देहरादून– चारधाम श्राइन बोर्ड की वजह से नाराज चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से बातचीत के दरवाजे बंद कर दिए हैं। उधर, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि तीर्थ पुरोहितों से बातचीत हो गई है और इसके बाद ही उन्होंने श्राइन बोर्ड के प्रस्ताव पर सहमति दी थी। महाराज के मुताबिक सरकार तीर्थ पुरोहितों की बात सुनेगी। इधर, सरकार ने भी इशारा किया है कि वह रोलबैक के लिए तैयार नहीं है।
मंत्रिमंडल की बैठक में श्राइन बोर्ड के प्रस्ताव को सहमति मिलने के बाद से ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहित सड़क पर उतर आए थे। शुक्रवार को देवभूमि तीर्थ पुरोहित महापंचायत की बैठक हुई और इसमें फैसला लिया गया कि श्राइन बोर्ड का फैसला वापस न होने तक सरकार से कोई बातचीत नहीं की जाएगी।
महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि सरकार विधि आयोग और चार धाम विकास परिषद के जरिए तीर्थ पुरोहितों से चार धाम विकास पर सुझाव ले रही थी और दूसरी ओर मंत्रिमंडल की बैठक में श्राइन बोर्ड का प्रस्ताव पारित कर रही थी। यह सरकार का दोहरा चरित्र है।
सरकार को श्राइन बोर्ड का ही गठन करना है तो तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लेती। डिमरी के मुताबिक महापंचायत ने आगे की रणनीति तय करने के लिए कोर कमेटी के गठन का फैसला किया है। विधानसभा कूच का फैसला अपनी जगह कायम है