Saturday, July 27, 2024
Latest:
ऋषिकेश

दिसम्बर। परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय ’लीव नो वन बिहाइंड वैश्विक शिखर सम्मेलन’ का आज विधिवत उद्घाटन छः धर्मो के धर्मगुरूओं यथा हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म और जैन धर्म, इस्लाम धर्म और क्रिश्चियन धर्म ने किया।

परमार्थ निकेेतन में ’लीव नो वन बिहाइंड समिट’ का विधिवत उद्घाटन वाॅटर, सैनिटेशन और हाइजीन के क्षेत्र में कोई पीछे न छुट जाये ।जीवा, परमार्थ निकेतन, डब्ल्यू एस एस सी सी और एफएनएएसए के संयुक्त तत्वाधान में परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में आयोजित यूनाइटेड नेेेशन के साथ यूनाइटेड क्रिएशन की जरूरत – 21 वीं सदी का एक मंत्र स्वच्छता के लिये एकजुटता आवश्यक –
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 17 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय ’लीव नो वन बिहाइंड वैश्विक शिखर सम्मेलन’ का आज विधिवत उद्घाटन छः धर्मो के धर्मगुरूओं यथा हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म और जैन धर्म, इस्लाम धर्म और क्रिश्चियन धर्म ने किया।
इस शिखर सम्मेलन में परमार्थ निकेेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, उलेमा फाउंडेशन आॅफ इंडिया के प्रमुख, मौलाना कोकब मुज़तबा जी, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, सरदार परमजीत चंडोक, दिल्ली गुरूद्वारा बंगला साहिब, ईसाई धर्मगुरू बैंगलोर से पादरी फिलिप, बिहार से साध्वी शिलाची जी, असम से मुफ़्ती नसीहुर रहमान जी, किन्नर अखाड़ा महामण्डलेश्वर श्री लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी तथा विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं ने सहभाग किया।
डब्ल्यू एस एस सी सी के भारत में समन्वयक श्री विनोद मिश्रा जी, नई दिल्ली से आये एनरिको, अध्यक्ष हरिजन सेवक संघ प्रो शंकर सान्याल जी, श्री आशीष अग्रवाल जी, श्री प्रियवरन मित्रा जी, रूबल नागी, उर्मिला श्रीवास्तव जी, फेन्स के प्रतिनिधि श्रीधर जी, स्नेहलता जी, मुरली जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों और विभिन्न धर्मों के धर्मगुरूओं ने दीप प्रज्जवलित कर वाटर, सैनिटेशन और हाइजीन के लिये एकजुट होने का संदेश दिया।
परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में जिनेवा से आये श्री जेम्स, जीवा, डब्ल्यू एस एस सी सी और एफएनएएसए के संयुक्त तत्वाधान में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों के लोगो के सामाजिक जुड़ावों को बढ़ावा देने हेतु योगदान प्रदान करना तथा भारत सरकार के प्रयासों और स्वच्छ भारत मिशन को सहयोग और समर्थन प्रदान करना है एवं ’’लीव ’’लीव नो वन बीहाइंड’’ तथा भारत सरकार के ओडीएफ प्लस के मौजूदा लाॅच को पूर्ण सहयोग प्रदान करना है। साथ ही भारत सरकार की संयुक्त राष्ट्र टीम को वर्ष 2020 की स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा हेतु भारत सरकार को समर्थन और सहयोग प्रदान करना है।
इस शिखर सम्मेलन में केन्द्र और राज्य सरकार, नागरिक समाज, निजी क्षेत्रों, मीडिया, खेल आदि के अलावा सभी सम्बंधित संस्थानों और संगठनों के 10 से 15 सदस्यों ने सहभाग किया। इन्हें 15 समूहों में वर्गीकृत किया गया। इस 15 समूहों के सदस्यों को सतत विकास लक्ष्य, एसडीजी 6 तथा संयुक्त राष्ट्र टीम के दिशानिर्देशों और विभिन्न समूहों के लिये तैयार संचरित प्रश्नावली का उपयोग करके वाॅटर, सैनिटेशन और हाइजीन के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों के समाधान हेतु दिशानिर्देश दिये जा रहे है।
