Saturday, July 27, 2024
Latest:
रुद्रप्रयाग

घोर कलयुग मे मदमहेश्वर के दर्शन करने मात्र से मनुष्य धन्य हो जाता है।ऊखीमठ से लक्ष्मण सिंह नेगी की ख़ास रिपोर्ट,

 

ऊखीमठ : पंच केदारो में मदमहेश्वर धाम को द्वितीय केदार के नाम से जाना जाता है! मदमहेश्वर धाम में भगवान शंकर के मध्य भाग की पूजा होती है! भगवान मदमहेश्वर को न्याय का देवता माना जाता है! उत्तराखंड के चार धामों की तर्ज़ पर भगवान मदमहेश्वर की छ: माह ग्रीष्मकालीन पूजा मदमहेश्वर धाम व छ: माह शीतकालीन पूजा ऊखीमठ में होती है : कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है! मदमहेश्वर धाम सीमान्त गाँव गौण्डार से लगभग दस किमी दूर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान है! जो व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ मोह, अंहकार त्याग कर भगवान मदमहेश्वर की पूजा- अर्चना करता है वह सांसारिक सुखो को भोग कर अन्त में मोक्ष को प्राप्त होता है, जो मनुष्य भगवान मदमहेश्वर का स्मरण मात्र भी करता है उसके जन्म- जन्मान्तरो से लेकर युग – युगान्तरो के पापों का हरण हो जाता है, भगवान मदमहेश्वर के पावन धाम की महिमा शिव पुराण केदारखण्ड के अध्याय 47 के श्लोक संख्या 1 से लेकर 49 तक विस्तार से किया गया है, केदारखण्ड में भगवान शंकर स्वयं जगत जननी माता पार्वती से कहते है कि हे प्रिये ——- मैने तुम्हे जो केदार भवन बताया है था उसके दक्षिण भाग में तीन योजन की दूरी में विराजमान मदमहेश्वर धाम को तीनों लोको मे छिपाया गया क्षेत्र है, उसके दर्शन से मनुष्य सदा स्वर्ग में वास करता है! श्लोक संख्या 48 में वर्णित है कि घोर कलयुग मे मदमहेश्वर के दर्शन करने से मनुष्य धन्य हो जायेगें, इसलिए राज्य और पुत्रों को भी छोडकर मदमहेश्वर तीर्थ में निवास कर भगवान शंकर का स्मरण करना चाहिए! मान्यता है जो व्यक्ति भगवान मदमहेश्वर की महिमा को सुनता या पढता है वह शिवलोक में पूजनीय होता है! जो व्यक्ति मदमहेश्वर तीर्थ में स्नान, दान, जप, पूजा, अर्चना, जलाभिषेक, व दर्शन करता है उसे समस्त तीर्थों में स्नान व सम्पूर्ण पृथ्वी के तीर्थों के महात्म्य् के बराबर फल मिलता है! जो मनुष्य मदमहेश्वर तीर्थ में में एक उडद के दाने के बराबर सोने का दान करता है वह हजारों जन्मो में दरिद्रता से पीड़ित नहीं होता है! लोक मान्यताओं के अनुसार मदमहेश्वर तीर्थ की प्राचीन कथा नेपाल के राजा यशोधवल से जुड़ी हुई है! कहा जाता है कि राजा यशोधवल की चौर गाय नेपाल से आकर भगवान मदमहेश्वर के स्वयं भू लिंग पर दूध अर्पित करती थी! यह भी कहा गया है कि जब पांचो पाण्डव केदारनाथ धाम में भगवान शंकर के दर्शन करने के बाद मदमहेश्वर धाम होकर बद्रीनाथ धाम जा रहे थे तो पाण्डवों द्वारा मदमहेश्वर धाम में पित्र शिला पर अपने पूर्वजों पाण्डु, कुन्ती, धृतराष्ट्र, गान्धारी व भीष्म पितामह की एक शिला पर पिण्ड रुप में स्थापना कर पित्र तर्पण दिये गये थे! भगवान मदमहेश्वर के मन्दिर परिसर में क्षेत्रपाल, उदक कुण्ड, गौरीशंकर, पार्वती, मन्दिरों के अलावा गौमुखी, जलधारा, सरस्वती कुण्ड के दर्शन भी किये जा सकते हैं! भगवान मदमहेश्वर के मन्दिर से लगभग 300 मीटर की दूरी पर क्षेत्रपाल मन्दिर है जहां पर ताबे के सिक्के चढाने की परम्परा है! भगवान मदमहेश्वर के तीर्थ से लगभग तीन किमी की दूरी पर मदमहेश्वर धाम के क्षेत्र रक्षक धौला क्षेत्रपाल विराजमान है! भगवान मदमहेश्वर को ताबे के बर्तन अति प्रिय है इसलिए इस तीर्थ में ताबे के बर्तनों का विशाल भण्डार है! आचार्य विश्व मोहन जमलोकी का कहना है कि भगवान मदमहेश्वर न्याय के देवता माने जाते है इसलिए जो मनुष्य सच्ची कामना लेकर भगवान मदमहेश्वर की शरणं में जाता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है! जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा, मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट्, दीपक पंवार, रमेश चन्द्र गोस्वामी मदन पंवार, कुन्ती नेगी बताते है कि ऊखीमठ से मनसूना-रासी मोटर मार्ग से अकतोली तक निजी वाहनों से पहुंचा जा सकता है तथा वहाँ से गौण्डार, नानौ होते हुए 16 किमी दूरी पैदल तय करने के बाद मदमहेश्वर धाम पहुंचा जा सकता है!

Rajnish Kukreti

About u.s kukreti uttarakhandkesari.in हमारा प्रयास देश दुनिया से ताजे समाचारों से अवगत करना एवं जन समस्याओं उनके मुद्दो , उनकी समस्याओं को सरकारों तक पहुॅचाने का माध्यम बनेगा।हम समस्त देशवासियों मे परस्पर प्रेम और सदभाव की भावना को बल पंहुचाने के लिए प्रयासरत रहेगें uttarakhandkesari उन खबरों की भर्त्सना करेगा जो समाज में मानव मानव मे भेद करते हों अथवा धार्मिक भेदभाव को बढाते हों।हमारा एक मात्र लक्ष्य वसुधैव कुटम्बकम् आर्थात समस्त विश्व एक परिवार की तरह है की भावना को बढाना है। हम लोग किसी भी प्रतिस्पर्धा में विस्वास नही रखते हम सत्यता के साथ ही खबर लाएंगे। हमारा प्रथम उद्देश्य उत्तराखंड के पलायन व विकास पर फ़ोकस रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *