उत्तराखंड की राज्यपाल महामहिम बेबीरानी मौर्य ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश का दौरा किया
सोमवार को उत्तराखंड की राज्यपाल महामहिम बेबीरानी मौर्य ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश का दौरा किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने अधिकारियों के साथ उनका स्वागत किया। इस दौरान निदेशक एम्स ने उन्हें संस्थान में मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही समग्र स्वास्थ्य सेवाओं से अवगत कराया। सोमवार को एम्स ऋषिकेश पहुंची राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने एम्स अस्पताल में विभिन्न विभागों की ओपीडी का निरीक्षण किया और संस्थान द्वारा मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा कि ऋषिकेश एम्स न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि उत्तरप्रदेश व अन्य समीपवर्ती राज्यों के मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। राज्यपाल ने बताया कि उन्हें एम्स में उपचार करा चुके मरीजों ने बताया कि संस्थान में उनको बेहतर उपचार मिला है,जिसमें परीक्षण की तमाम सुविधाओं के साथ साथ दवा आदि बेहतर है। राज्यपाल ने बताया कि बहुत से चिकित्सक बेहतरीन सेवाओं के चलते ऋषिकेश एम्स को ज्वाइन करना चाहते हैं। उनका कहना है कि एम्स में निहायत कम रजिस्ट्रेशन शुल्क पर अच्छे चिकित्सकों से मरीजों को परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस दौरान एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने उन्हें अवगत कराया कि संस्थान में वर्तमान में 1000 बेड की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि संस्थान में उपचार के लिए आने वाले 80 से 85 प्रतिशत मरीजों का इलाज बीपीएल, आयुष्मान,इमरजेंसी आदि के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही राज्य में आपदाओं में घायल होने वाले मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर उपचार की सुविधा दी जा रही है। इसके बावजूद यदि किसी मरीज की पात्रता के लिहाज से उपचार में रियायत की संस्तुति दी जाती है तो ऐसे रोगियों को इलाज में रियायत दी जाती है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में लेटेस्ट टेक्नालॉजी की रेडियोथैरेपी मशीन आदि सुविधाएं उपलब्ध है,जिसके लिए दिल्ली तक के मरीज परीक्षण के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंच रहे हैं,जिस वजह से संस्थान में मरीजों की प्रतीक्षा सूची बढ़ रही है। लिहाजा वेटिंग लिस्ट को कम करने के लिए एक अतिरिक्त मशीन लगाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने राज्यपाल को अवगत कराया कि एम्स में प्रतिदिन 35 ऑपरेशन थियेटर संचालित किए जा रहे हैं, जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, यह संख्या जनवरी-2020 तक 50 कर दी जाएगी। जिससे मुश्किल बीमारियों की सर्जरी के लिए मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। निदेशक एम्स ने बताया कि संस्थान में अगले डेढ़ माह में मरीजों के लिए किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा भी उपलब्ध करा दी जाएगी। यहां पर लेटेस्ट टर्सरी केयर की सुविधा मौजूद है। मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने एम्स को जल्द ही विस्तारीकरण के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का वायदा किया है, जैसे ही भूमि उपलब्ध होगी उक्त जमीन पर हार्ट का सेंटर, ब्रेन का सेंटर, नेत्र सेंटर, ट्रांसप्लांट, पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, नर्सिंग इंस्टीट्यूट विकसित किया जाएगा, उन्होंने कहा कि संस्थान को देश का प्रथम श्रेणी का मेडिकल संस्थान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ब्रह्मप्रकाश, नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डा. संजीव कुमार मित्तल, डा. आशी चुग,डा. रेबेका चौधरी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, डा. विनोद कुमार आदि मौजूद थे।