*’भिक्षा नही शिक्षा दो’- उत्तराखंड पुलिस ने चलाया अभियान* *(अर्जुन सिंह भंडारी)*
देहरादून-: भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के पुनर्वास व उनके भविष्य को संवारने की उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रदेश स्तर पर चलाये जा रहे बहुचर्चित मुहिम ‘आपरेशन मुक्ति’ के दूसरे चरण में आज दून ‘आपरेशन मुक्ति’ पुलिस टीम के नोडल अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक नगर(प्रथम) शेखर सुयाल द्वारा अपनी टीम सहित राजधानी स्थित घण्टाघर में स्कूली छात्रों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर भिक्षावृत्ति के खिलाफ ‘भिक्षा नही,शिक्षा दो’ का प्रसार किया।
उत्तराखंड पुलिस द्वारा इसी माह की एक मार्च से प्रदेश भर में चलाये जा रहे ‘आपरेशन मुक्ति’ अभियान को तीन चरणों मे चलाया जा रहा है जिसमे राज्य के सभी जिलों की आपरेशन मुक्ति पुलिस टीम द्वारा 16 मार्च से 31 मार्च तक अभियान का दूसरा चरण चलाया जा रहा है जिसमे पुलिस द्वारा समस्त स्कूल, काॅलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, सम्पूर्ण कुम्भ क्षेत्र सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस सम्बन्ध में सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा। साथ ही भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के परिजनों को भिक्षावृत्ति न करने व कौशल विकास के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा।
आपरेशन के दूसरे चरण के क्रम में आज जनपद ‘आपरेशन मुक्ति’ पुलिस टीम के नोडल अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक नगर(प्रथम)शेखर सुयाल द्वारा अपनी पुलिस टीम के साथ स्कूली छात्र- छात्राओं व कुछ स्वयं सेवी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर घण्टाघर में आम जनता के बीच भिक्षावृत्ति के खिलाफ ‘भिक्षा नही,शिक्षा दो’ का प्रसार करते हुए बैनर व पोस्टर लगाए व पैम्पलेट वितरित किये। उन्होंने इस दौरान वहाँ मौजूद स्कूली छात्र-छात्राओं व जनता से भीख मांग रहे बच्चों को भिक्षा न देते हुए उत्तराखंड पुलिस द्वारा भिक्षावृत्ति के खिलाफ मुहिम में सहयोग प्रदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिस के प्रयासों में आम जनता का सहयोग इस अभियान को सफल बनाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश के आधे से ज़्यादा जिलों में बड़े स्तर पर छोटे बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को लेकर उत्तराखंड पुलिस द्वारा चिंता व्यक्त करते हुए ‘आपरेशन मुक्ति’अभियान के अंतर्गत अभी तक कई बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाते हुए स्कूलों में उनका दाखिल करवाया,आम जनता ,स्कूल,मुख्य चौराहों व अन्य सार्वजनिक जगहों में जागरूकता फैलाने व बच्चों के अभिभावकों को भिक्षवृत्ति के खिलाफ काउंसलिंग की जानी है।