भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर कमर कस लिया है। ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए उमा भारती ने एक बार फिर नशामुक्ति अभियान चलाने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि राज्स्व भाड़ में जाए, चाहें लोग भूखे मर जाएं लेकिन शराब बंद होना चाहिए। उमा भारती ने आगे कहा कि अगर मेरा वश चले तो मैं आज ही शराबबंदी लागू कर दूं। उमा भारती ने कहा, ‘मैंने कहा था यह आंदोलन नहीं अभियान है। 8 मार्च को महिला दिवस है और उसी दिन से ये अभियान शुरू होगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी में स्वचेतना का जागरण होना चाहिए। मैं शिवराज और वीडी शर्मा से सहमत हूं और वह मुझसे सहमत हैं।
उमा भारती ने आगे कहा कि प्रदेश में शराबबंदी ही नहीं नशाबंदी होनी चाहिए जो जागरण अभियान से भी अच्छा है। सलाह देते हुए उमा भारती ने कहा कि सरकार को यह करना है नियम विरुद्ध दुकानें न खोली जाएं। आबकारी नियमों का पालन किया जाए, क्योंकि दो नम्बर की जो शराब बनती है वही अधिकतर जहरीली होती है। वह पूरी तरह से बंद हो। उमा भारती ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कितने महीने तक लोगों ने शराब नहीं पी और कोई नहीं मरा। जैसे ही दुकानें खुलीं लोग मरना शुरू हो गए। इससे साफ हो गया है कि शराब पीने से लोगों की जान जाती है।
उमा भारती यहां तक कह गयीं कि मैंने शिवराज जी से कहा है जैसे ही राजस्व का रास्ता निकल आये आप शराबबंदी और नशाबंदी दोनों की तरफ आइए। मुझे शराब से इतनी नफरत है कि मेरा बस चले तो लोग भूखों मरते हैं तो मर जाएं राजस्व गया भाड़ में बस शराब बंद करो। उन्होंने आगे कहा कि मैं यह अभियान जरूर चलाऊंगी क्योंकि यह मेरी आस्था है शराबबदी हो। राम मंदिर निर्माण में मेरी आस्था थी लेकिन उसमें 30 साल लग गए पर शराबबंदी में ज्यादा समय नहीं लगेगा। आपको बता दें कि उमा भारती ये मानती हैं कि शराबखोरी से महिलाएं ज्यादा पीड़ित होती हैं। शराब पीकर मारपीट-अत्याचार और ज़ुल्म उन्हीं पर ढाए जाते हैं।