लखनऊ एक्सपो के नौवें दिन मोनाल उत्तरांचल पूर्वांचल कला उत्सव में गढ़वाल के लोक नृत्य की सांस्कृतिक संध्या को सुप्रसिद्ध रंगकर्मी उर्मिल थपलियाल जी को समर्पित की गई
लखनऊ प्रतिनिधि : अशोक असवाल
लखनऊ , दस दिवसीय 13 नवम्बर से 22 नवम्बर तक लखनऊ एक्सपो के नौवें दिन मोनाल उत्तरांचल पूर्वांचल कला उत्सव में गढ़वाल के लोक नृत्य की सांस्कृतिक संध्या को सुप्रसिद्ध रंगकर्मी उर्मिल थपलियाल जी को समर्पित की गई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ जनार्दन प्रसाद घिल्डियाल व श्री वी सत्य वेंकट राव उप प्रबंध निदेशक सीडवी द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया मेला संयोजक मुनालश्री विक्रम बिष्ट ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उर्मिल थपलियाल जी के बारे में बताया कि 1975 से हमारा परिचय रहा उन्हें हमने अपना गुरु भी माना था। आकाशवाणी के उत्तरायण कार्यक्रम व विभिन्न मंचों में उनके साथ कई गढ़वाली नाटक भी किया
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री बद्रीनाथ जी की स्तुति के साथ बोलआंदा बद्री को अपनी मधुर स्वर में यशभारती ऋचा जोशी ने स्वर दिया इसके साथ ही कई गढ़वाली गीत प्रमुख रूप से सरया बसज्ञाल रोनी कोनी मां काटी, याद उथे आणि होली नजीमाबादए रेलमा छुक छुक चलडी होली रेल, ब्याली सैया रे कैबासा रे तू , बैठ मेरी मोटर मधुली कोटद्वारा तक आदि कई मधुर गीत सुना कर गढ़वाल हिमालय की याद दिला दी ।
इस अवसर पर 82 वर्ष की वरिष्ठ महिला महेश्वरी घिल्डियाल जी को सम्मानित भी किया गया । गढ़वाली लोक नृत्य में अनन्या पांडे, स्वरा त्रिपाठी, आध्या शुक्ला, खुशी, सार्थक, वैष्णवी, नंदिनी, कृतिका, निमिषा आदि कलाकारों ने हार्ट एंड सौल कल्चर वेलफेयर सोसाइटी के गुरु मंदाकिनी बहुगुणा के निर्देशन व संयोजन में गढ़वाल के लोक नृत्य को बहुत ही सुंदर ढंग से नवनीत रस्तोगी व सार्थक सिन्हा के सहयोग से प्रस्तुत किया मानसी बिष्ट गिन्नी सहगल आकांक्षा वैष्णवी अक्षिता त्रिपाठी गौरी द्विवेदी प्रिया ने भी कई लोकनृत्य प्रस्तुत किए जो अत्यंत सराहनीय रहे सभी कलाकारों ने मिलकर अत्यंत सफल प्रदर्शन मंच पर प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का संचालन हास्य सम्राट राजेंद्र विश्वकर्मा ने किया उन्होंने अपने अंदाज में सबको हंसाने का भी प्रयास किया इस अवसर पर श्रीमती सुनंदा असवाल, श्रीमती नीलम जुयाल, श्रीमती रजनी राणा, डॉ अर्चना घिल्डियाल ,सुश्री हेमलता जुगराण, श्री राकेश डड्रियाल , दिनेश गुसाईं ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।