उत्तराखंड महापरिषद, लखनऊ द्वारा पर्यावरणविद पदमश्री एवं पदमभूषण सम्मान से सम्मानित डॉ अनिल प्रकाश जोशी की प्ररेणा से प्रकृति के संरक्षण के लिए बसंत पंचमी का दिन “प्रकृति नमन दिवस” के रूप में मनाये जाने हेतु सार्थक पहल
लखनऊ 14 फरवरी 2024
(लखनऊ प्रतिनिधि अशोक असवाल)
उत्तराखण्ड महापरिषद भवन कुर्माचल नगर लखनऊ में दिनांक 14 फरवरी 2024 को बसंत पंचमी के अवसर पर सांय 04:00 बजे से प्रकृति नमन दिवस मोहन सिंह बिष्ट सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रो० मुरली मनोहर वर्मा, लखनऊ विश्व विद्यालय, भौतिक विभाग एवं सौर उर्जा विशेषज्ञ, एवं श्री रवीन्द्र स्वरूप सिन्हा भू-जल विशेषज्ञ डा0 चन्द्र मोहन नौटियाल वरिष्ठ वैज्ञानिक एनबीआरआई वरिष्ठ वैज्ञानिक, श्री संजय काला, कंट्रोलर सीमैप द्वारा प्रकृति नमन दिवस पर माँ सरस्वती की प्रतीमा पर दीप प्रज्जवलित एवं पुष्प अर्पित कर प्रकृति नमन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। उत्तराखण्ड महापरिषद के अध्यक्ष श्री हरीश चन्द्र पंत, दीवान सिंह अधिकारी, हेम सिंह, महासचिव भरत सिंह बिष्ट द्वारा अतिथियों का सम्मान पौधा भेंट कर किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रो० आर०एस० सिन्हा, लखनऊ विश्व विद्यालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में प्रकृति की अनमोल धरोहर भूगर्भ जल संसाधनों ने एक अति महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है, किन्तु इस यात्रा में हमने बड़े स्तर पर इस प्राकृतिक संसाधन का दोहन करना प्रारम्भ कर दिया है। जल की निरन्तर बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खसकर कृषि, पेयजल, औद्योगिक एवं व्यवसायिक क्षेत्रों में इस संसाधन पर निर्भरता बहुत बढ़ गई है। इस संसाधन के बढ़ते दोहन के कारण हमारा पारिस्तिथिकी तंत्र प्रभावित हुआ है। परिणामस्वरूप भूजल स्तर में लगातार गिरावट आने के साथ भूजल से पोषित नदियों के प्रवाह में काफी कमी आई है। आवश्यकता है कि भूजल संकट को समझे, इस पर निर्भतरा कम करें। प्रकृति को बचाने के लिए भूजल के दोहन में प्रभावी कमी लायी जाये।
वैज्ञानिक डा० सी०एम० नौटियाल ने कहा कि वायु की शुद्धता का सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से है। इसमें बढ़ते नाइट्रोजन के ऑक्साईड, कार्बन के ऑक्साइड, मीथेन आदि न केवल तापमान को बदल रहे हैं अपितु इसमें जुड़ते, ठोस कण (सॉलिड, पार्टिक्युलेट मैटर) बच्चों बड़ों और बूढो के ही नहीं, जन्म से पूर्व भी गर्भस्थ के स्वास्थ्य को भी दुष्प्रभावित कर रहे है। वायु में बढ़ रहे विशेषता ढाई माइक्रॉन से छोटे कण, जिन्हें सीधे फेफड़ों में जाने से और फिर लाल ब्लड सेल से भी छोटा होने के कारण रूधिर में पहुँच जाते है। वाहनों का परिचालन कम करना, कार पूलिंग, जन वाहनों को बढ़ाना तथा वृक्षारोपण एवं गैर पारम्परिक ऊर्जा श्रोतो को अपना जैसे अन्य छोटे-छोटे कार्य एक आशा की किरण है। संगोष्ठी में कविवर पूरन सिंह जीना ने अपनी स्वरचित रचना
वृक्ष धरा को सिंचित करते, शीतल करती छाती, बात यह छोटी सी जन जन के समझ में क्यों नहीं आती तथा निशा कश्यप बाल निकुंज इण्टर कालेज की छात्रा ने अपनी स्वरचित कविता में कहा कि सांसे जीवन का प्रतीक है अब सांसे पर है मौत लिखा, जल जीवन आधार कभी था, जल पीना अब है मौत हुआ सुनाया, वही जानवी सिंह ने अपनी कविता में कहा कि वृक्ष नहीं कटने पाया, हरियाली न मिटने पाये, लेकर एक नय संकल्प, हर कर दिन नया वृक्ष लगाये वहीं कैलाश सिंह ने अपनी रचना में कहा जल जंगल नदी नाले, सब पाट देते हो तुम, नवांकुर जो फूटे तो उसे भी नहीं बख्शते हो, हवा पानी नहीं मिलगा तू सांसो को तरसेगा। वही वरिष्ठ कवि धन सिंह मेहता अंजान ने अपनी कविता – तनमिनादों पर लिए हम चढ़ रहे है, वन विराहों की तरफ हम बढ़ रहे है, पी चुके हम नदी का नीर सारा, अब किनारों के लिए हम लड़ रहे है। संजय काला कंट्रोलर सीमैप, डा० करूणा पाण्डेय-सुश्री आयुषी सिंह, निशा कश्यप, आर्यन काला, सुश्री प्रियंका, द्वारा भी अपनी प्रकृति नमन दिवस पर अपनी स्वरचित कविता सुनाई।
कार्यक्रम में महासचिव भरत सिंह ने कहा कि आज बसंत पंचमी के अवसर पर जहाँ देश के युवा वेलन टाइम डे मना रहे है वही उत्तराखण्ड महापरिषद डा० अनिल कुमार जोशी जी के आवाहन पर पूरे देश में एक साथ प्रकृति नमन दिवस मना रहे है। कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय, बाल निकुंज इण्टर कालेज, काली चरण इण्टर कालेज, सिटी माण्टेसरी स्कूल के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। सभी ने प्रकृति नमन दिवस के अवसर पर प्रतिज्ञा ली कि यह धरती यह प्रकृति हमारी माता की तरह है जो हमारी जन्मदाता और हमारी पोषणकर्ता भी है। हम शपथ लेते है कि इसके संरक्षण को अपना धर्म मानेंगे। मैं प्रकृति को नमन करता हूँ।
कार्यक्रम में लेखक एवं कवि तथा साहित्यकारों को प्रमाण पत्र प्रतीक चिन्ह, पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया वही महापरिषद द्वारा पर्यावरण नमन दिवस के अवसर पर उ०प्र० एवं उत्तराखण्ड में सैकड़ो पीपल के पेड़ लगाने वाले श्री अमरेश शुक्ला उर्फ पीपलकोटी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जगत सिंह राणा, महेश चन्द्र सिंह रौतेला, पान सिंह, सुरेश पाण्डेय, भुवन पाठक, भुवन पटवाल, डा० अभिषेक त्रिपाठी, इमरान खान, प्रदीप चन्द्र जी, सुन्दर पाल सिंह बिष्ट, ए०के० पाण्डेय, राधा बिष्ट, सुनील उप्रेती, लाल सिंह, सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहें।