देहरादून(अर्जुन सिंह भंडारी)- कोरोना संकट के चलते देशभर से लौटे प्रवासियों घर में रोजगार दिलाने की प्रदेश सरकार की मंशा धूमिल होती नजर आ रही है।प्रवासियों को रोजगार दिलाने के मकसद से बीते माह लांच पोर्टल होप पर अब तक घर लौटे ढाई लाख में से महज 13 हजार प्रवासियों ने पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है।
मुख्यमंत्री ने किया था योजना का शुभारंभ
इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य कुशल और अकुशल युवाओं का डाटा बेस बनाना तथा डाटा बेस के आधार पर रोजगार/स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। विदित है पिछले माह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया गया था।लेकिन प्रवासी इस योजना में रुचि नही दिखा रहे पहाड़ी जिलों से भी पंजीकरण करने वालो की संख्या और भी कम है।होप के प्रति प्रवासियों की बेरुखी से जाहिर होता है कि लाकडाउन पूरी तरह से खुलने के बाद ज्यादातर लोग महानगरों की ओर फिर से रुख कर सकते है।
प्रदेश सरकार ने लाकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासियों के लौटने पर रोजगार उपलब्ध कराने की योजना तैयार की।प्रवासियों को रोजगार और प्रशिक्षण के मकसद से करीब एक माह पहले हैल्पिंग आउट पीपल एवरिव्हेयर (होप) पोर्टल लांच किया गया। जिसमें रोजगार के इच्छुक प्रवासियों को सरकार द्वारा उचित प्रशिक्षण भी दिया जाना है, ताकि उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सके, पोर्टल पर प्रवासी अपनी पूरी जानकारी देकर पंजीकरण करा सकते है,इसके आधार पर उनकी शैक्षिक योग्यता,अनुभव, कार्यकुशलता का पता चल सकेगा।
आकड़ो के मुताबिक अब तक लौट चुके है दो लाख से अधिक प्रवासी
सरकारी आँकड़े बताते है कि अब तक दो लाख 34 हजार के करीब प्रवासी लौट चुके है।लेकिन होप पोर्टल पर पंजीकरण की संख्या ने अधिकारियों को हैरत में डाल दिया है। वजह यह है कि एक माह में अब तक महज 12 हजार 918 लोगों ने ही पोर्टल में पंजीकरण कराने में दिलचस्पी दिखाई है।इससे माना जा रहा है पंजीकरण नहीं करवाने वाले प्रवासी शायद कोरोना संकट खत्म होने का इंतजार में है। स्थितियां सामान्य होने पर ये लोग फिर रोजगार की तलाश में महानगरों की तरफ लौट सकते है।