-: स्पा सेंटरों की आड़ में अवैध रूप से चल रहे अनैतिक देह व्यापार के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही करने के बावजूद भी स्पा सेंटरों में अनैतिक कार्यों का क्रम जारी रहने के खिलाफ आज जनपद के एम्पावरिंग पीपुल, बचपन बचाओ आंदोलन,संगिनी सोसाइटी, समर्पण संस्था आदि एक दर्जन संस्थानों ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल को स्पा सेंटरों की आड़ में महिलाओं के साथ होने मानसिक व शारिरिक शोषण के खिलाफ राज्य महिला आयोग को अधिकार होने के चलते इस ज्वलंत मुद्दे पर सख्त कानून बनाने की अपील की।
विदित हो कि राजधानी में संचालित हो रहे अनेकों स्पा सेंटरों के खिलाफ लगातार शिकायतों पर सरकारी व गैर सरकारी संगठनों द्वारा लगातार आवाज़ उठाई जाती रही है,जिस क्रम में आज जनपद के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा राज्य महिला आयोग कुसुम कंडवाल से मुलाकात कर उन्हें स्पा सेंटरों के खिलाफ सख्त कानून बनाने को ज्ञापन सौंपा। सभी संस्थानों द्वारा स्पा सेन्टर को अनैतिक देह व्यापार का केंद्र बताते हुए इसकी आड़ में गरीब व असहाय महिलाओं की जरूरत का फायदा उठा उनसे अनैतिक कार्य करवाये जाते है। उन्होंने कहा कि इन सेंटरों को चलाने वाले ज़्यादातर रसूखदार व दबंगई होते है, जिनके खिलाफ अमूमन कोई सबूत न होने पर कोई उचित वैधानिक कार्यवाही अमल में नही लायी जाती है,जिससे इनके हौसले और बुलंद होते है। स्पा सेन्टर मसाज के नाम पर विज्ञापन देते है,प्रचार प्रसार करते है और उसी की आड़ लेकर महिला कर्मचारियों को मोटा धन देकर ग्राहकों की यौन संतुष्टि का साधन बनाते है। उन्होंने आगे कहा कि खुद को कानून पछड़ों से बचाने को स्पा मालिकों द्वारा स्थानीय युवाओं को नौकरी पर रख सारा आरोप उनपर लगाते है।
इस दौरान मौजूद संस्था के पदाधिकारियों द्वारा अध्यक्षा को गुजरात राज्य महिला आयोग की तर्ज पर महिलाओं के संरक्षण को प्रदेश में भी अहम मुद्दा मानते हुए इस विषय मे आयोग द्वारा सख्त कानून बनाने की अपील की है व इस संबंध में कानून बनाते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा अमलीजामा पहनाने की गुजारिश की है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि सपा में 18 से कम आयु वर्ग को नियुक्त न होने दिया जाए,स्पा सेंटरों में ग्राहकों के आने जाने,नाम,पता, फ़ोन नंबर सब रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए,उनको दी जाने वाली मसाज के लिए एक सर्टिफाइड प्रशिक्षक नियुक्त होना चाहिए। स्पा में पुरुष व महिला ग्राहकों के लिए अलग अलग प्रवेश व निषेध द्वार होना चाहिए, कपडे बदलने का स्थान अलग हो व उनको क्रॉस जेंडर द्वारा मसाज की मनाही हो। स्पा सेन्टर में सुरक्षा के इंतजामों पर कड़ा पहरा रखने को सीसीटीवी कैमरा,कमरों में मसाज के दौरान लॉक न लगे हो। बोर्ड पर घ्र दिन के कर्मचारियों उनके आने जाने का समय का विवरण दर्ज होने चाहिए। उनके द्वारा एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग द्वारा केंद्रो की समय अनुसार जांच अनिवार्य की मांग की है।
इस दौरान इम्पॉवरिंग पीपुल सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी ज्ञानेंद्र कुमार के नेतृत्व में प्रदेश के तमाम गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल को दिशानिर्देश एवं नियमावली बनाने हेतु एक ज्ञापन दिया । प्रतिनिधि मंडल में बचपन बचाओ आंदोलन के सुरेश उनियाल, मैक संस्था के जहांगीर आलम , समर्पण संस्था की मानसी मिश्रा , जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से शमीना सिद्दीकी , आपका ब्राइट फ्यूचर की लक्ष्मी पवार , भुवनेश्वरी महिला आश्रम की निधि कुकरेती ,संगिनी सोसायटी की संगीता सिंह , इम्पॉवरिंग पीपुल की ईशा डेविड सती आदि शामिल थे ।