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केंद्र सरकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी जारी की UNLOCK-5 की गाइडलाइन्स, देखें क्या हैं खास जरूरी निर्देश।

देहरादून:- केंद्र सरकार के अनलॉक 5 के जारी होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी अनलॉक 5 की गाइडलाइन को जारी कर दिया है अनलॉक 5 में सबसे अहम स्कूल कॉलेज को लेकर सरकार ने केंद्र के ही आदेशों का पालन करते हुये स्कूल खोलने से पहले स्कूल प्रबंधन,अभिवावकों की मंजूरी लेने का निर्णय किया गया है। हलांकि सरकार अनलाइन शिक्षा को भी बढावा देने के लिये तैयार है। कोचिंग सेंटर्स भी लगातार बंद चल रहे है लेकिन इसे खोलने से पूर्व स्थानीय जिला प्रशासन की राय व कोविड संबंधी दिशा निर्देशों का पालन किया जाना जरूरी होगा। कोचिंग के मसले पर 15 अक्टूबर के बाद निर्णय होने के आसार है। परिजन चाहते है कि उनके बच्चे स्कूल जाने के बजाए ऑनलाइन पढ़ें तो इसके लिये भी मंजूरी दी गई है।

नवरात्रि से पहले दूर्गा पंडाल लग सकेंगें क्योंकि सरकार ने 100 के बजाए 200 लोगों को एक साथ किसी धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत दे दी है।माना ये जा रहा है कि दुर्गा पूजा के साथ ही रामलीला मंचन का भी सपना पूरा हो सकेगा। इसमें भी अंतिम निर्णय जिला प्रशासन स्तर से ही होगा। सेहत का ख्याल व लोगो की मांग को देखते हुये राज्य में पार्क खोलने की मंजुूरी दे दी गई है एक बार में 100 से ज्यादा लोग अंदर नही जा सकेंगें।

 उत्तराखंड प्रदेश में बाहरी प्रदेशों से आनेवाले पर्यटकों हेतु इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ( आईसीएमआर) प्रमाणित लैब से प्रमाणित कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता शासन द्वारा विगत दिनों समाप्त कर दी गयी है। इसी क्रम में उत्तराखंड चारधाम यात्रा हेतु भी कोविड- 19 निगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट की की जरूरत नहीं होगी।

अब उत्तराखंड प्रदेश के बाहर के निवासी बिना कोरोना रिपोर्ट के देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट पर चार धाम यात्रा हेतु ई-पास हेतु पहचान पत्र ( आईडी) एवं निवास प्रमाण के आधार पर पंजीकरण कर सकते तथा बेरोकटोक यात्रा पर आ सकते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि तीर्थ यात्रियों को यात्रा में रियायत दिये जाने से चारधाम यात्रा को गति मिलेगी।

।सिनेमा-थियेटर-मल्टीप्लेक्स 50 फीसदी क्षमताओं के साथ खोले जा सकेंगें लेकिन यदि हॉल है तो भी यदि मल्टीप्लेक्स है तो भी 100 से ज्यादा लोगों का एक बार में प्रवेश नही होगा।कंटेनमेंट जोन में लॉक डाउन 31 अक्टूबर तक बढाया गया है । राज्य में अंतर्रजनपीय परिवहन मे मे किसी भी प्रकार की कोई भी मंजूरी की जरूरत नही होगी।हलांकि देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन को जरूरी रखा गया है।

देवस्थान म् बोर्ड ने इस दौरान कोरोना बचाव के मानकों का पालन करने की सलाह दी है। तीर्थयात्रियों को मंदिरों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी, शोसियल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जायेगा, मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा तथा सेनिटाईजर का यथासंभव प्रयोग होगा। सोमवार देर शाम उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा इस संबंध में मानक प्रचालन विधि(एसओपी) जारी की गयी तथा आदेश जारी किये गये हैं।

आयुक्त गढ़वाल /उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने आदेश जारी करते हुए बताया कि अब उत्तराखंड से बाहर के प्रदेशों से चारधाम आनेवाले तीर्थयात्रियों हेतु कोरोना की आरटी पीसीआर, 72 घंटे पहले जांच की निगेटिव रिपोर्ट तथा क्वारंटीन अवधि के मानक की अनिवार्यता अब समाप्त हो गयी है। तीर्थ यात्री देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-Kedarnath.gov.in पर बिना कोरोना रिपोर्ट के ई-पास बना सकते है।

