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सफल शुरुआत के साथ शानदार विदाई – एसपी सिटी श्वेता चौबे

 

देहरादून-: (अर्जुन सिंह भंडारी)दे हरादून शहर दिल्ली जैसे शहरों के मुताबिक सोचे तो छोटा लगता है,पर बीते वर्षों से जनसंख्या की दृष्टि , शहरीकरण व बाजारीकरण के बढ़ते वर्चस्व ने इस शहर की सुरक्षा व आम जनता की सुरक्षा व्यवस्था को धरातल पर निभाने के स्तर से चुनौतीपूर्ण बनाया है।आम शहरवासी की तरफ से अगर मैं इस चुनौती को देखू तो पुलिस प्रशासन के लिए राजधानी देहरादून में हर साल के अंतर्गत बदलाव चुनौती रहे पर देहरादून पुलिस की पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे(अब पदोन्नति के साथ ही आईपीएस रैंक पाकर दिल्ली में अपनी सेवाएं देंगी)द्वारा शहर की कानून व्यवस्था की बागडोर जिस हिसाब से अपने सम्पूर्ण कार्यकाल में संभाली उसकी बदौलत आज वह न सिर्फ पुलिस विभाग बल्कि अपने पुलिस कर्मियों व शहरवासियों के बीच अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रही।

तकरीबन डेढ़ वर्ष पूर्व देहरादून को श्वेता चौबे के रूप में नई एसपी सिटी मिली।हालांकि इससे पूर्व भी श्वेता चौबे देहरादून के ही सी0आई0डी0विभाग में ए0एस0पी0के पद पर तैनात थी परंतु एसपी सिटी के तौर पर पूरे शहर में कानून व्यवस्था के अनुपालन को लेकर उनके सामने नई चुनौती थी। जिसको समझने में उन्होंने देर न करते हुए अपने अधीनस्थ कर्मियों का काबिलता से नेतृत्व कर तेज़ तरार एसपी सिटी के तौर पर अपना वर्चस्व पुख्ता किया।उन्होंने पिछले डेढ़ वर्ष में पुलिस प्रशासन और आम जनता के बीच सामंजस्य, सुरक्षा इंतज़ामात बिठाने को अपनी टीम के साथ भरसक सफल प्रयास किये,पर एसपी सिटी श्वेता चौबे के कार्यकाल को खास बनाने में इन डेढ़ वर्षों में शहर में कई ऐसी घटनाएं घटित हुई जिन्होंने उनको एक अनुशासन प्रिय,कर्तव्यपरायण,कर्तव्यनिष्ठ,बेहतर टीम लीडर,सफल कानून अनुपालक जैसी भूमिकाओं में समाज के सामने चित्रित किया है।

बीते वर्ष देश भर में जहां नागरिकता संशोधन कानून(सी0ए0ए0) पर जहां देश भर में राजनैतिक पार्टियों द्वारा केंद्रीय सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी केंद्र सरकार के पक्ष में सियासी गलियारों से लेकर सड़क तक हुंकार भरी। इन नारों व विरोध प्रदर्शन की आंच स्वाभाविक था देहरादून में भी पहुचनी थी,पर देश के बाकी हिस्सों में इस मुद्दे के नारों के हिंसक होने को देखते हुए एसपी सिटी ने देहरादून में भाजपा व कांग्रेस द्वारा एक ही दिन विरोध व समर्थन रैली को लेकर कोई भी अप्रिय व कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले हालातों की संभावना को दरकिनार करने को अपनी पुलिस टीम के साथ पहले ही रणनीति तैयार कर ली थी। जिसकी कमान उन्होंने किसी थाने व अलग अलग क्षेत्राधिकारी को देने के बजाय खुद के हाथों में लेने की ठानी थी।अगले दिन रैली के दौरान वह सुबह ही समूची पुलिस टीम के साथ देहरादून शहर के तय प्रदर्शन रुट के पहले पड़ाव पर पूरी पुलिस टीम का नेतृत्व करती झुंड में सबसे आगे खड़ी थी। और रैली शुरू होते ही पुलिस पुलिसफोर्स ने शहर में जो कानून व्यवस्था बनाई उसकी बदौलत दोनो रैलियां शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई,जिसका श्रेय एसपी सिटी की कुशल रणनीति व पुलिस टीम के बेहतरीन समन्वय को जाना न्यायोचित है।

कुशल अनुपालक,सफल प्रशासक,टीम लीडर की भूमिका को बताने में जहां वह पल काफी था वहीं तेज़ तरार पुलिस अधिकारी के रूप में उनके व्यक्तित्व को परिभाषित करने के लिए देहरादून के राजपुर-मसूरी रोड स्थित ईश्वरन निवास डकैती कांड काफी है।पिछले वर्ष राजधानी में घटित इस हाई प्रोफाइल डैकती ने पुलिस प्रशासन के लिए सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए अच्छी-खासी चुनौती पेश की ,जिसमे सुराग परस्पर नाकाफी थे परंतु देहरादून पुलिस टीम ने तकरीबन 8 दिन की मेहनत के बाद सभी अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी भी की। इस केस में अभियुक्तों की गिरफ्तारी से लेकर उनके घटने के बाद के हर मूवमेंट पर नज़र बनाये रखने से लेकर उनके अंतिम गिरफ्तारी के समय तक में एसपी सिटी श्वेता चौबे ने जो भूमिका निभाई उसकी बदौलत सभी अभियुक्त आज पुलिस की गिरफ्त में है।

