भारत ने रूसी हमले को यूक्रेन के लिए गंभीर संकट बताने के साथ कूटनीतिक तरीके से हल करने की बात कही है। पर, असल में भारत के लिए यह कूटनीतिक कौशल की बड़ी परीक्षा है।पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करके अमन की अपील के साथ अपनी चिंताएं बताई हैं। वहीं, यूक्रेन ने भी भारत से मदद की गुहार लगाई है। भारत ने रूसी हमले को यूक्रेन के लिए गंभीर संकट बताने के साथ कूटनीतिक तरीके से हल करने की बात कही है। पर, असल में भारत के लिए यह कूटनीतिक कौशल की बड़ी परीक्षा है। सबकी निगाहें लगी हैं कि भारत कैसे संतुलन बनाएगा। भारत की उलझन के चार कारण.. पश्चिमी देश रूस की कार्रवाई को अनदेखा करने और दोहरे मापदंड अपनाने के तौर पर देखते हैं, लेकिन चीन के मामले में भारत इसे क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के तौर पर उठाता रहा है।भारत के रूस के साथ सामरिक संबंध और सैन्य जरूरतों के लिए निर्भरता बड़ा कारण है। भारत की 60-70 फीसदी सैन्य उपकरणों की आपूर्ति रूस से होती है। चीन के साथ जारी तनाव के बीच यह और जरूरी है। भारत के 20,000 से अधिक छात्र व नागरिक यूक्रेन में रहते हैं। काफी रूस की सीमा के नजदीक रहते हैं। ज्यादातर मेडिकल छात्र हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर चिंता है। उनकी वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं। भारत ने लगातार कहा कि कूटनीतिक स्तर पर मैत्रीपूर्ण तरीके से हल निकालना चाहिए। भारत के सामने संकट यह है कि किसी भी पक्ष पर असहयोगी रुख अपनाने का दोष नहीं लगा सकता। पश्चिमी देश रूस पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुतिन नाटो के विस्तार को कारण बता रहे हैं। भारत के सामने सिद्धांत-नैतिक मूल्यों व व्यवहारवाद संबंधों में से किसी एक को चुनने की चुनौती है।
यूक्रेन और रूस के हमले के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आज फोन पर बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच हो रही हिंसा को तुरंत बंद करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिये की मतभेदों को सुलझाया जा सकता है. बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बारे में बताया. इस दौरान, प्रधानमंत्री ने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया.
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि रूस और नाटो ग्रुप के बीच मतभेदों को केवल ईमानदार और वास्तविक बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल हिंसा खत्म करने की अपील की और सभी पक्षों से राजनयिक वार्ता तथा संवाद के रास्ते पर लौटने के लिए ठोस कोशिशें करने का आह्वान किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों खासकर छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और भारत की चिंताओं से रूसी राष्ट्रपति को अवगत भी कराया. उन्होंने कहा कि अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. दोनों देशों के नेताओं ने सहमति व्यक्त की है कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हित के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे.
यूक्रेन में फसे उत्तराखंड के नागरिकों के लिए नया आदेश जारी!
उत्तराखण्ड राज्य से विभिन्न कार्यो, यथा- शिक्षा एवं व्यवसाय हेतु राज्य के नागरिक यूक्रेन में निवासरत हैं। वर्तमान में यूक्रेन में राजनीतिक परिस्थितियों के दृष्टिगत यूक्रेन में निवासरत उत्तराखण्ड राज्य के नागरिकों का विवरण, यथा- उनका नाम, उत्तराखण्ड राज्य एवं यूक्रेन में पता, मोबाईल नम्बर, ई-मेल, पासपोर्ट नम्बर इत्यादि प्राप्त किया जाना अपरिहार्य है, जिससे कि उनकी सुरक्षा के संबंध में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से अंग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही की जा सके।