मार्च से बंद चले आ रहे र्स्विमिंग पूल फिलहाल सिर्फ स्पोर्टस गतिविधियो में ट्रेनिंग के लिये खोले जा सकेंगें इसके लिये भी खेल विभाग स्वास्थ्य व जिला प्रशासन की मंजूरी जरूरी की गई है। रिसर्च स्कॉलर यदि चाहें तो शोध कार्यों के लिये तो लैब आ सकेंगें हलांकि इनकी कितनी संख्या होगी ये फिलहाल स्पष्ट रूप से सामने नही आ सका है।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा हेतु आईसीएमआर प्रमाणित कोरोना निगैटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता समाप्त की गयी है लेकिन स्वास्थ्य मानकों में कोई ढ़ील नहीं रहेगी मंदिरों में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग सहित शोसियल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, मास्क पहनना तथा सेनिटाइजर का प्रयोग भी अनिवार्य है। कोरोना के लक्षण पाये जाने पर संबंधित जिला प्रशासन / स्वास्थ्य विभाग द्वारा आरटीपीसीआर/ रेपिड एंटीजन/ ट्रुरेंटा/ सीबीएएनएएटी कोरोना टेस्ट लिया जा सकेगा साथ ही परिजनों एवं संपर्क में रहे लोगों का कोरोना टेस्ट लिया जायेगा ताकि बचाव के उपायों को प्रभावी ढ़ग से लागू किया जा सके।
हेली सेवा से चारधाम यात्रा पर आनेवाले तीर्थयात्रियों के कोरोना जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेलीकंपनियों की होगी हेली पेड पर थर्मल स्क्रीनिंग आदि की पूर्ण ब्यवस्था करनी अनिवार्य होगी। बताया कि उपरोक्त दिशानिर्देश उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा जारी मानक प्रचालन विधि ( एसओपी) के अतिरिक्त होंगे। तथा चार धाम आनेवाले तीर्थ यात्रियों की संख्या पूर्ववत रहेगी श्री बदरीनाथ हेतु 1200, श्री केदारनाथ हेतु 800, श्री गंगोत्री हेतु 600 तथा श्री यमुनोत्री हेतु 450 यात्री प्रतिदिन दर्शन की अनुमति रहेगी।
प्रदेश में किसी जरूरी सरकारी या किसी एक्सपर्ट प्रोफेशनल के 7 से कम दिन के लिए राज्य में प्रवेश करने पर क्वारंटीन नहीं होगा। राज्य में आ रहे पर्यटकों के लिए किसी किस्म का कोविड जांच रिपोर्ट जरूरी नही होगा ।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह ने जानकारी दी कि देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से बिना कोरोना रिपोर्ट जमा किये ई -पास जारी करने हेतु निर्देश दिये गये है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट से 62 हजार लोग ई पास बना चुके है तथा 35 हजार से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।
कंटेनमेंट जोन के अलावा जिला प्रशासन को लॉक डाउन का अधिकार नही होगा। बेहद जरूरी होने पर राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही संबंधित जिला प्रशासन इसे लागू कर सकेगा

राज्य में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य सभी लोगों को 15 अक्तूबर से अधिकतर रियायतें मिलेंगी। बृहस्पतिवार देर शाम मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी एसओपी में केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के अधीन ही अधिकतर रियायतें रखी गई हैं। शादी विवाह सहित किसी भी तरह के कार्यक्रम व समारोह में अब अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकेंगे। अभी तक यह सीमा 100 लोगों की थी। स्कूल, कॉलेज, स्वीमिंग पुल, कोचिंग संस्थान, सिनेमा घर आदि को सशर्त खोलने की छूट दे दी गई है। स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग, जबकि कॉलेजों के लिए उच्च शिक्षा विभाग को जिम्मेदार बनाया गया है। 15 अक्तूबर से कोचिंग संस्थान जिलाधिकारियों की अनुमति से खोले जा सकेंगे। स्कूल खोलने के लिए शिक्षा विभाग को अलग से एसओपी जारी करनी होगी। ऑनलाइन पढ़ाई को तरजीह मिलती रहेगी। पर्यटकों के लिए राहत को बरकरार रखा गया है
उत्तराखंड चारधाम यात्रा ई -पास के लिए अब कोरोना आरटी पीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता समाप्त
चारधाम यात्रा में थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क पहनना, शोसियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजेशन अनिवार्य

कोरोना के लक्षण पाये जाने पर तीर्थयात्री की मौके पर संबंधित जिला प्रशासन/ स्वास्थ्य विभाग द्वारा चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्री का कोरोना आरटी पीसीआर टेस्ट लिया जा सकेगा तथा संपर्क में आये लोगों की पहचान की जायेगी।

हेली सेवा से चारधाम यात्रा आने वाले तीर्थयात्रियों के कोरोना जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेली कंपनियों की रहेगी।

शादी व अन्य सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों में अधिकतम 200 लोग शामिल हो सकेंगे।

सिनेमा, थियेटर, मल्टीपलेक्स 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 15 अक्तूबर से खुलेंगे। संचार मंत्रालय की एसओपी का इन्हें पालन करना होगा।

मनोरंजन पार्क भी खुलेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी का पालन करना होगा।

कंटेनमेंट जोन में 31 अक्तूबर तक लॉकडाउन रहेगा। जिला प्रशासन कंटेनमेंट जोन के बाहर राज्य सरकार की अनुमति के बिना कोई प्रतिबंध नहीं लगाएगा।

बंद हॉल में 50 प्रतिशत की क्षमता का उपयोग किया जा सकेगा। इसमें भी सीमा 200 लोगों को रहेगी।

15 अक्तूबर से सशर्त खुल सकेंगे स्कूल-कॉलेज, ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था जारी रहेगी। शिक्षा विभाग सभी स्कूलों, शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधन, अभिभावकों आदि से बातचीत कर फैसला करेगा।

छात्र स्कूल जा सकते हैं, लेकिन अभिभावकों की लिखित अनुमति जरूरी होगी।

सीमित संख्या में छात्र स्कूल जा सकेंगे, शिक्षा विभाग अपनी एसओपी जारी करेगा।

कोचिंग इंस्टीटयूट को 15 अक्तूबर से खोलने के अनुमति संबंधित जिलाधिकारियों की ओर से दी जाएगी।

जिलाधिकारी यह फैसला कोचिंग इंस्टीट्यूट के प्रबंधन से बातचीत और स्थिति का आकलन करने के बाद लेंगे।

उच्च शिक्षा में पीएचडी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्नातकोत्तर विद्यार्थी प्रयोग के लिए 15 अक्तूबर से कॉलेज जा सकेंगे।

राज्य विवि व निजी विवि, उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर केवल कॉलेज जाने की अनुमति केवल प्रयोगात्मक कार्यों के लिए होगी।

खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए खुलेंगे स्वीमिंग पुल। यह खेल मंत्रालय की एसओपी के अधीन होगा।

राज्य में अंतर्जनपदीय आवागमन के लिए स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। किसी को भी क्वारंटीन नहीं होना होगा। कोविड पाए गए तो क्वारंटीन होना होगा।

राज्यों के बीच आवागमन के लिए स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। जिला प्रशासन थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था करेगा।

उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा।

उत्तराखंड में होटल और होम स्टे में न्यूनतम अवधि के निवास का कोई प्रतिबंध नहीं होगा। होटल होम स्टे में चेक इन से पहले कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी।

परीक्षा आदि के लिए बाहर से आने वाले छात्र, अभिभावक व शिक्षक स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराएंगे। उन्हें आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं कराना होगा।

जिला प्रशासन सार्वजनिक परिवहन का संचालन कराएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र, अभिभावक आदि को इसकी सुविधा मिल जाए।

15 अक्तूबर से पार्क में जोगिंग या टहलने के लिए 100 से ज्यादा लोग जा सकेंगे, इसके लिए जिला प्रशासन की अनुमति जरूरी होगी।

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