पिथौरागढ़- उत्तराखंड में पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में 47.48 प्रतिशत मतदान हुआ, जो वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से 17.11 प्रतिशत कम रहा। तब 64.59 प्रतिशत मतदान हुआ था। उप चुनाव को लेकर मतदाताओं में जोश भी कम दिखा।
सुबह से ही तमाम बूथों पर सुनसानी छायी रही। इक्का-दुक्का लोग ही मतदान के लिए आ रहे थे। सोमवार को सुबह 8 से 9 बजे तक बूथों पर लोगों की कुछेक लाइनें देखने को मिलीं। 9 से 10 बजे तक अमूमन सभी बूथों पर सन्नाटा छाया रहा। सुबह 9 बजे तक एक घंटे में मात्र 4.59 प्रतिशत मतदान हुआ। 10 बजे बाद मतदाता घरों से निकलने लगे।
देर शाम लौटने लगी थी, पोलिंग पार्टियां
सुबह 11 बजे तक 16.4 प्रतिशत मतदान हो सका था। दोपहर एक बजे तक मतदान प्रतिशत 27.20 पहुंच गया। अपरान्ह 3 बजे तक 38.08 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान समाप्ति शाम 5 बजे तक 47.48 प्रतिशत मतदान हुआ।
इस बार पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 105711 थी, जिनमें 50191 लोगों ने ही मतदान किया। 52871 पुरुषों में से 25199 ने और 52840 महिला मतदाताओं में से 24992 ने ही वोट डाले। वोटिंग में हमेशा महिलाएं पुरुषों से आगे रहती थीं, लेकिन इस चुनाव में महिलाएं पीछे रहीं। मतदान के लिए 145 बूथ बनाए गए थे।
मतदान के बाद नजदीकी क्षेत्रों की पोलिंग पार्टियां वापस लौटने लगी थीं। रात 8 बजे तक 55 बूथों के ईवीएम जिला मुख्यालय स्थित स्ट्रांग रूम में जमा हो गए थे। सभी पोलिंग पार्टियों के मंगलवार दोपहर तक जिला मुख्यालय पहुंचने की उम्मीद है।
कम मतदान ने बढ़ाई भाजपा और कांग्रेस की धड़कन
इस बार वर्ष 2017 के चुनाव की अपेक्षा 17.11 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। बूथों पर दिनभर छाये सन्नाटे और कम मतदान ने राजनीतिक दलों के साथ ही प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के होश उड़ा दिए हैं। हालांकि भाजपा और कांग्रेस कम मतदान को अपने पक्ष में बताने से भी नहीं चूक रहे हैं।
दोनों दलों के लोगों का दावा है कि उनका कैडर वोट मतदान के लिए घर से बाहर निकला है। कम मतदान किसके पाले में गया है, इसका गणित लगाने में राजनीतिक गणितज्ञों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
कम मतदान किसके साथ जाता है, इसका खुलासा 28 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगा। फिलहाल 26 और 27 नवंबर को राजनीतिक दल वोटों का गणित लगाने में ही व्यस्त रहेंगे।