एसपी सिटी की उपलब्धि में साल 2020 के कोरोना काल का ज़िक्र न हो ऐसा हो नही सकता।भारत में कोरोना की दस्तक के साथ ही भारत अलर्ट मोड पर आ गया था,जिसमे उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लॉकडाउन के पहले से ही पुलिस प्रशासन ने शहर की सुरक्षा का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया था।एसपी सिटी ने लॉकडाउन के चलते शहर में चालू हई बंदी में स्थिति का जायज़ा अपने कार्यालय से बैठकर लेने के बजाय स्वयं हर दिन सुबह से ही पुलिस कर्मियों के साथ शहर के मुख्य चौराहों पर खड़े होकर लिया।उन्होंने लॉकडाउन 1 व 2 में जहां शहर में अनचाहे व मनमाने लोगों पर लगाम लगाने के लिए चेकिंग व जरूरत पड़ने पर सख्ताई का भी इस्तेमाल कर शहर की जनता की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,वहीं बाजार व्यवस्था खुलने पर बाज़ारी व्यवस्था की आड़ में ताक पर रखते नियमों के अनुपालन को आम जनता से लेकर सभी दुकानदारों पर एक पुलिस अधिकारी के रूप में सख्ताई दिखाई।हाथ जोड़कर लोगों से घरों में रहने की भूमिका में जहां वह पुलिस की ओर से आगे रही वहीं सख्त रवैये की दरकार की भी उन्होंने अग्रिम भूमिका निभाई। एसपी सिटी व उनके सभी सुरक्षा कर्मियों की बदौलत देहरादून संक्रमण मुक्त होने में काफी हद तक सफल रहा।लॉकडाउन के दौरान अपने पुलिस सहकर्मियों व सुरक्षा कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी श्वेता चौबे सजग रही। उन्होंने कोरोना के मुश्किल दौर में सभी पुलिसकर्मियों का जहां ड्यूटी के दौरान हर घड़ी हौसला बढ़ाया वहीं उनकी सुरक्षाके सवाल पर भी कोई समझौता न करते हुए उन्हें प्राथमिक तर्ज पर फेस शील्ड व मास्क इस्तेमाल मुहैया करवाये।दिन हो या रात शहर की सुरक्षा व्यवस्था को उन्होंने हर पहर सुरक्षा कर्मियों के साथ ड्यूटी की जो पुलिस कर्मियों में हर दिन हौसला बनाने में सहायक रहा जिसमे उन्होंने ड्यूटी से लेकर पेट्रोलिंग का हिस्सा बन उन्होंने शहर की सुरक्षा को सभी पुख्ता इंतज़ामात किये।

एसपी श्वेता चौबे ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ पुलिस अधिकारी के रूप में सख्त अनुपालक व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका गड़ी बल्कि अपने सभी पुलिस कर्मियों की सुविधा को भी लेकर तत्परता दिखाई,उसमे चाहे शहर की चीता पुलिस को आधुनिक उपकरण से लैस नई मोटरसाइकिल मुहैया करवाने जैसे कदम हो या लॉकडाउन में ड्यूटी के दौरान धूप व बारिश में उनकी सुरक्षा का दारोमदार। उन्होंने जितनी शहर सुरक्षा के लिए सभी पुलिसकर्मियों को मुस्तैद रहने को लेकर निर्देश दिए वहीं उनकी सुरक्षा व जरूरत के लिए उनके बीच जाकर *दूसरों से पहले स्वयं की सुरक्षा* की बात के साथ उन्हें सैनिटाइजर,मास्क व गर्मी में जूस व पानी भी वितरित किये जो उन्हें बेहतरीन पुलिस अधिकारी के साथ ही भावपूर्ण व्यक्ति भी भूमिका में भी दून पुलिस कर्मियों के बीच प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका में रहा।

एसपी सिटी श्वेता चौबे के साहस व प्रयासों को चित्रित करने में वैसे तो यह शब्द नाकाफी है परंतु उनके शानदार कार्यकाल के कुछ सुनहरे दृश्य को बताने के लिए शायद उचित है।उनके द्वारा अपने कार्यकाल में अलग अलग पदों व विभाग में बेहतर प्रदर्शन की तर्ज पर आज वह
पीपीएस रैंक से आईपीएस रैंक पा चुकी है जिसके लिए वह बधाई की पात्र है। और फिलहाल उनको अपनी सेवा दिल्ली में देनी होगी।उनके द्वारा देहरादून में ड्यूटी के दौरान वह अपने कार्यों के चलते अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही आम जनता के बीच भी लोकप्रिय रही जो उनके लिए एक पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी शानदार उपलब्धि है,क्योंकि एक पुलिस अधिकारी कानून व्यवस्था व आम जनता के बीच जब समन्वय बनाने में कामयाब हो जाता है तो उससे बड़ी उपलब्धि शायद ही उसके लिए कोई होता है।

उनके सफल व शानदार कार्यकाल व सेवा के लिए उनको बधाई व सलाम व उनको उनकी नई भूमिका के लिए शुभकामनाएं-

सफलता के पथ पर तू निरंतर कदम बढ़ाता चल
देश सेवा को तू हर मुश्किल पार कर हौसला दिखाता चल
फर्ज को निभाने की कोशिश में तू वर्दी को सलाम करता चल,
तेरी हर ललकार पर तू अपनी नई गाथा लिखता चल।।

जय हिन्द! जय भारत!

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