Monday, September 9, 2024
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देहरादून

चन्द्रयान- 3 की चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लेडिंग, भारत की महत्वकांक्षा की उडान फैयाज अहमद राष्ट्रिय उपाध्यक्ष पसमांदा समाज ।

देहरादून /USK/: भारत के चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है. इसी के साथ भारत पहला देश बन गया, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्‍पेसक्राफ्ट को उतारा है. इसके साथ ही, यह सफलता हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है. चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग से पहले पूरी दुनिया इस पर नजरें गड़ाए हुए था.

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पसमादी सशक्तिकरण के क्षेत्र में संघर्षरत सामाजिक संगठन आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने देशवासियों को चन्द्रयान-3 की दक्षिणी ध्रुव पर सफलता पुर्वक लेडिंग की सम्पुर्ण भारत 140 करोड़ देश वासियों की महत्वकाक्षा की उड़ान बताते हुये हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी।

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज हनीफ और राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक मुहम्मद यूनुस ने कहा कि हमारे संगठन में अगस्त 2023 से 31 दिसम्बर 2023 तक उ प्र के 18 मंडलो में मंडल प्रभारी एवं सभी जिलों में जिला कार्यकारिणी का गठन करके जिला स्तर पर पसमादा जन चेतना का अभियान चलाया जायेगा इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए उत्तराखण्ड प्रभारी फैयाज अहमद ने कहा कि ये ही अभियान उत्तराखण्ड मे भी चलाया जायेगा। जिससे लोगों में जागरुकता और आए और जिसका उद्देश्य पसमांदा जन प्रतिनिधीयों एवं कार्यकर्ताओ में पसमादा समाज के प्रति राजनैतिक, आर्थिक सामाजिक, शैक्षिक सांस्कृतिक चेतना उत्पन्न करना है तथा पसमांदा मुस्लिम समाज को जागरूक करके राष्ट्र के प्रति समर्पित भावना जागृत करना है देश में सौहाद और भाईचारा कायम करने के लिये सभी धर्मो एवम् सामुदायों के साथ मिल कर चलने और समाज मे व्याप्त नफरत की प्रवृति को समाप्त करना है. इस अवसर पर बोलते हुये श्री फैयाज अहमद ने देश के प्रधान मन्त्री से अपील की है कि हमारे पसमादो के लिये बी.जे.पी संगठन मे पसमांदा मोर्चा और पसमादा आयोग का गठन जल्दी से जल्दी किया जाये ताकि 2024 के चुनाव मे तिसरी बार आप देश के प्रधान मन्त्री बने

चंद्रयान के बाद अब आदित्य पर विश्व की नज़र

यह भारत की आंतरिक दृढ़ता है कि चंद्रयान की सफलता के बाद हम आदित्य यान बना रहे हैं. हम सूर्य के रहस्य का पता लगाने के लिए भी निकलेंगे. दरअसल देश में कुछ लोगों को लगता है कि विज्ञान का धर्म से कोई वास्ता नहीं. किंतु खुद आइंस्टीन भी धर्म और अध्यात्म की सत्ता को स्वीकार करते थे. अब आजकल एक फ़ैशन चल निकला है कि हर मुद्दे पर कोई ऐसा विवाद तलाश लेना, जिससे हिंदू धर्म की गरिमा समाप्त हो सके. लेकिन ऐसा करने से व्यर्थ की तनातनी बढ़ती है. भारत विविध धर्मों वाला देश है. हिंदुओं के बाद यहां सबसे अधिक अनुयायी इस्लाम के हैं. पर दोनों के बीच दूरी इतनी अधिक है कि एक पूरब तो एक पश्चिम को चलता है. राजनीतिक लोग इसे और पनपाते हैं. एक तरफ़ कांग्रेस और आजकल उसके साथ लगे वामपंथी भाजपा को सदैव हिंदू पार्टी बता कर उसे कठघरे में खड़ा करते हैं तो दूसरी तरफ भाजपा कांग्रेस को हिंदू विरोधी बताती है.

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