40 साल पहले बेहमई कांड के मुख्य वादी राजाराम की सोमवार को मौत
कानपुर देहात: जिले में 40 साल पहले हुए बेहमई कांड के मुख्य वादी राजाराम की सोमवार को मौत हो गई। वह 85 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उन्होंने फूलन देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। फूलन देवी ने मृतक के सगे भाई और भतीजों समेत परिवार के 6 लोगों की हत्या कर दी थी। घटना जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में हुई थी।
वादी राजाराम की बीमारी के चलते मौत
लोगों को हमने कहते सुना है कि लोगों की उम्र तो हो जाती है लेकिन न्यायालय में चल रहे मुकदमों की कभी उम्र नहीं होती है उनमें तो कागज के कागज लगकर फाइलें मोटी हो जाती हैं बचपन से लेकर बुढ़ापे तक चप्पले तक जाती हैं लेकिन न्यायालय में चल रही फाइलों में शिवाय तारीखों के और कुछ नहीं मिलता दामिनी फिल्म का वह सीन इन बातों को सुनकर याद आ जाता है जब सनी देओल कोर्ट में मजिस्ट्रेट से कहते हैं कि मुश्किल के घरों में जलने वाले चूल्हे की रात तक ठंडी होकर बिखर जाती है लेकिन इंसाफ के नाम पर मिलती है तो सिर्फ तारीख औरतों के मंगलसूत्र तक बिक जाते हैं।
लेकिन मिलती है सिर्फ तारीख जिसका जीता जागता उदाहरण कानपुर देहात के वे माही नरसंहार कांड से जुड़ा हुआ है जिसके वादी राजाराम ने बचपन से लेकर जवानी तक न्यायालय के चक्कर काट काट कर आज इंसाफ के इंतजार में पंचतत्व में विलीन हो गए लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिलाराजाराम ने बचपन से लेकर जवानी तक न्यायालय के चक्कर काट काट कर आज इंसाफ के इंतजार में पंचतत्व में विलीन हो गए लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिला बेहमई कांड के वादी राजाराम की बीमारी के चलते मौत।
फूलन देवी ने की थी 20 लोगों हत्या
14 फरवरी 1981 को जिले के बेहमई गांव में डकैत फूलन देवी ने लाइन से खड़ा करके 20 लोगो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद विदेशी मीडिया ने भी जिले में डेरा डाला था। वादी राजाराम ने फूलन समेत 36 डकैतों पर हत्या व लूटपाट का मुकदमा राजपुर थाने में दर्ज कराया था। इस कांड के बाद ही बेहमई गांव में पुलिस ने रिपोर्टिंग चौकी बनाई थी। वादी राजाराम हर तारीख पर न्याय पाने की आस में सुनवाई के लिए जिला न्यायालय पहुंचते थे।