गांव को कोरोना से बचाने में सरपंच ने रिश्ते को भी आड़े नही आने दिया।
तेलंगाना:- 18 अप्रैल तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में एक गांव के सरपंच ने लॉकडाउन के चलते अपने परिवार के बजाय कर्तव्य को तरजीह देते हुए अपनी मां को गांव में प्रवेश करने से रोककर वापस भेज दिया। संगारेड्डी जिले। के गोसाईपल्ली गांव के सरपंच साई गौड़ की मां पिछले महीने लॉकडाउन प्रभावी होने के बाद से ही एकरिश्तेदार के घर में फंसी हुई थीं, जब किसी तरह वह लौटीं तो सपरंच ने उन्हें। गांव में प्रवेश करने से पहले ही वापस भेेेज दिया।
गौड़ ने कहा, ‘मुझे अपनी मां को वापस भेजने पर बहुत दुख हुआ। मैंने गांव वालों की भलाई के लिए ही ऐसा किया। मैं अच्छी तरह जानता हूं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।’
उन्होंने कहा कि तुलसम्मा (मां) किसी दूसरे गांव में संबंधी के यहां गई थीं और लॉकडाउन लागू होने के बाद से वहीं फंसी हुई थीं। वह सोमवार को गोसाइपल्ली के पास पहुंची लेकिन उन्हें वहीं रोक दिया गया, क्योंकि गांववासियों के निर्णय के बाद यहां के सभी प्रवेश और निकास द्वारों को सील किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि गांव के तीन परिवारों में कोरोना वाइरस के संदिग्ध लक्षण दिखाई देने के बाद यह फैसला लिया गया। गौड़ को जब अपनी मां के आने की खबर मिली तो वह उनके पास पहुंचे और लॉकडाउन का हवाला देकर उन्हें वापिस अपने रिश्तेदार के यहाँ भेज दिया।
उन्होंने अपनी मां से कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही वह घर लौटें। मां ने भी हालात को समझते हुए गांव वालों की खूब सराहना की और वापस अपने रिश्तेदार के यहाँ चली गईं।