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पूर्व CBI निदेशक अश्वनी कुमार ने कि आत्महत्या, सुसाइड नोट-में लिखी ये बाते। 

पूर्व CBI निदेशक अश्वनी कुमार ने कि आत्महत्या, सुसाइड नोट-में लिखी ये बाते।

 

हिमाचल प्रदेश:- पूर्व CBI निदेशक अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर जिले के नाहन क्षेत्र के कोलर इलाके में हुआ था. 70 वर्षीय अश्वनी कुमार आईपीएस अधिकारी थे. वह सीबीआई के अलावा एलीट एसपीजी में विभिन्न पदों पर भी रहे.

शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से बुधवार शाम को एक दुखद खबर सामने आई. नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीबीआई निदेशक अश्वनी कुमार ने आत्महत्या कर ली. हिमाचल के डीजीपी रहे आईपीएस अधिकारी अश्वनी कुमार ने छोटा शिमला के ब्रॉक्हॉस्ट एरिया में अपने घर में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. डीजीपी संजय कुंडू, आईजी हिमांशु मिश्रा और एसपी मोहित चावला भी तुरंत मौके पर पहुंचे. घटनास्थल से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें अश्‍वनी कुमार ने लिखा कि वह इस जीवन को समाप्‍त कर अगली यात्रा पर निकल रहे हैं.

डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि शाम 7:10 बजे उनके बेटे और बहु वॉक पर जा रहे थे. अश्वनी कुमार घर की छत पर थे. वॉक से लौटने पर जब उन्होंने घर का दरवाजा खोलने की कोशिश की तो दरवाजा नहीं खुला. घर का मुख्य दरवाजा अंदर से लॉक था. उन्होंने दरवाजा तोड़ा, फिर दूसरे कमरे की तरफ चले गए. दूसरे कमरे का दरवाजा भी लॉक था तो उसे भी तोड़ा और तीसरे कमरे की ओर बढ़े तो देखा कि दरवाजा खुला था और अंदर अश्वनी कुमार रस्सी से लटके हुए थे. रस्सी लगाने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल किया गया था. परिजनों ने रस्सी को काट कर उन्हें नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी. डीजीपी ने बताया कि सीन ऑफ क्राइम के फोटोग्राफ लिए गए हैं. सभी साक्ष्यों को इक्ठ्ठा किया गया है और एफएसएल की टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए हैं. उन्होंने कहा कि शव को कब्जे में लिया गया है. गुरुवार सुबह पोस्टमॉर्टम कर शव को परिजनों के हवाले किया जाएगा.

डीजीपी ने कहा कि उन्होंने सुसाइड नोट में इसके लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है. उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट में अश्वनी कुमार ने लिखा है कि गंभीर बीमारी के चलते वह यह कदम उठा रहे हैं. इसमें उन्‍होंने किसी को दोषी नहीं ठहराया है. सब खुश रहें यह कामना की है. सुसाइड नोट में आगे लिखा है- अपनी इच्छा से यह जीवन समाप्त कर अगली यात्रा पर निकल रहे हैं.

पुलिस ने उनकी पत्नी से बात की तो पता चला कि उन्होंने दोपहर का खाना साथ खाया था. दिन के समय शिमला के मॉल रोड के समीप कालीबाड़ी मंदिर भी गए थे और शाम को वॉक पर भी गए थे. परिवार वालों को किसी तरह के फॉउल प्ले की आशंका नहीं है. डीजीपी ने कहा कि अश्वनी कुमार सबके लिए रोल मॉडल हैं, हर ऑफिसर चाहता है कि उनकी तरह ही कैरियर होना चाहिए.

घटना के बारे में पता चलते ही कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने घटना को दुखद और प्रदेश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया. उन्होंने कहा कि वह पूजा करने गए थे और पूजा स्थल पर ही आत्महत्या की. अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर जिले के नाहन क्षेत्र के कोलर इलाके में हुआ था. 70 वर्षीय अश्वनी कुमार आईपीएस अधिकारी थे. सीबीआई के अलावा एलीट एसपीजी में विभिन्न पदों पर भी रहे. उनका कैरियर शानदार रहा. वह बेहद साधारण जीवन जीना पसंद करते थे. साल 2006 से 2008 तक वह हिमाचल के डीजीपी रहे. अगस्त 2008 से नवंबर 2010 तक सीबीआई के निदेशक पद पर रहे. मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. वर्ष 2014 में राज्यपाल के पद से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था. वहां से लौटने के बाद शिमला में एक निजी यूनिवर्सिटी में प्रो-चांसलर और वाइस चांसलर के पद पर रहे.

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