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महिला पर्यावरण मित्र को दिवाली की मिठाई की जगह गलती से बुजुर्ग ने 10 लाख से भरा डिब्बा दे दिया। उसके बाद क्या हुआ जानिए ।

नई दिल्ली,  मिठाई के डिब्बे में मिले 10 लाख रुपए लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाली पूर्वी दिल्ली नगर निगम की महिला पर्ययावरण मित्र को पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन आज निगम मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में सम्मानित करेंगे। दरअसल, कांति नगर वार्ड में नगर निगम की एक महिला सफाई कर्मचारी ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। रोशनी नामक इस कर्मचारी को सुबह एक बुजुर्ग ने मिठाई की जगह नोटों से भरा थैला दे दिया। महिला जब घर लौटीं तो थैले को खोलकर देखा। उसमें दस लाख रुपये थे। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना वार्ड के पर्ययावरण मित्र अधीक्षक को दी। इसके बाद दोनों पार्षद कंचन महेश्वरी के कार्यालय में पहुंच गए। यहां बुजुर्ग को बुलाया गया और उन्हें उनके दस लाख रुपये वापस कर दिए गए। अपनी रकम पाकर साेनू नंदा काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने रोशनी को 2100 रुपये का इनाम अपनी तरफ से दिया।

कंचन महेश्वरी ने कहा कि रोशनी ने उनके वार्ड के साथ पूर्वी नगर निगम का भी नाम रोशन कर दिया है। निगम के कर्मचारियों को हमेशा शक की दृष्टि से देखा जाता है। लेकिन, रोशनी ने साबित कर दिया है कि पूर्वी निगम में ईमानदार लोग भी काम क

जानकारी के मुताबिक रोशनी पूर्वी निगम में स्थायी कर्मचारी हैं। मंगलवार सुबह वह शंकर नगर एक्सटेंशन की गली नंबर-छह में झाड़ू लगा रही थीं। इसी दौरान पास में रहने वाले सोनू नंदा ने एक थैला दिया और बोला कि इसमें दीवाली की मिठाई है। रोशनी ने थैले को अपने पास मिठाई समझकर रख लिया। घर पहुंचने पर थैला खोला तो नोटों की गड्डी देखकर वह सकते में आ गईं। उन्होंने तुरंत      पर्ययावरण मित्र अधीक्षक जितेंद्र को इसकी जानकारी दी।

इसके बाद दोनों पार्षद कंचन महेश्वरी के कांति नगर स्थित कार्यालय में पहुंच गईं। उधर, सोनू नंदा ने बताया कि उन्होंने मिठाई समझकर थैला रोशनी को दे दिया था। जब उनके बेटे ने थैले को खोजना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि उसमें दस लाख रुपये थे। रोशनी का नंबर नहीं था तो वह भी परेशान हो गए। इस बीच पार्षद कार्यालय से उनके पास फोन आया। इसके बाद वह बेटे के साथ यहां पहुंच गए। अपनी रकम वापस पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

सोनू नंदा ने कहा कि रोशनी ने साबित कर दिया है कि ईमानदारी आज भी लोगों में है। इससे उनका विश्वास और प्रबल हो गया है। वहीं रोशनी ने कहा कि भले ही मेरे परिवार में दिक्कत हो। लेकिन मुझे एक पल भी ऐसा नहीं लगा कि ये पैसे मैं रख लूं। मुझे ऐसा लगा कि शायद इस पैसे की ज्यादा जरूरत उन बुजुर्ग को है। इसलिए मैंने वापस करने का प्रण लिया।

 

 

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