गैरसैण गैर किलै,
राजधानी पहाड़ों से भैर किलै।
उक्रांद के युवा नेता “पहाड़ी टाइगर”- उमेश खण्डूड़ी ने भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर सवाल किया कि गैरसैण , जो की पहाड़ का ह्रदय माना जाता है, उसको ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना और ऊपर से ई-विधानसभा में परिवर्तित करना , उत्तराखण्ड की पहाड़ी जनता के साथ विश्वासघात है। पहाड़ियों ने इस दिन के लिए अपने प्राणों का बलिदान नहीं दिया था कि राष्ट्रीय सरकारें अपने आनंद के लिए गैरसैण को पिकनिक स्पॉट बना दें। गैरसैण का स्थायी राजधानी बनना पहाड़ की समृद्धि के लिए ज़रूरी है। इससे शिक्षा,स्वास्थ्य और रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा। पलायन काम होगा और पहाड़ फिर आबाद हो जायेंगे।
उमेश खण्डूड़ी ने चेतावAनई देते हुए कहा कि यदि सरकार गैसें को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो पूर्ण लॉकडौन के बाद, एक बार फिर पहाड़ अपनी गैरसैण राजधानी की मांग के लिए एक हो जायेगा।