लीव नो वन बिहाइंड शिखर सम्मेलन में युवा, महिलायें, बच्चे, दलित, आदिवासी, ट्रांसजेंडर और लेस्बियन, प्रवासियों, शहरी गरीब, विकलांग लोग, बुजुर्ग, किशोर, किसान और HIV से पीड़ित लोग, झोंपड़ीवासी, बेघर, मैला ढोने वाले, यौनकर्मी आदि को भारत के विभिन्न राज्यों से 250 से अधिक लोगो को आंमत्रित किया गया है। तीन दिनों तक उन्हें वाॅटर, सैनिटेशन और हाइजीन, मासिक धर्म स्वच्छता, स्वास्स्थ्य, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (जैविक, प्लास्टिक, ग्रे वॉटर और मल, कीचड़ प्रबंधन) प्रशिक्षित किया जायेगा। वास्तव में यह शिखर सम्मेलन स्वच्छ भारत मिशन को और आगे ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
श्री विनोद मिश्रा जी ने लीव नो वन बिहाइंड समिट के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि इसमें भारत के 20 राज्यों के 20 से अधिक संगठनों ने सहभाग किया है। जुलाई 2020 में पूरे विश्व की एसडीजी रिपोर्ट (जिसमें वाटॅर, सैनिटेशन और हाईजीन शामिल है) जानी है। इसमें भारत सरकार भी अपनी रिपोर्ट भेंजेगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य है कि समाज के ये 14 समूहों के लोगों के प्रतिनिधियों से जानकारी प्राप्त करना कि सरकार द्वारा जारी की गयी स्वच्छ भारत मिशन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और कितना मिल पा रहा है इस पर रिपोर्ट लेना और इन योजनाओं तक सब की पहुंच बनाना। ओडीएफ + के माध्यम से जो भी स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गये है उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाना है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’’मानव-मानव एक समाज सबके कहा कि कल शाम को मेरे पास सेक्सवर्कर सलमा, सरनसाना बहन आयी मुझसे बात की और कहा कि दुनिया में परमार्थ निकेतन एक ऐसी जगह है जहां आकर लगा की हम अपने मायके में है। लगता है हमें जब भी जरूरत होगी हमारे लिये इसके द्वार खुले है। स्वामी जी ने कहा कि सब के दर्द को अपना दर्द समझें। ईशावास्यमिंद सर्वम्, ’’ये पहला सबक है किताबे खुदा का कि मखलूक सारी है कुनबा खुदा का’’ को अपने जीवन का मंत्र बनाना होगा। हम सभी एक पिता की सन्तान हैं और इसके लिये हमें अपनी सोच को बदलना होगा। भय के साथ नहीं भाव के साथ जीना होगा। उन्होने कहा कि समाज में जो लोग पीछे छुट गये है उन्हें देखकर हमारे दिल में दर्द होना चाहिये। शौचालय सब के लिये बने लेकिन हम भी सब के लिये बने तो परिणाम और सुखद प्राप्त होंगे।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हम सभी का मंत्र हो एकता और एकजुटता। हम सभी जो एकत्र हुये है वह पार्टनर बाद में पहले एक परिवार हैं। धर्म हमें मार्गदर्शन देता है; रास्ता दिखाता है। हम जो भी करते हैं पहले उसका विचार आता है फिर शब्द, कार्य और फिर संगठन के रूप में परिभाषित होता है तो हमें सबसे पहले अपने विचारों से भेदभाव को मिटाना होगा और इस दुनिया को स्वर्ग बनाने के लिये एकजुट होकर कार्य करें।
मौलाना कोकब मुज़तबा जी, ने कहा कि जल और स्वच्छता की प्रत्येक मनुष्य और सभी प्राणियों को जरूरत है। सफाई, ईमान का हिस्सा है अतः स्वच्छता की जिम्मेदारी संस्थाओं, सरकार और संगठनों की है इस जिम्मेदारी को हम सभी पूरा करे तो स्वच्छ भारत मिशन और उन्नति करेगा।
श्री परमजीत सिंह चंडोक जी ने कहा कि एक पिता एकस के हम वारिस अतः हमें जल और स्वच्छता के लिये मिलकर कार्य करना होगा। ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में जल की समस्यायें बढ़ सकती है इसलिये हम सभी को वाॅटर हार्वेस्टिंग पर अधिक ध्यान देना होगा।
