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- देहरादून :-उत्तराखंड सरकार गांव में प्रवासियों के क्वंरटाईन किए जाने की व्यवस्था दुरूस्त करें- प्रीतम सिंह उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य के गांवों में जा रहे प्रवासियों के उचित तरीके से क्वारंटाईन किए जाने और उनकी ढंग से थर्मल टेस्टिंग किए जाने की व्यवस्था किए जाने की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है ।
प्रीतम सिंह ने आज यहां कहा कि अभी जिस तरह से पिछले एक हफ्ते में प्रवासी उत्तराखंड में आए हैं । दिन प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या में गति बढ़ती नजर आ रही है ।उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी भाइयों का उत्तराखंड में स्वागत है परंतु सरकार द्वारा उनका ठीक से टैस्ट और क्वारंटाईन ना किये जाना ,गांव में उनकी देखरेख की कोई ठीक से व्यवस्था ना होना, स्कूलों में पीने के पानी ,बिजली सैनिटाइजर मास्क आदि की व्यवस्था ना होना गांव गांव में चर्चा और चिंता का विषय बने हुए हैं। ।
उत्तराखंड कांग्रेस के महामंत्री संगठन विजय सारस्वत और उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कांग्रेस अध्यक्ष का बयान जारी करते हुए कहा कि क्वॉरेंटाइन किए जाने के मामले में सरकार की लापरवाही उत्तराखंड की जनता पर भारी पड़ सकती है। ऐसी आशंका है कि अगले एक महीने में कोरोना पॉजिटिव के लोगो की राज्य में संख्या सैकडो में जा सकती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि अपना सारा ध्यान अब केन्द्र के फैसलो पर लगाएं । बजाय इसके कि दिल्ली से जो “सूखे बयान” जारी हो रहे हैं उन पर ध्यान ना दें। उन्होंने कहा कि सारा देश जानता है कि देश के कोने कोने में प्रवासी मजदूर और कामगार सरकारों की लापरवाही के चलते दुर्घटनाओं और मौत का शिकार हो रहे हैं और उत्तराखंड में भी अगर हम लोगों को यहां आ रहे लोगों को बचाना है और इज्जत की जिंदगी देनी है तो उनकी ठीक से क्वारंटाईन किए जाने की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने फिर से इस बात को दोहराया कि ग्राम प्रधान को मात्र ₹10000 देने से सरकार के कर्तव्यों की इतिश्री नहीं होगी। उन्होंने मांग की कि सरकार ₹200000 का कम से कम ग्राम पंचायतों के लिए रिवाल्विंग फंड बनाएं जिससे कि थोड़ा कम परेशानी से प्रधान आगंतुक प्रवासियों की देखरेख व सुरक्षा कर सके।
कांग्रेसी नेताओं ने इस बीच कल देश के कई हिस्सों में 3 दर्जन से ज्यादा अपने गांव को लौट रहे कामगार प्रवासियों की दुर्घटनाओं पर हुई मौत पर गहरी दुख और चिंता का इजहार किया है और ऊपर वासियों को अपने गांव लाते हुए उनकी संपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था किए जाने की केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की है।
इस बीच विजय सारस्वत और धीरेन्द्र प्रताप ने कल पौडी जनपद के रिखणीखाल विकासखंड के ग्राम रेवा के एक विद्यालय में और आंटी की गई दिल्ली की एक प्रवासी महिला की मौत पर जरा दुख और चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में जो विद्यालय में 18 सेंटर बनाए गए हैं वह भी एक तरह से उनके लाक्षागृह बनते हुए दिखाई दे रहे हैं उन्होंने सरकार से मांग की की करंट इन सेंटरों के गठन के वक्त उसकी पूरी जिम्मेदारी एसडीएम और तहसीलदारों पर छोड़ी जाए और जहां पर भी ऐसी घटनाएं घट रही है उसके दोषी लोगों को कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए ऐसा नहीं है कि लोगों को करंट इन सेंटरों में मरने के लिए छोड़ दिया जाए उन्होंने मृतक महिला के परिवार को समुचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।