यमकेश्वर ; यहाँ भूम्या (भूमि) देवता का विशाल भंडारा व मेले का आयोजन आयोजन सपन्न हुआ।
मान्यता है कि गांव पर संकट आने से पहले ही भूम्या देवता गांव वासियों को आवाज देकर सावधान कर देते है।
गाँव मे कोई भी सुभ कार्य से पहले भूम्या देवता के आगे अपनी अर्जी लगाते है ग्रामवासी,
कार्य सम्पन्न होने के पश्चात अपनी इच्छाओं के अनुसार लोग गुड़ की भेली, व भंडारा कर भूम्या देवता का आशिर्वाद लेनॉ कभी नही भूलते।
उत्तराखंड केसरी के लिए
तिमली निवासी श्री राजेन्द्र नेगी की रिपोर्ट ।
क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं व सामाजिक कार्यों से सबंधित मसलों पर सक्रिय भूमिका निभाने में हर समय तत्पर रहते है।
आज पौड़ी गढवाल यमकेश्वर के ग्राम सभा तिमली और ग्राम सभा गुमालागांव बड़ा के मध्य श्री भूम्या देवता मन्दिर में विशाल भंडारे और मेला का आयोजन आर्शीवादी रूप में सम्पन्न हुआ, मान्यता है कि दशकों पहले श्री भूम्या देवता किसी अनहोनी घटना होने की आशंका को पहले ही आवाज देकर गाँव और क्षेत्र वालों को सूचित एवं सावधान कर देता था, यह पवित्र स्थल ग्राम तिमली बड़ी एवं ग्राम चूब्याणी के मध्य एक ऊंची शिखर पर है, वैसे 80,के दशक में मन्दिर निर्माण की अलख स्व० श्री दयाल सिंह नेगी तिमली बड़ी ने जगाई थी,लेकिन किन्हीं कारणों से उनका सपना पूरा न हो सका, फिर समस्त गाँव एवं क्षेत्र वासीयों ने मन्दिर बनवाने की प्रतिबद्धता जताई फिर 2018 में समस्त क्षेत्रवासीओं के अविश्वसनीय सहयोग से मन्दिर के लिए चन्दा इकठा किया गया और श्री भूम्या देवता मन्दिर निर्माण कार्य शुरू हुआ जिससे समस्त क्षेत्रवासीओं के अविश्वसनीय सहयोग से मन्दिर निर्माण का कार्य संपन्न हुआ तब से 11जनवरी को हर वर्ष यहाँ भव्य मेला, मनाण एवं भन्डारे का आयोजन होता है, मान्यता है कि अगर किसी ने शीतल हृदय से कुछ मनोकामना मांगी तो वह निश्चित ही पूरी होती है, बशर्ते है कि हृदय निर्मल एवं स्वच्छ होना चाहिए, मन्दिर का ऊंची शिखर पर होने के कारण यहां पर पानी की समस्या रहती थी लेकिन मन्दिर समिति एवं सभी भक्तजनों के सहयोग से पानी की किल्लत से भी निजात मिल गई है, आपसे विनम्र निवेदन है कि एक बार श्री भूम्या देवता मन्दिर आकर आर्शीवाद प्राप्त करें, यह स्थान जितना पवित्र है उतना ही रमणीय भी है ! जय श्री भूम्या देवता, रिपोर्टर राजेन्द्र सिंह नेगी ग्राम तिमली छोटी,