एक कलेक्टर ऐसी भी, जिनके इस मॉडल की हो रही हर जगह चर्चा

Spread the love

आंगनबाड़ियों को ‘बचपन’ के रंगों से संवारती एक कलेक्टर

वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट की फेसबुक वॉल से साभार 

चमोली– स्कूल शुरू करने से पहले बच्चा मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत हो जाए, स्कूल उसे ‘कैद’ और पढ़ाई ‘बोझ’ न लगे, ऐसी संवेदना सिर्फ एक मां की ही हो सकती है। यही संवेदनशील मां अगर जिले की कलेक्टर भी हो तो आंगनबाड़ियों में बचपन मुस्कुराने-खिलखिलाने लगता है।

उत्तराखंड में सीमांत चमोली जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बचपन कुछ इसी अंदाज में अंगड़ाई ले रहा है। जिले की पहली महिला कलेक्टर स्वाति एस भदौरिया का ‘बचपन’ नाम का नवाचार यहां रंग लाने लगा है। यहां सौ से अधिक आंगनबाड़ियां ऐसी नजर आने लगी हैं मानो किसी नामचीन ब्रांड के प्ले स्कूल हों।

इन केंद्रों की बाहरी दीवारों से लेकर आंतरिक सज्जा और अन्य व्यवस्थाएं बच्चों की जरूरत और पसंद के लिहाज से तैयार की गयी हैं। दीवारों पर बच्चों के पसंदीदा कार्टून, आडियो किट, पंचतंत्र की कहानियां, बच्चों के बैठने के लिए रंग बिरंगी कुर्सियां, फलों के आकार की मेजें, खेलने के लिए झूले और खिलोनों के अलावा, एजुकेशन किट और स्वच्छता के लिए हाईजीन किट, वाटर फिल्टर और टेक सूट पहने नौनिहालों के साथ संवाद करने वाली प्रशिक्षित सहायिकाएं यह आभास ही नहीं होने देती कि ये कोई ‘सरकारी’ केंद्र हैं।

इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का भोजन तैयार करने के लिए गैस की व्यवस्था है तो वहीं पेयजल, बिजली और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी हैं। इन आंगनबाड़ियों मे बच्चों को गीत और कहानियों के माध्यम से सिखाने के लिए प्रोजेक्टर और लैटपटाप भी हैं। बच्चों की स्वच्छता के साथ ही यहां पोषक आहार का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। तकरीबन दो साल पहले दस आंगनबाड़ी केंद्रों से शुरू हुए बचपन अभियान से अब जिले के 120 आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प हो चुका है।

             कौन है स्वाति भदौरिया

आंगनबाड़ी में बचपन का यह रंग राज्य में कलेक्टर स्वाति भदौरिया का अभिनव प्रयोग है, जो व्यवस्था से ही नहीं बल्कि संवेदनाओं से भी जुड़ा है। आम धारणा जब यह बनती जा रही हो कि नौकरशाह बेलगाम और संवेदनहीन हैं, ऐसे वक्त में राज्य के कुछ युवा नौकरशाह ऐसे भी हैं जो अपने नवाचारों और संवेदनशीलता के चलते खासे लोकप्रिय बने हुए हैं।

चमोली में तैनात स्वाति भदौरिया और अल्मोड़ा में कलेक्टर पद पर तैनात उनके पति नितिन भदौरिया ऐसे ही चंद लोकप्रिय अफसरों में शुमार हैं। साल 2012 बैच की आईएएस स्वाति की बतौर जिला कलेक्टर यह पहली पोस्टिंग है। इस दौरान डेढ़ साल में स्वाति ने एक संवेदनशील और ईमानदार प्रशासक के तौर पहचान स्थापित की है।

स्वाति भी दूसरे लोकप्रिय अफसरों की तरह एक जनसेवक होने की अपनी भूमिका के साथ न्याय करती हैं। आपदा जैसी दुख की घड़ी में वह खुद प्रभावितों के बीच पहुंचकर उनकी हिम्मत बांधती हैं, तो स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन की गुणवत्ता जांचने के लिए खुद बच्चों के साथ भोजन करने बैठ जाती हैं। स्कूलों के औचक निरीक्षण में शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देती हैं।

स्कूलों में बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ते देख और बिजली, पानी की व्यवस्था न होने पर व्यथित होती हैं। अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश देती हैं, उन पर अमल हुआ या नहीं यह पता लगाने के लिए स्कूल के बच्चों के पास अपना मोबाइल नंबर छोड़ देती हैं। बेसहारा लोगों की आगे बढ़कर मदद करती हैं तो प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। आम लोगों को धैर्य से सुनती हैं और समस्या का तत्काल समाधान भी करती हैं।

