- • बीन नदी पर मोटर पुल बनाया जाए।
- • कौड़िया किमसार मोटर मार्ग का डामरीकरण किया जाए।
- • तल्ला गंगा भोगपुर में तटबंध बनाया जाए।
- • जनता इंटर कॉलेज चमकोटखाल और जनता इंटर कॉलेज किमसार का राजकीयकरण किया जाए।
- • कौड़िया-विंध्यवासिनी ताल कंडरा रोड को ऑलवेदर रोड बनाई जाए।
यमकेश्वर। राजधानी देहरादून से सबसे नजदीकी यमकेश्वर विधानसभा के डांडामंडल क्षेत्र के ग्रामीणों ने बीन नदी पर पुल निर्माण सहित छह प्रमुख मांगों की अनदेखी होने पर “विकास नहीं तो वोट नहीं” का बिगुल फूंक दिया है। डांडामंडल के 20 गांवों के 250 से अधिक लोगों ने किमसार में महापंचायत की। जिसमें प्रदेश सरकार पर राजाजी टाइगर रिजर्व की आड़ में क्षेत्र का विकास कार्य ठप करने का आरोप लगाया।
बृहस्पतिवार को किमसार में हुई महापंचायत में 20 गांवों के ग्रामीण, प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। ग्रामीणों ने क्षेत्र में विकास नहीं तो वोट नहीं का संकल्प लिया। ग्राम प्रधान मल्ला बणास श्री बचन बिष्ट ने बताया कि प्रदेश की तत्कालीन सरकारों की ओर से यमकेश्वर के डांडामंडल क्षेत्र की उपेक्षा की गई। जिससे क्षेत्र करीब 40 गांव में विकास ठप है। बीन नदी में मोटर पुल न होने से बरसात में डांडामंडल के 40 गांवों का संपर्क ऋषिकेश से कट जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से राजनीतिक पार्टियों ने बीन नदी के मोटर पुल को चुनावी मुद्दा बनाया। राजनीतिक पार्टियों ने ग्रामीणों को झूठे आश्वासन दिए। कई विकास कार्यों को राजाजी टाइगर रिजर्व के नाम पर रोक दिया है। दीपक विष्ट गढप्रेमी ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व के नाम सड़कों का निर्माण नहीं किया जा रहा है।
ये प्रमुख गाँव है।
किमसार ,डिबराणा, धारकोट, रामजीवाला, भूमियाकीसार, कसाण, कंटरा, बुकंडी, काटल, माला, शीला, कचुंड, तल्ला बणास, मल्ला बणास, गुंडी, आवई, ताछला, अमोला, ताल बांधणी, कौड़िया, विंध्यवासनी।
क्षेत्र की जनता क्यो विरोध कर रही है लोकसभा 2024 का देखिये वीडियो
इन गांवों के लोगों ने 2015 में 6 महिने तक धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन किया था तब कांग्रेस सरकार ने जन दबाव के कारण कौडिया से तल्ला बनास पार्क क्षेत्र में 6 करोड़ 26लाख की स्वीकृति कर कैमिकल से सड़क पक्की करवायी,,
कहां आ रही सबसे ज्यादा समस्या
ग्राम प्रधान बचन बिष्ट ने बताया कि डांडामण्डल की लाइफलाइन कही जानी वाली सड़क में सबसे बड़ी समस्या कोडिया से कांडाखाल के बीच 8 किलोमीटर वन क्षेत्र जोकि राजाजी पार्क के अधीन आता है वही सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है। वन कानून के चलते इस जगह पर सड़क नही बन पा रही है , जंगल के बीच से सफर करना किसी खतरे से कम नही है।
उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद से ही बीन नदी पुल के लिए यहां का आम जनमानस लामबंद है, किन्तु प्रशासन के नियमों ने फाईल आगे नहीं बढने दी, जबकि वर्ष 2020 में दो बार पुल बनने की घोषणा एवं टेण्डर पास होने की खबर प्रकाशित होने के बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है, जो कि बहुत ही निराशाजनक परिणाम है। क्षेत्रवासी यमकेश्वर क्षेत्र की अन्य सड़कों का डामरीकरण एवं निर्माण को लेकर काफी समय से प्रयासरत थे लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो जनता सरकार और प्रशासन के खिलाफ आक्रोशित होकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का संकल्प लेने को मजबूर हुई।
इन्ही मूलभूत सुविधाओं को लाकर यमकेश्वर क्षेत्र के डांडामण्डल क्षेत्र के निवासियों ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पूर्व आज किमसार क्षेत्र में सम्पूर्ण क्षेत्रवासियों द्वारा बैठक में भाग किया गया और सामुहिक रूप से चुनावों का पूर्ण बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। क्षेत्रवासियों का कहना है कि राजधानी और तीर्थ नगरी, योगनगरी के करीब होने के बावजूद भी आजादी के 75 साल और राज्य बनने के 24 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से बंचित हैं, जिसमें मुख्यतः सड़क, अस्पताल और शिक्षा मुख्य है।
इस कार्यक्रम में प्रधान पिंकी देवी देवराना, पूर्व प्रधान सोहन नेगी किमसार एवं भाजपा के न्याय पंचायत अध्यक्ष,, पूर्व प्रधान राजपाल नेगी, तल्ला बनास भाजपा प्रभारी किमसार,, पूर्व प्रधान पुनिता देवी धारकोट, साधना पंवार महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष यमकेशवर,,सोहन गिरी क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि, दीपक बिष्ट किमसार, धर्मपाल रावत दरियाल, अरविंद देवरानी देवराना, डॉ कुकरेती धारकोट, राजेन्द्र रावत धारकोट, मुकुल बिष्ट,दीपक नेगी, सुरेन्द्र बिष्ट दीपक गढप्रेमी , महिपाल रावत, राजू बिष्ट उलेला, सतेन्द्र नेगी किमसार, चन्द्रकला बिष्ट, राजकुमारी धारकोट पूजा बिष्ट कसाण ,सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे, अगली बैठक एक सप्ताह बाद होगी।।।