रिपोर्ट : यमकेश्वर से जागरूक युवा श्री राजेन्द्र नेगी जी ग्राम तिमली छोटी पोस्ट आफिस तिमली बड़ी वाया भृगुखाल विधानसभा यमकेश्वर, जिला पौड़ी गढवाल उत्तराखंड ।
हाल ही में यमकेश्वर में भारी अतिवृष्टि के कारण क्षेत्र में हुए नुकसान की खबरे हम तक पहुंचाने में नेगी की बड़ी भूमिका रही है।
यमकेश्वर :- यहाँ हर वर्ष बरसात के बाद सड़क को दोनो ओर से उगी झाड़ी अपने आगोश में ले लेती है, जिससे आम इंसान व पालतू जनवरो का हर समय खतरा बना हुआ रहता है।
कोटद्वार से कांडी चलने वाली कई जीप ड्राइवरों से फोन पर बात हुई , जिनमे कमल सिंह नेगी ने बताया कि हमे भी गाड़ी चलाने में दिक्कत आती है। क्योंकि पहाड़ पर हर दस कदम पर मोड़ होते है और इन झाड़ियों के कारण सामने से कोंन आ रहा है पता नही चलता है। बहुत सम्भल के चलना पड़ता है । इसके अलावा गुलदार, व बाघ कई बार गाड़ी से टकराते टकराते बचे है। ऐसे में पैदल चलने वाले व दोपहिया वालो को बहुत ज्यादा खतरा बना हुआ है। हम हर रोज गुलदारों को झाड़ियों से निकलते देखते है। ऋषिकेश कांडी मार्ग पर दियुलि के बाद ही झाड़ी दिखती है जोकि खेड़ा, से कांडी के बीच काफी बढ़ी हुई झाड़ी दिख रही है ।
वही एक मार्ग नालिखाल से बनचूरी मोटर मार्ग बिजनी से बुधौली तक डामरीकरण का कार्य न होना, ऊपर से सड़क के दोनों साइड झाड़ीयों का अंबार लगा होना और इन झाड़ीयों में बाघ, तेन्दुए, गुलदार का हर समय भय बना होना, यह दर्शाती है कि पहाड़ों में जीवन यापन करना कितना मुश्किल और पीड़ा दायक होता है, यह पीड़ा केवल पहाड़ में रहने वाले ही बता सकते हैं, पहाड़ो में यातायात से लेकर स्वास्थ्य सेवा, रोजगार, हर सुविधाओं से महरूम होना, यह दर्शाती है कि हम अभी भी 90 के दशक में जी रहे हैं, और सबसे अहम बात यह है कि इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित होकर भी लोग अपनी आजीविका को चलाते हैं, लेकिन बाघ,तेन्दुए, गुलदार जैसे जंगली जानवरों का आतंक इतना ज्यादा बढ गया है कि लोग अपने को और अपने मवेशियों को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, आये दिन बाघ तेन्दुए लोगों के मवेशियों को अपना निवाला बना देता है जिससे कि लोग पशुपालन करने से भी डरते हैं, और कभी-कभी तो यह नरभक्षी का रूप भी धारण कर लेता है, शासन-प्रशासन को चाहिए कि लोगों का जान-माल का नुकसान न हो इसके लिए कोई ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है, ताकि जंगली जानवरों के भय से लोगों को निजात मिल सके,