रायबरेली (उप्र)
जलनिगम और कार्यदायी संस्था तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही से दो परिवारों की खुशियां बिखर गई। रोजी-रोटी की खातिर मथुरा और राजस्थान से रायबरेली आए श्रमिकों को इस बात का कतई एहसास नहीं था कि, वह अब कभी अपनों से नहीं मिल पाएंगे। घटना के बाद से लोगों ने जलनिगम और कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
मंगलवार को हई घटना ने अफसरों की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है। आपको बता दें कि, मृतक संजीव नागर और योगेश वाल्मीकि यहां पर काफी समय से सीवर लाइन बिछाने का कार्य कर रहे थे। ठेकेदार शेर सिंह के माध्यम से दोनों यहां पर आए थे। उनकी टीम में कुल नौ लोग शामिल थे। इसमें अब संजीव और योगेश की मौत हो चुकी है। मृतकों के परिवारीजनों को पुलिस ने घटना की सूचना दी है। दरअसल नियम है कि, सीवर मैनहोल की सफाई के दौरान श्रमिकों को आक्सीजन सिलेंडर, मास्क हेड, गम बूट आदि सेफ्टी उपकरण दिए जाने चाहिए। साथ ही सफाई के पहले एक साथ कई सीवर मैनहोल खोल दिए जाने चाहिए, ताकि गैस न बनने पाए। साथ ही सीवर मैनहोल सूखे होने चाहिए, उनमें पानी कतई नहीं होना चाहिए। यही लापरवाही श्रमिकों की मौत का सबब बन गई ।
कहा जा रहा है कि मंगलवार को एक ही मैनहोल खोला गया था। टेस्टिंग के चलते पानी भी मेन होल में था। ऐसे में जब दोनों श्रमिक सीवर सफाई करने पहुंचे तो जहरीली गैस बन गई और उनकी दम घुटने से मौत हो गई। सभी ने जलनिगम और तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जिस सीवर मैनहोल में श्रमिक सफाई कर रहे थे, वह करीब I 17 फिट गहरा था। खास बात ये है कि, मैनहोल का मुंह इतना संकरा था की उसमें नीचे उतरना भी आसान नहीं था। अब सवाल उठता है कि, आखिर मैनहोल का मुह इतना संकरा क्यों बनवाया गया। लोगों का कहना है कि, लापरवाही के चलते ही श्रमिकों की जाने गई।
सुबह 11.30 बजे सदर कोतवाल राघवन कुमार सिंह को सीवर मैनहोल में श्रमिकों के फंसने की सूचना मिली थी। तत्काल वह मौके पर पुलिस टीम के साथ पहुंचे। कोतवाल की गाड़ी में रस्सा रखाथा। उन्होंने रस्से के जरिए श्रमिकों को बाहर निकालने का प्रयास किया। इसी दौरान सीओ सदर वंदना सिंह भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस टीम ने डेढ़ घंटे रेस्क्यू करके दोनों श्रमिकों को बाहर तो निकाल लिया, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई। कोतवाल कहते हैं कि, सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचा गया। श्रमिकों को बाहर निकाला गया, लेकिन जहरीली गैस के कारण उनकी मौत हो गई।