देहरादून :- प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा देहरादून में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के विज्ञापन की मांग को लेकर धरने पर बैठे प्रशिक्षित शिक्षकों की 18वें दिन भी शासन प्रशासन की तरफ से कोई सुध लेने नहीं आया है।
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राज्य के कई प्राथमिक विद्यालय एकल शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।
सरकार की ओर से शिक्षा के मुद्दे पर बङी-बङी बाते तो बार-बार की जाती हैं परन्तु विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं और सरकार के पास प्रशिक्षित शिक्षक होने के बाद भी उनकी नियुक्ति ना करना सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीन रवैये को दिखाता है।
मंत्री जी द्वारा की गई भर्ती संबंधी बातें सिर्फ अख़बारों में ही दिखाई देती हैं। माननीय शिक्षा मंत्री जी द्वारा डी.एल.एड. प्रशिक्षितों को बार-बार आश्वासन तो दिये जाते हैं पर अभी तक नियमावली का कार्य ही पूरा नहीं हो पाया है।
मंत्री जी जगह-जगह जाकर नए प्राथमिक विद्यालयों का शिलान्यास,पुराने विद्यालयों के जीर्णोद्धार कर अपने कार्यों की सराहना करवा रहे हैं परन्तु नेता जी शायद भूल गये हैं कि शिक्षा के लिए विद्यालय के भवन के साथ -साथ विद्यार्थी और शिक्षक भी आवश्यक होते हैं। बिना शिक्षकों के अभिभावकों का भरोसा सरकारी विद्यालयों से उठ रहा है।
डी. एल. एड. प्रशिक्षितों की बस यही मांग है कि आचार संहिता से पहले प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी कर विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए जिससे नौनिहालों का भविष्य सुधरे तथा लोगों में सरकारी विद्यालयों के प्रति विश्वास बढ़े ।