अपनी इसी कार्यशैली के चलते वह आज जिले में आम लोगों के बीच खासी लोकप्रिय हैं। वह एक संवेदनशील और नवाचारी अधिकारी हैं तो सख्त प्रशासक भी हैं। अपनी विशिष्ठ कार्यशैली के चलते युवाओं के लिए वह ‘पीपुल्स आफिसर’ यानी जनता की अधिकारी के नाम से मशहूर तेलांगाना कैडर की आईएएस अफसर स्मिता सभरवाल की तरह ‘आइकन’ बन चुकी हैं।

         बचपन अभियान है ड्रीम प्रोजेक्ट

उत्तराखंड में मौजूदा कलेक्टर इस मामले में सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें जिले को समझने और काम करने का पर्याप्त समय मिल रहा है। चमोली में स्वाति भदौरिया ने इस अवसर का लाभ लेते हुए कई अभिनव प्रयोग शुरू किए, मगर ‘बचपन’ उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। आमतौर पर सरकार आंगनबाडी केंद्रों का संचालन बच्चों को कुपोषण से निजात पाने के लिए करती है। हालत यह है कि अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र खुद ही कुपोषण का शिकार हैं, कई केंद्रों पर तो बच्चों के बैठने की व्यवस्था तक ठीक नहीं है।

सरकारी महकमे संसाधनों के अभाव का रोना रोता है, मगर चमोली में कलेक्टर के प्रयासों ने आंगनबाड़ी के मायने ही बदल दिए हैं।यहां कलेक्टर की पहल पर ‘बचपन, बेटर आंगनवाड़ी फॉर चाइल्डहुड प्रोग्रेस एंड नरिशमेंट’ नाम से माडल प्रोजेक्ट तैयार किया गया। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान के साथ बचपन को जोड़ते हुए ब्लाकवार आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प किया गया।

बचपन से जुड़े आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जिला प्रशिक्षण संस्थान से बकायदा एक पाठयक्रम तैयार कराया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के साथ संवाद करने वाली सहायिकाओं को प्रशिक्षण दलाया गया। धीरे-धीरे ये आंगनबाड़ी केंद्र एक प्रीस्कूल की तर्ज पर काम करने लगे हैं। इन केंद्रों में बच्चे ही नहीं उनके अभिभावक भी खुश हैं। केंद्रों पर बकायदा पेरेंट्स टीचर मीटिंग आयोजित की जाती है।

आज जिले के हर ब्लाक में कुल मिलाकर 120 आंगनबाड़ी केंद्रों में बचपन प्रोजेक्ट चल रहा है। जिले के एक हजार से अधिक बच्चे इन केंद्रों में हैं, दिलचस्प यह है कि कलेक्टर स्वाति खुद अपने तीन साल के बेटे को आंगनबाड़ी केंद्र भेजती हैं। स्वाति कहती हैं कि आंगनबाड़ियों के प्रति सामान्य दृष्टिकोण बदलना चाहिए यहां बच्चों के लिए समग्र वातावरण होना चाहिए।

एक कलेक्टर के तौर पर स्वाति की मेहनत साफ नजर आती है। बचपन का एक आदर्श माडल तैयार करने के अलावा आज चमोली जिला मनरेगा में अव्वल है। केंद्र से चमोली को 23 लाख मानव दिवस पूरे करने का लक्ष्य था, जबकि चमोली ने साल भर में साढ़े पच्चीस लाख मानव दिवस पूरे किए। जिला मुख्यालय गोपश्वर में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए ‘प्रेरणा’ नाम का निशुल्क कोचिंग सेंटर भी संचालित किया जा रहा है।

बदरीनाथ धाम में महिलाओं के समूहों द्वारा पंच प्रसाद की सफल योजना संचालित हो रही है। परंपरागत गौचर मेले को भी स्वाति भदौरिया ने नया स्वरूप देने की कोशिश की। पहली बार मेले के दौरान साहसिक खेलों को प्रोत्साहन दिया गया, अलकनंदा नदी में राफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की गयी।

एक कलेक्टर अगर सक्रिय हो और सीधे जनता से जुड़ा हो तो इसका असर साफ नजर आता है। कोरोनाकाल में जब सिस्टम संक्रमितों की पहचान होने के बाद सक्रिय हो रहा था, वहीं चमोली का प्रशासन पहले दिन से मुस्तैद था। कलेक्टर खुद मोर्चे पर थीं, यही कारण है कि क्षेत्रीय सांसद तीरथ सिंह रावत ने चमोली प्रशासन की मुस्तैदी से प्रभावित होकर कलेक्टर समेत उनकी पूरी टीम का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

