यमकेश्वर! बाजार से घर आ रही महिलाओं पर भालुओं ने किया हमला,
यमकेश्वर-: (सुदेश भट्ट) जिला पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत क्षेत्र पंचायत व ग्राम सभा बूंगा की सीमा से लगती ग्राम सभा घायखाल के ग्रामीणों पर दो जंगली भालुओं द्वारा हमला कर गंभीर रुप से घायल कर दिया गया है जिससे बूंगा घायखाल नैल व कुमार्था ग्राम सभा के ग्रामीणों मे भय का माहोल ब्याप्त है!
घटना शाम साढे चार बजे की है जब ग्रामींण नैल जुकाणः से रोज मर्रा की खरीददारी कर वापस गांव लौट रहे थे तो गांव के समीप ही दिन दहाड़े दो जंगली भालूओं ने उन पर जान लेवा हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया क्षेत्र पंचायत बूंगा पूर्व सैनिक सुदेॆश भट्ट ने बताया कि जंगली भालुओं द्वारा 48 वर्षीय श्रीमति सुशीला देवी धर्म पत्नी श्री रमेश सिंह, सोनिया पूत्री श्री रमेश सिंह 12 साल व सोनम पुत्री श्री रंजीत सिंह 12 साल पर जानलेवा हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। भालूओं द्वारा इनके गले पर दांत व नाखुनों से हमला कर लहु लुहान कर दिया गया जिससे तीनों घायल हैं व उनकी स्थिति नाजुक बनी हुयी है ! उनके पिछे से आ रहे अन्य ग्रामीणों द्वारा उक्त पिडितों पर झपटे भालुओं को किसी तरह भगाया गया लेकिन तब तक ये काफी उनको लहु लुहान कर चुके थे, आज भी सडक मार्ग से बंचित घायखाल मूलभूत समस्याओं से जुझ रहा है जिसका ज्वलंत उदाहरण घायल होने के बाद भी सुविधाओं के अभाव मे घायलों को अस्पताल पहुंचाने मे साढे पांच घंटे का समय लगा!
क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा सुदेश भट्ट ने बन विभाग से घायलों को शीघ्र ही ढाई ढाई लाख का उचित मुवावजा दिलाने की मांग करते हुये निकट भविष्य मे स्थानीय ग्रामीणों के साथ इस तरह की घटना घटित ना हो इन भालुओं को शीघ्र ही पकडने या मारने के आदेश जारी करने की गुहार लगाई! क्षेत्र पंचायत बूंगा सहित स्थानीय जन प्रतिनिॆधि ग्राम प्रधान घायखाल चंद्र मोहन रौथांण, ग्राम प्रधान नैल सुनील नवानी, ग्राम प्रधान कुमार्था रीना रावत व ग्राम प्रधान बूंगा अनिता देवी ने बताया कि यदि विभाग द्वारा ईस घटना से पिडित परिवारों को उचित मुवावजा व भालूओं को पकडने या मारने के आदेश जारी नही किये जाते तो समस्त प्रतिनिधियों के नेतृत्व मे स्थानीय जनता वन विभाग के कार्यालय मे तालाबंदी को बाध्य होगी! क्षेत्र पंचायत बूंगा सुदेश भट्ट ने बताया कि ग्राम प्रधान घायखाल चंद्रमोहन रौथांण घायलों के साथ ऋषिकेश सरकारी अस्पताल मे बराबर खड़े हुये हैं व स्वयं स्थिती पर नजर रखे हुये हैं,साथ ही सुदेश भट्ट ने बताया कि वनाग्नि के कारण जंगली जानवर रिहायसी क्षेत्र मे घुसपैठ कर ईंसानो पर हमला कर रहे हैं जिस कारण खासकर बच्चों मे जो तीन तीन किमी दुर से जंगली रास्तों से पानी लाने को मजबुर हैं कभी भी इस तरह की घटना का शिकार हो सकते हैं यदि विभाग द्वारा जल्द ही जनहित मे कोई ठोस कार्यवाही नही की जाती तो पिडित क्षेत्र के प्रतिनिधि वन विभाग के कार्यालय मे तालाबंदी को मजबुर होंगे