Tuesday, July 2, 2024
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राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के वो बडे 6 फैसले जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है

राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के वो बडे फैसले जिन्हे जानना आपके लिए जरूरी है

 

अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 40 दिनों की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया। पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया। आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 6बड़ी बातें…

01 कोर्ट ने कहा- मंदिर के लिए बनाएं ट्रस्ट: शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी।

02 मध्यस्थता करने वालों की प्रशंसा: सुप्रीम कोर्ट ने विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले जस्टिस कलिफुल्ला, श्रीराम पांचू और श्रीश्री रविशंकर की प्रशंसा की। साथ ही निर्मोही अखाड़े को मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में जगह दी जाए, हालांकि यह केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा.

03 मस्जिद गिराना कानून का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट: बाबरी मस्जिद विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन है। अदालत ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि तीन महीने के भीतर मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट बनाया जाए और मुस्लिम पक्ष को अलग से पांच एकड़ जमीन दी जाए। इस जमीन पर नई मस्जिद बनाई जाएगी.

04 सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना दावा रखने में विफल हुआः कोर्टः अदालत ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या विवाद में अपना दावा रखने में विफल हुआ है। मुस्लिम पक्ष ऐसे सबूत पेश करने में विफल रहा है कि जिससे यह साबित हो सके कि विवादित जमीन पर सिर्फ उसका ही अधिकार है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अलग जमीन दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि मुस्लिमों को नई मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाए.

05 मुस्लिम अंदर नमाज पढ़ते थे और हिंदू बाहरी परिसर में पूजा करते थेः यह स्पष्ट है कि मुस्लिम अंदर नमाज पढ़ा करते थे और हिंदू बाहरी परिसर में पूजा किया करते थे। हालांकि हिंदुओं ने गर्भगृह पर भी अपना दावा कर दिया। जबकि मुस्लिमों ने मस्जिद को छोड़ा नहीं था

06 कोर्ट ने कहा- रामजन्मभूमि कोई व्यक्ति नहींः अदालत ने यह भी कहा कि रामजन्मभूमि कोई व्यक्ति नहीं है, जो कानून के दायरे में आता हो। अदालत ने कहा कि आस्था के आधार पर फैसले नहीं लिए जा सकते हैं। ये विवाद सुलझाने के लिए सांकेतक जरूर हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में राम चबूतरा और सीता रसोई में पूजा हुआ करती थी। इस बात के सबूत हैं कि हिंदुओं के पास विवादित जमीन के बाहरी हिस्से का कब्जा था।

 

Rajnish Kukreti

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