आज जब बड़ी संख्या में लोग घर वापसी कर रहे हैं तो चमोली में सख्ती के साथ क्वारंटाइन का पालन कराया जा रहा है। कलेक्टर खुद क्वारंटाइन सेंटरों का मुआयना कर रही हैं। क्वारंटाइन सेंटर जेल जैसे न महसूस हों, इसलिए वहां टीवी और किताबों की व्यवस्था की गयी है।

बता दें कि यह वही चमोली जिला है जहां से यूपी के विधायक अमन मणि त्रिपाठी और उनके साथियों को बैरंग लौटा दिया गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के पिता का पितृ कर्म करने के नाम पर लॉकडाउन तोड़ते हुए वह बदरीनाथ जाने की कोशिश में थे। कलेक्टर स्वाति के दो टूक मना करने के बाद ही अपर मुख्य सचिव का पत्र लिए घूम रहा अमन मणि कर्णप्रयाग से आगे नहीं बढ़ पाया।

सच यह है कि आज नौकरशाहों में संवेदनशीलता ढूंढना सीप के ढ़ेर में मोती चुनने जैसा है। ऐसे में स्वाति भदौरिया और जनता के बीच लोकप्रियता हासिल करने वाले दूसरे अफसर सिस्टम के लिए के लिए ‘उम्मीद’ की किरण हैं। ऐसे अफसरों की सिस्टम में मौजूदगी उम्मीद जगाती है कि वो सुबह कभी तो आएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://www.hooksportsbar.com/

https://www.voteyesforestpreserves.org/

sbobet mobile

slot pulsa

https://bergeijk-centraal.nl/wp-includes/slot-deposit-gopay/

https://www.yg-moto.com/wp-includes/sbobet/

https://bergeijk-centraal.nl/wp-content/slot777/

https://www.pacificsafemfg.com/wp-includes/slot777/

https://www.anticaukuleleria.com/slot-myanmar/

https://bergeijk-centraal.nl/wp-includes/slot-bonus-new-member/

https://slot-pulsa.albedonekretnine.hr/

https://slot-bonus.zapatapremium.com.br/

https://idn-poker.zapatapremium.com.br/

https://sbobet.albedonekretnine.hr/

https://mahjong-ways.zapatapremium.com.br/

https://slot777.zapatapremium.com.br/

https://www.entrealgodones.es/wp-includes/slot-pulsa/

https://slot88.zapatapremium.com.br/

https://slot-pulsa.zapatapremium.com.br/

https://slot777.jikuangola.org/

https://slot777.nwbc.com.au/

https://fan.iitb.ac.in/slot-pulsa/

nexus slot

Sbobet88

slot777

slot bonus

slot server thailand

slot bonus

idn poker

sbobet88

slot gacor

sbobet88

slot bonus

sbobet88

slot myanmar

slot thailand

slot kamboja

slot bonus new member

sbobet88

bonus new member

slot bonus

https://ratlscontracting.com/wp-includes/sweet-bonanza/

https://quickdaan.com/wp-includes/slot-thailand/

https://summervoyages.com/wp-includes/slot-thailand/

https://showersealed.com.au/wp-includes/joker123/

https://www.voltajbattery.ir/wp-content/sbobet88/

idn poker/

joker123

bonus new member

sbobet

https://www.handwerksform.de/wp-includes/slot777/

https://www.nikeartfoundation.com/wp-includes/slot-deposit-pulsa/

slot bonus new member

cmd368

saba sport

slot bonus

slot resmi 88

slot bonus new member

slot bonus new member

https://www.bestsofareview.com/wp-content/sbobet88/

sbobet88

Ubobet

sbobet

bonus new member

rtp slot

slot joker123

slot bet 100

slot thailand

slot kamboja

sbobet

slot kamboja

nexus slot

slot deposit 10 ribu

slot777

sbobet

big bass crash slot

big bass crash slot

big bass crash slot

spaceman slot

big bass crash

big bass crash

big bass crash

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

spaceman slot

wishdom of athena

spaceman

spaceman

slot bonanza

slot bonanza

Rujak Bonanza

Candy Village

Gates of Gatotkaca

Sugar Rush

Rujak Bonanza

Candy Village

Gates of Gatotkaca

Sugar Rush