नई दिल्ली, टीम डिलीटल: यूपी पुलिस से रिटायर हुआ एक हेड कांस्टेबल तीन सालों तक ग्रेटर नोएडा के चिपयाना गांव की पंचशील कालोनी के उस घर में चैन की नींद सोता रहा जहां उसकी बहू और दो मासूम पोतों की हत्या के बाद उन्हें उसी घर के बेसमेंट में दफना दिय गया और फिर सीमेंट की दीवार बना कर ढक़ दिया गया। इन तीन सालों में वह एक दिन भी न तो डरा और न ही किसी से घर में बहू और दोनों पोतों की कत्लगाह के बारे में किसी को भनक तक नहीं लगने दी। लापता हुई बहू और दोनों पोतों की पहले गुमशुदगी और फिर अपहरण का मुकदमा दर्ज करने वाली पुलिस भी इस कत्लगाह में कई बार आई लेकिन वह भी न भांप सकी कि इस घर में इतनी गहरी साजिश रच कर लोग चैन की नींद सो रहे है लेकिन बुधवार की रात रिटायर्ड हेड कांस्टेबल के घर की जब कासगंज जिले की पुलिस ने खुदाई की तो तीन नरकंकाल मिले। इसके बाद तीन साल पहले एक कत्ल का राज खुला। इस कत्ल के इल्जाम में कासंगज पुलिस ने रिटायर्ड पुलिस कर्मी, हत्या कर पत्नी व बच्चों को दफन करने वाले उसके बेटे व जिस महिला पुलिस कर्मी के प्यार में पागल होकर उसने इतना बड़ा कांड कर दिया उस महिला पुलिस कर्मी और इस साजिश में शामिल अन्य तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
रिटायर्ड पुलिस कर्मी ने ही बेटे को दी थी कत्ल के बाद दफनाने की राय
गिरफ्तारी के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपने घर को पत्नी व बच्चों की कत्लगाह के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए है। पत्नी व बच्चों की हत्या के बाद शवों को घर के अंदर बेसमेंट में खोद कर दबाने व उसके उपर सीमेंट की दीवार बनाने की सलाह यूपी पुलिस से रिटायर हेड कांस्टेबल बनवारी लाल ने अपने हत्या आरोपी बेटे राकेश को दी थी। पिता की सलाह पर उसने वैसा ही किया और फिर इसके बाद तीन साल तक पिता अपनी बहू व दोनों पोतों की कत्लगाह में आराम से रहता रहा। जब भी पडोसियों ने कोई सवाल जवाब किया तो उनके मायके जाने की बात कह खामोश करा देता था। जब बहू के मायके वाले दवाब बनाने लगे तो उन्हें भी गुमराह करने लगा। बेटी व उसके बच्चों के लापता होने की सूचना मृतका के पिता ने बिसरख थाने में 2018 में दी थी। जिसे पुलिस ने पहले गुमशुदगी फिर उसे अपहरण की धाराओं में तब्दील कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जबकि बेटी व उनके बच्चों की तलाश के लिए उसके परिवार वाले नोएडा पुलिस के चक्कर लगाते रहे। नोएडा पुलिस ने भी इन तीन सालों में कई बार आपरेशन मुस्कान चलाया लेकिन उसमें भी इस लापता महिला और बच्चों की सुध नहीं ली।
महिला सिपाही के प्यार में पागल राकेश ने तैयार बनवाया था फर्जी आधार कार्ड
हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस के मुताबिक राकेश डॉ.लाल पैथ लैब में नौकरी करता था। अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों की हत्या के बाद इस साल जब महिला सिपाही ने उस पर शादी का दबाव बनाया तो उसने एक गहरी साजिश रच कर अपने दोस्त राजेंद्र की हत्या करने वाले राकेश ने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना एक फर्जी आधार कार्ड तैयार कराया था। इसमें उसने अपना नाम दिलीप शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा रखा। खुद को कुशीनगर जिले में कुक्कन पट्टी का रहने वाला बताया। यही पता फर्जी आधार कार्ड में डलवाया था। इसके बाद वह हरियाणा के पानीपत जिले के मछरौली गांव में जाकर मजदूरी करने लगा। बाद में वहीं पर स्थाई रूप से रहकर राजमिस्त्री का काम करने लगा।
