हिंदुस्तान की पहचान के साथ-साथ हिंदी गौरव भी है?
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर पूरे देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. आपको हिंदी भाषा को लेकर ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहे हैं जिसको देखकर यकीनन आप हिंदी भाषी होने पर गर्व करेंगे. बदलते परिवेश में भले ही अंग्रेजी बोलना स्टेटस सिंबल का प्रतीक बन रहा हो, मगर हिंदी कितनी महान भाषा है, इसकी गहराई का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि विदेशी भी हिंदी भाषा, हमारी संस्कृति को सीख रहे हैं. उनमें ऐसी ललक है जिन्होंने अपनी पहचान ही भारतीय बना ली है.भारतेंदु हरिश्चंद्र की कविता निज भाषा से लिए गए इस दोहे में कवि मातृभाषा का उपयोग सभी प्रकार की शिक्षा के लिए करने पर जोर देते हैं। उनका कहना है कि अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है। मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं है।भारत कई राज भाषाओं और लिपियों से समृद्ध देश है। यहां कई भाषाएं बोली जाती हैं। देश के आधे से ज्यादा भाग को हिंदी ही जोड़ती है। हिंदुस्तान की पहचान के साथ-साथ हिंदी हमारा गौरव भी है। हर शब्द में गंगा सी पावनता और गगन सी व्यापकता लिए हिंदी की खासियत है कि यह जैसे बोली जाती है, वैसे ही लिखी भी जाती है। भले ही अंग्रेजी का प्रचलन बढ़ गया हो लेकिन हिंदी अधिकतर भारतीयों की मातृभाषा है। सिनेमा, साहित्य, संचार, समाचार और बोलचाल की प्रमुख भाषा हिंदी है। दुनियाभर के तमाम देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए ही हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। साल 2011 में हुई जनगणना की माने तो देश में करीब 43.63 फीसदी लोग आम बोलचाल में हिंदी का इस्तेमाल करते हैं। ज्यादातर भारतीयों की मातृभाषा हिंदी भले ही देश की राष्ट्रभाषा न बन पाई हो, लेकिन बावजूद इसके हिंदी देश के आधे से ज्यादा भाग को जोड़ती है। वर्तमान में हिंदी दुनिया में सबसे तेजी से उभरती हुई भाषा है। दुनियाभर में 60 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं। यही वजह है कि अंग्रेजी और मंदारिन भाषा के बाद हिंदी विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।भारत सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। हम संभावनाएं जता सकते हैं कि शीघ्र ही हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा में शामिल कर लिया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी विदेश यात्रा के दौरान अधिकतर अपना सम्बोधन हिन्दी भाषा में ही देते हैं। जिससे हिन्दी भाषा का महत्व विदेशी धरती पर भी बढ़ने लगा है।
हिन्दी ने भाषा, व्याकरण, साहित्य, कला, संगीत के सभी माध्यमों में अपनी उपयोगिता, प्रासंगिकता एवं वर्चस्व कायम किया है। हिन्दी की यह स्थिति हिन्दी भाषियों और हिन्दी समाज की देन है। लेकिन हिन्दी भाषा समाज का एक तबका हिन्दी की दुर्गति के लिए भी जिम्मेदार है। अंग्रेजी बोलने वाला ज्यादा ज्ञानी और बुद्धिजीवी होता है। यह धारणा हिन्दी भाषियों में हीन भावना लाती है। जिंदगी में सफलता पाने के लिये हर कोई अंग्रेजी भाषा को बोलना और सीखना चाहता है। हिन्दी भाषी लोगों को इस हीन भावना से उबरना होगा, क्योंकि मौलिक विचार मातृभाषा में ही आते हैं। शिक्षा का माध्यम भी मातृभाषा होनी चाहिए। शिक्षा विचार करना सिखाती है और मौलिक विचार उसी भाषा में हो सकता है जिस भाषा में आदमी जीता है। हमें अहसास होना चाहिये कि हिन्दी दुनिया की किसी भी भाषा से कमजोर नहीं है। 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस, जबकि 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस भारत में हिंदी को आधिकारिक दर्जा मिलने की खुशी में मनाते हैं और विश्व हिंदी दिवस दुनिया में हिंदी को वही दर्जा दिलाने के प्रयास में मनाया जाता है।पहली बार नागपुर में 10 जनवरी 1975 को विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि। शामिल हुए थे। उसके बाद भारत के बाहर मॉरिशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद, अमेरिका आदि देशों में भी विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया।हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि एक कड़ी है जो हम करोड़ों भारतीयों को एक सूत्र में बांधती है और हमें हिंदुस्तानी होने पर गौरवान्वित अनुभव कराती है।भारत माँ के भाल पर सजी स्वर्णिम बिंदी हूँ,
मैं भारत की बेटी आपकी अपनी हिंदी हूँ। विश्व हिंदी दिवस 2023 की शुभकामनाएं!
हिन्दुस्तान की है शान हिन्दी, हर हिन्दुस्तानी की है पहचान हिन्दी, एकता की अनुपम परम्परा है हिन्दी, हर दिल का अरमान है हिन्दी। विश्व हिन्दी दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं।
अगर भारत का करना है उत्थान,
तो हिन्दी को अपनाना होगा,
अंग्रेजी को “विषय-मात्र”,
और हिंदी को “अनिवार्य” बनाना होगा। विश्व हिन्दी दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं।
लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय कार्यरत हैं।