आखिर कार 7साल लम्बी कानूनी जद्दोजेहद के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया
नई दिल्ली। सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया है। मामले के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है। इन्हें दिल्ली के तिहांड जेल में फांसी दी गई। तिहाड़ जेल में ने चारों दोषियों के शव का परीक्षण कर मौत की पुष्टि की। चारों बलात्कारीयो शव का हरिनगर में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम होगा। चिकित्सकों का पैनल पोस्टमॉर्टम करेगा। जेल के बाहर लोग मिठाइयां बांटकर खुशी मना रहे हैं। इसे लेकर निर्भया की मां ने कहा कि दोषियों की फांसी के बाद महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी। हम सुप्रीम कोर्ट से दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध करेंगे ताकि कोई भी ऐसे मामलों में देरी की रणनीति न अपना सके। जेल अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है। जानकारी के अनुसार इसके कुछ ही देर बाद चारों के शव को हरिनगर दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। अभी तक चारो अभियुक्तों के घर वाले शव लेने मोके पर नही पहुंचे है । निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक दिन में फांसी रुकवाने की सभी चालें नाकाम होने के बावजूद निर्भया के दरिंदे मौत से बचने के लिए आखिरी पल तक तिकड़म में लगे रहे। दोषियों के परिजनों ने रात डेढ़ बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन फांसी टलवाने की सारी कोशिश नाकाम हो गई। दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी के खिलाफ याचिका गुरूवार और शुक्रवार की आधी रात को ठुकरा दी।
जिसके बाद अब निर्भया के चारों दोषियों को सुबह साढ़े 5 बजे विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह को फांसी दे दी गई। मेडिकल ऑफिसर ने चारों दोषियों को मृत घोषित किया। बताते चले कि निर्भया गैंगरेप केस के मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।
देर ही सही पर आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिलने के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। फांसी के दौरान तिहाड़ जेल के बाहर से भारी संख्या में सुरक्षा बल मौजूद रहा।
इधर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज का दिन देश की बेटियों व महिलाओं के नाम है। दोषियों की फांसी के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि आखिरकर उन्हें लंबे संघर्ष के बाद फांसी दे दी गई। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी हमारी बेटियों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान निर्भया गैंगरेप का केस लड़ने वाली वकील सीमा समृद्धि कुशवाह भी उनके साथ थी। निर्भया के पिता ने कहा कि उन्हें इस घड़ी के लिए सात साल से इंतजार था। उन्होंने इस फैसला पर खुशी जताते हुए कहा कि आज हमारे लिए ही नहीं देश के लिए भी बड़ा दिन है।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल की छात्रा निर्भया के साथ 6 दरिदों ने सारी हदें पार करते हुए उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर भी ले जाया गया, लेकिन वह नहीं बच पाई। इस झकझोर देने वाली घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था। दोषियों को पहली बार निर्भया गैंगरेप केस में साल 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी।