प्रदेशवासियों की आजीविका के नए आयाम खोजने को अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने की बैठक
देहरादून-: (अर्जुन सिंह भंडारी) उत्तराखंड प्रदेश में अब कोरोना के मरीजों की संख्या धीरे धीरे कम होने लगी है,वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लॉकडाउन में प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर लगे ब्रेक को हटाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है।इसी क्रम में कल मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव,अपर मुख्य सचिव सहित अन्य शासनाधिकारियों के साथ प्रदेश में आजीविका के नए आयामों के साथ ही प्रदेश के राजस्व में बढ़ोत्तरी संबंधी विषयों पर बैठक की।
मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित बैठक में प्रदेश को लॉकडाउन की स्थिति से उभारने के लिए सभी अधिकारियों को प्रदेश में पारंपरिक रोजगारों के अलावा अन्य आजीविका के माध्यमों को खोजने के लिए कहा जिसके लिए उन्होंने इसके लिए सभी अधिकारियों को लाइवलीहुड एवं रिफॉर्म प्लान बनाकर 15दिन के अंदर मुख्य सचिव को इसकी रिपोर्ट सौंपने को कहा।साथ ही उन्होंने राज्य के राजस्व में बढोत्तरी करने की दिशा में भी अधिकारियों को 10दिन के भीतर प्लान बनाने को कहा है।मुख्यमंत्री ने प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास करने को कहते हुए इसके लिए शार्ट,मिड व लॉन्ग टर्म प्लान बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी को सबसे पहले उन लोगों के लिए रोजगार तलाशना होगा जिनका कार्य कोरोना के वजह से प्रभावित हुआ है। प्रदेश में बाहरी राज्यों से अपना काम छोड़कर आने वाले स्थानियों के लिए प्रदेश के अंदर उनकी क्षमता व काबिलियत के अनुरूप उनके लिए नए रोजगार सृजित करने की ओर प्रयासरत होना पड़ेगा।
उन्होंने प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र व होम स्टे जैसे रोजगार पर विशेष ध्यान देते हुए इस बार प्रदेश में स्थानियों के काम को भी बढ़ावा देने के लिए त्योहार व उत्सव में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया,जिससे कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाले स्थानियों को भी इससे फायदा होगा। उन्होंने प्रदेश में अपार नई संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए उत्पाद पैकेजिंग,प्रोसेसिंग व मार्केटिंग की दिशा में भी कार्य करने को कहा।उन्होंने प्रदेश में मेडिसनल एवं ऐरोमेटिक प्लांट की दिशा में अनेक संभावनाएं हैं। मेडिसनल एवं एरोमेटिक प्लांट पर कार्य के साथ वन विभाग एवं हॉर्टिकल्चर विभाग को फल, फूल, वनस्पति एवं बी-कीपिंग, मेडिसनल एवं न्यूट्रेशन वेल्यू के आहारों को प्रमोट करने की जरूरत है। कृषि के क्षेत्र में क्लस्टर एप्रोच को बढ़ावा दिया जाय। दिशा में कार्य करने को अधिकारियों से बात की।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में अपना रोजगार छोड़ के आये जिन युवाओं द्वारा स्वरोजगार हेतु लोन व अन्य आर्थिक मदद की दिशा में उन्हें तत्वरित लोन उपलब्ध कराने की दिशा में हमें समन्वय स्थापित करने को प्रयासरत होने की जरूरत है। और बैठक में चर्चा में शामिल किये गए विषयों पर कार्य करने के लिए तेजी लाने के लिए विभागों को विभिन्न प्रकार के क्लीयरेंस की प्रक्रियाओं को आसान करना होगा।
इस दौरान मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने सरकार द्वारा प्रदेश में बाहरी राज्यों से आये हुए प्रवासियों के लिए उनकी क्षमता अनुसार नए रोजगार सृजित करने की दिशा में उन सभी लोगों से सर्वे के माध्यम से जुड़ने की बात कही,जिसके लिए उनके द्वारा अगले तीन माह का समय निर्धारित किया गया है।जिसके लिए जरूरत होने पर उन युवाओं को सरकार द्वारा जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।उन्होंने मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड प्रत्येक गांव के लोगों की सूची को टारगेट किये जाने को अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर बैठक में मौजूद अधिकारियों ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव व संबंधित उच्चाधिकारियों को आजीविका संबंधी सुझाव भी पेश किये।
मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित बैठक में इस दौरान मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, सचिव आर.के.सुधाशु,अमित नेगी, राधिका झा, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, दिलीप जावलकर, सौजन्या, हरबंस सिंह चुघ, डॉ. रणजीत सिन्हा, अपर सचिव डॉ. एम.एस बिष्ट आदि उपस्थित रहे।