यह है घटना
यूपी पुलिस की महिला पुलिसकर्मी जो वर्तमान में जनपद आगरा में ताजमहल की सुरक्षा में तैनात थी, उसके प्यार में पागल राकेश ने प्रेमिका को पाने के लिए पत्नी और दो छोटे-छोटे मासूम बच्चों को मौत के घाट उतार दिया था। हत्या करने के बाद आरोपी ने शवों को ग्रेनो वेस्ट की कोतवाली बिसरख क्षेत्र के चिपियाना बुजुर्ग इलाके में स्थित घर के अंदर बेसमेंट में दफना दिया था। किसी को पता न चले इसलिए बेसमेंट के ऊपर से सीमेंट की दीवार बनवा दी थी। अब 3 साल बाद जनपद कासगंज पुलिस की सक्रियता के चलते हत्या का राज खुला है।
डीएनए रिपोर्ट से हुआ दोस्त की हत्या का खुलासा
मामले का खुलासा करने वाले कासगंज के कप्तान रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि आरोपी राकेश अपने परिवार के साथ षड्यंत्र रच कर अपनी पहचान छुपाना चाहता था इसके लिए उसने अपने जैसे शरीर की बनावट वाले अपने बचपन के मित्र राजेंद्र उर्फ कलुआ की हत्या करने की योजना बनाई। वह राजेंद्र को अपनी रिश्तेदारी में चलने की बात कहकर बाइक से साथ लेकर गया और रास्ते में शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद राकेश ने राजेन्द्र का सिर और हाथ के पंजे काट कर अलग फेंक दिए और उसकी सिरकटी लाश थाना ढोलना के गांव मारूपुर के जंगल में रेलवे लाइन पर डाल दी ताकि उसकी पहचान ना हो सके। आरोपी ने मृतक की जेब में अपनी एलआईसी की एक रसीद रख दी जो शव की शिनाख्त के समय पुलिस को मिली जिससे पुलिस ने उसकी शिनाख्त राकेश के रूप में की थी। इसके बाद राकेश के शव की शिनाख्त करने वाले उसके भाई राजीव ने थाना ढोलना में राकेश की हत्या के आरोप में उसके ससुर मोतीलाल और साले जितेंद्र और रवि के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया। जांच के दौरान डीएनए सैंपल रिपोर्ट में शव राकेश के ना होने की पुष्टि होने के बाद कारण कासगंज पुलिस को शक हुआ और उसने मामले की जांच गहनता से शुरू कर दी जिस पर इस पूरे हत्याकांड का खुलासा हुआ।
महिला कांस्टेबल के जरिए हत्यारे तक पहुंच गई कासगंज पुलिस
दोस्त की हत्या के बाद राकेश नाम बदल कर पानीपत में राजमिस्त्री का काम कने लगा लेकिन इस दौरान राकेश अपनी प्रेमिका और महिला कांस्टेबल रुबी से लगातार संपर्क में रहता था। पुलिस ने हत्याकांड की जांच शुरू की तो राकेश के फोन की कॉल डिटेल में रूबी का नंबर मिला। जिसे सर्विलांस पर लगाया और और फिर मामला खुलता चला गया कि राकेश जिंदा है। मरने वाला उसका दोस्त था। राकेश अक्सर उससे मिलने के लिए आगरा जाता रहता था और कई बार उसे अपने पास भी बुला लेता था। रुबी के जरिए पुलिस राकेश तक पहुंच गई। कासगंज पुलिस ने चार हत्या करने वाले राकेश, उसके पिता बनवारी लाल, मां इंद्रवती, भाई राजीव, प्रवेश और प्रेमिका रूबी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले का खुलासा कर दिया है।