किन्नर अखाड़ा महामण्डलेश्वर श्री लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी ने कहा कि आत्मा का कोई लिंग नहीं होता। दुनिया में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जो चाहे कि हम पीछे छुट जायें, ऐसा कोई नहीं चाहता। सरकार सभी को लिये प्रयास करती है लेकिन कई बार लोगों तक कुछ नहीं पहुंचता। उन्होने कहा कि सभी को अपने अधिकर और हक के बारे में पता होना चाहिये। हमें एकजुट होकर अपनी आवाज को उठाना होगा। उन्होने कहा कि हमें भी भारत में समान स्तर चाहिये। प्रत्येक फार्म पर हमारे जेन्डर का भी उल्लेख हो।
पादरी फिलिप ने कहा कि अब समय ’फेथ इन एक्शन’ का है। वैसे तो धर्म और धर्मगुरूओं का कार्य लोगों को भगवान के पास जाने का रास्ता दिखाना है। ईसाई धर्म की पुस्तक में लिखा है कि प्रभु ने सबसे पहले आकाश और धरती को बनाया तब वह स्वच्छ थी परन्तु अब मैली हो गयी है अतः हम सभी का कर्तव्य है कि हम इसे स्वच्छ, सुन्दर और पहले जैसा बनाये। हम अपने चारोेें ओर जो समस्यायें देख रहे है वह मानव निर्मित है अतः हमें अपनी सोच को बदलना होगा तभी हम इनका समाधान कर सकते है।
साध्वी शिलाची जी, ने कहा कि अक्सर मैने देखा है कि सन्यासी की दृष्टि मोक्ष प्राप्ति की होती है परन्तु स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, धरती की समस्याओं के समाधान का जो कार्य कर रहे हैं वास्तव में विलक्षण कार्य है। उन्होने कहा कि ईश्वर एक है मान्यतायें अलग-अलग हो सकती हैं अतः धरती से जुड़ी समस्याओं के लिये हम सभी को एकजुट होना होगा और एक साथ आना होगा।
मुफ़्ती नसीहुर रहमान जी, ने कहा कि ’’दिल बदल सकते है ज़ज्बात बदल सकते हैं, यारो तुम बदलो तो दुनिया बदल सकती है।’’ परमार्थ निकेतन की धरती मुझे मेरी माँ जैसी लगती है।
डब्ल्यू एस एस सी सी जिनेवा से आये जेम्स ने लीव नो वन बिहाइंड समिट में आये सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। साथ पूज्य स्वामी जी, साध्वी जी एवं जीवा की पूरी टीम को धन्यवाद देते हुये कहा कि इस सम्मेलन के लिये परमार्थ निकेतन सबसे उपयुक्त स्थान है। हम सभी मिलकर, एकजुट होकर इन वैश्विक समस्याओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
शिखर सम्मेलन में सहभाग हेतु दिल्ली, उत्तरप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, तेलंगाना, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, हरियाणा, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों के 250 प्रतिभागी और कनाडा, संयुक्त राष्ट्र, जिनेवा से आये विशेषज्ञों ने सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य में सभी ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु वाॅटर ब्लेसिंग सेरेेमनी सम्पन्न की। सभी धर्मगुरूओं और प्रतिभागियों ने स्वच्छता और स्वच्छ जल के लिये मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। सभी पूज्य संतों एंव धर्मगुरूओं को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया गया। तत्पश्चात सभी ने विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।

Rajnish Kukreti

About u.s kukreti uttarakhandkesari.in हमारा प्रयास देश दुनिया से ताजे समाचारों से अवगत करना एवं जन समस्याओं उनके मुद्दो , उनकी समस्याओं को सरकारों तक पहुॅचाने का माध्यम बनेगा।हम समस्त देशवासियों मे परस्पर प्रेम और सदभाव की भावना को बल पंहुचाने के लिए प्रयासरत रहेगें uttarakhandkesari उन खबरों की भर्त्सना करेगा जो समाज में मानव मानव मे भेद करते हों अथवा धार्मिक भेदभाव को बढाते हों।हमारा एक मात्र लक्ष्य वसुधैव कुटम्बकम् आर्थात समस्त विश्व एक परिवार की तरह है की भावना को बढाना है। हम लोग किसी भी प्रतिस्पर्धा में विस्वास नही रखते हम सत्यता के साथ ही खबर लाएंगे। हमारा प्रथम उद्देश्य उत्तराखंड के पलायन व विकास पर फ़ोकस रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *