नैनीताल उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में गांजे की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़ी गई है कासगंज सहावर पुलिस और एसओजी ने गांजा तस्करी के अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है पुलिस ने तीन तस्करों से 1600 किलो गांजा पकड़ा है पकड़े गए गांजे की कीमत करीब पौने ₹20000000 आंकी गई है। पुलिस इस मामले में
अन्य लोगों के शामिल होने और माल कहां कहां सप्लाई किया जाता था इन सभी लोगों का पता लगाने में जुट गई है इस मामले में अब नैनीताल पुलिस भी पता लगाने में जुट गई है। खास बात यह भी है कि पकड़े गए तस्करों ने दावा किया है कि यह गांजा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में इसे सप्लाई किया जाता था। खासकर नैनीताल का नाम लेकर कहा है कि वहां पर्यटकों की बड़ी संख्या में आमद होती है, इसलिए वहां गांजे की खपत भी अधिक होती है, और वहां इसकी अच्छी कीमत भी मिल जाती है। इस बड़े खुलासे पर गृह विभाग उत्तर प्रदेश ने खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एक लाख रुपये, डीआईजी आगरा ने 40 हजार रुपये और एडीजी आगरा पुलिस ने 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
कासगंज के एसपी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि पकड़े गए अंतरराज्यीय गांजा तस्कर दक्षिण भारत के विशाखापट्नम से सड़क मार्ग से आयसर के टेंकर में पानी की टंकियों में भरकर गांजा लाते थे, और यह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता था। कासगंज पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर जाल बिछाकर गांजा तस्करी में लिप्त तीन आरोपितों देवदत्त, कमल और विष्णु को सहावर के चांडी तिराहे से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के हवाले से बताया कि बरेली में दादा ठाकुर नाम के व्यक्ति को यह सप्लाई देनी थी। बताया कि ये लोग तस्करी के दौरान कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे, जिससे इनके रैकेट को कोई ट्रेस न कर सके। पुलिस ने इन तीनों तस्करों पर एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्यवाही शुरू कर दी है। एसपी कासगंज ने बताया कि, इस गांजा तस्करी के रैकेट में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है, वो चाहे किसी भी प्रदेश में रह रहे हों उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि ये उत्तर भारत से गाड़ी लेकर दक्षिण भारत के विशाखापट्टनम जाते थे और वहां से तस्करी कर गांजा आयसर टैंकर में रखी पानी की टंकी में भरकर लाते थे। टेंकर में आगे रखी हुई पानी की टंकियों को खाली रखा जाता था और पीछे रखी पानी की टंकियों में अंदर पैकेट में गांजा छिपाकर रखा जाता था जिससे चेकिंग करते समय पुलिस को कुछ न मिले। बताया जा रहा है कि गांजा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड खासकर नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता था जानकारी के अनुसार नैनीताल में काफी डिमांड रहती है पर्यटकों के यहां आने के कारण कीमत भी अच्छी मिल जाती है माना जा रहा है कि अब नैनीताल पुलिस भी स्थानीय स्तर पर गांजे की तस्करी में संलिप्त लोगों की जांच कर सकती हैं।