थाना न्यू आगरा के दयालबाग से शीतगृह स्वामी सुरेश चौहान के इकलौते बेटे सचिन (25) की अगवा करने के बाद हत्या कर दी गई। इसके बाद बल्केश्वर घाट पर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। रविवार रात को पुलिस को सुराग मिले। उसके बाद पांच युवकों को पकड़ लिया गया। इनमें एक बड़े कारोबारी का बेटा भी शामिल है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। जल्दी खुलासा किया जा सकता है।
मूलरूप से बरहन के गांव रूप धनु निवासी सुरेश चौहान दयालबाग के जय राम बाग में रहते हैं। सुरेश जिला पंचायत में ठेकेदारी भी करते हैं। उनका रूप धनु में ही एसएस शीतगृह है। यह साझीदारी में करते हैं। उनका बेटा सचिन भी ठेकेदारी और शीतगृह में कामकाज देखा करता था।
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21 जून की दोपहर 3:30 बजे लोअर और टीशर्ट में घर से निकला था। मां अनीता से कहा था कि कुछ देर में आ रहा है। इसके बाद लापता हो गया। उसकी तलाश की, लेकिन नहीं मिला। इस पर दूसरे दिन थाना न्यू आगरा में गुमशुदगी दर्ज करा दी। पुलिस ने सचिन की तलाश शुरू कर दी। पुलिस की स्पेशल टीम को भी लगाया गया।
गला दबाकर की है हत्या
सुरेश चौहान के मुताबिक, पुलिस को रविवार को कुछ सुराग मिले। इसके बाद कमला नगर और दयालबाग के पांच युवकों को उठाया गया है। उनसे पूछताछ में सामने आया कि सचिन की हत्या गला दबाकर कर दी गई है। इसके बाद शव बल्केश्वर घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
घटना के पीछे फिरौती वसूलने की बात सामने आई है। रविवार रात को युवक मोबाइल के लिए सिम खरीदने जा रहे थे। तभी पुलिस ने पकड़ लिया। देर रात पुलिस युवकों से पूछताछ कर रही थी। पुलिस ने अभी घटनाक्रम का खुलासा नहीं किया है।
पिता ने कहा, बेटे की हत्या के लिए साजिश रची गई
पिता सुरेश चौहान का कहना है कि बेटे की हत्या के लिए पूरी साजिश रची गई है। इसमें एक कारोबारी का बेटा भी शामिल है। वह अक्सर सचिन से आकर मिलता था। उसके साथ ही जाता था। वह पुलिस के मूवमेंट की भी जानकारी दे रहा था। आरोपी उनसे दो करोड़ रुपये की फिरौती वसूलना चाहते थे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि हत्या के बाद अंतिम संस्कार बल्केस्वर घाट पर किया गया। आरोपी सचिन के शव को पीपीई किट में लेकर गए थे, जिससे लगे कि किसी कोरोना मरीज की मौत हो गई है। पुलिस आरोपियों से हत्याकांड से जुड़ी कड़ी से कड़ी जोड़ने में लगी है।