Saturday, July 27, 2024
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लखनऊ ! सांस्कृतिक व एतिहासिक महत्व के प्रतीक उत्तरायणी कौथिक 2024 का 14 जनवरी से होगा सुभारंभ

लखनऊ प्रतिनिधि 

अशोक असवाल

लखनऊ:-कुमाँऊ केसरी उत्तराखण्ड में भारतीय स्वस्त्रता आन्दोलन के जन नायक श्री बद्री दत्त पाण्डेय द्वारा उत्तरायणी कौथिग (मेले) प्राचीन बागेश्वर से प्रारम्भ किया गया था। अग्रेजों की कुली बेगार, कुली उतार जैसी अमानवीय प्रथा के विरुद्ध यह आहिंसात्मक आन्दोलन उत्तरायणी मेले के एतिहासिक महत्व को और भी बल प्रदान करता है। सांस्कृतिक व एतिहासिक महत्व के प्रतीक उत्तरायणी त्यौहार आज उत्तराखण्ड के प्रत्येक क्षेत्र में बड़े हर्षोललास के साथ मनाया जाता है। जगह-जगह मेले के आयोजन, पवित्र सरयू तथा अन्य नदियों में स्नान और बच्चों का विशेष आकर्षण घुघुत (विभिन्न आकृतियों के मीठे पकवान) उत्तरायणी मेले के विशेष महत्व को दर्शाती है। उत्तरायणी कौथिग (मेले) शोभा यात्रा का शुभारम्भ अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी, महासचिव महेन्द्र सिंह रावत, मुख्य संयोजक टी०एस० मनराल, संयोजक के०एन० चंदोला, उपाध्यक्ष मोहन सिंह मोना, लाबीर सिंह बिष्ट, नरेन्द्र सिंह देवड़ी, प्रो० आर० सी० पन्त के नेतृत्व में श्री रामलीला मैदान महानगर से होगा। इस वर्ष की शोभा यात्रा का संचालन सलाहकार मण्डल द्वारा किया जाएगा जिसमें श्री सुन्दर पाल सिंह बिष्ट के नेतृत्व में इस वर्ष क्षेत्रवार झांकियां एवं क्षेत्रीय संस्थाओं के दल शोभा यात्रा में चलेंगे। झांकियों में सर्व प्रथम भगवान श्री राम चन्द्र जी का रथ, बाबा बागनाथ की झांकी, नन्दा राजजात यात्रा, महन्त दिव्यागिरी का रथ चलेगा तत्पश्चात् औली पर्यटन स्थल की झांकी, पूर्णागिरी की झांकी जागनाथ मन्दिर की झाकी, ग्वेल देवता का मन्दिर की झांकी, यमुनोत्री एवं गंगोत्री की झांकी, कैंची धाम एवं कैलाश मानसरोवर की झांकी, बद्रीनाथ व केदारनाथ की झांकी, धारीदेवी एवं रानीखेत की झांकी, झांकर सैम एवं हाटकालिका मन्दिरों की झांकी। शोभा यात्रा में गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी, नेपाली पारंपरिक वेश भूषा में नृत्य करते हुए क्षेत्रीय शाखाओं के कलाकार एवं लोग चलेंगे तथा अन्त में उत्तराखण्ड से आया पारंपरिक छोलिया नृत्य दल रहेगा। कौथिग स्थल के मंच पर प्रातः प्रति दिन बागेश्वर उत्तराखण्ड से लाई गई भगवान बागनाथ की अखण्ड ज्योति की पूजा की जाएगी तथा दर्शन हेतु मेला स्थल पर अस्थायी मन्दिर स्थापित किया गया है। मेले का विधिवत उ‌द्घाटन मा० रक्षामंत्री भारत सरकार श्री राजनाथ सिंह जी द्वारा अपरान्ह 04:00 बजे किया जाएगा।

पर्वतीय महापरिषद द्वारा वर्ष 2010 से प्रारम्भ किया गया तीन दिवसीय उत्तरायणी मेला वर्ष दर वर्ष अपना भव्य स्वरूप धारण कर रहा है। पर्वतीय महापरिषद के दूसरे उत्तरायणी मेले का शुभारम्भ विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी दिनांक 14 जनवरी 2024 को प्रात- 11:00 बजे श्री रामलीला मैदान, महानगर से शोभा यात्रा के रूप में होगा। गोमती नगर, तेलीबाग, कानपुर रोड, सरोजनी नगर व राजाजीपुरम् से आने वाली समस्त बसें व पर्वतीय वेश भूषा में सभी महिलाए श्री रामलीला मैदान महानगर में एकत्रित होंगी। प्रातः 11:00 बजे श्री रामलीला मैदान महानगर में अल्मोड़ा से आए पूरन राम का प्रसिद्ध छोलिया दल के कलाकरों का गायन व छोलिया नृत्य तथा नन्दा राजजात शोभायात्रा के पीछे-पीछे पर्वतीय वेश भूषा में विशाल जन समूह मेला स्थल की ओर प्रस्थान करेगा। उत्तरायणी मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा दिन में 2:00 बजे मेला स्थल पर होगा।

महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी ने बताया कि उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश के अनेकों माननीय मंत्रीगण, मा० सांसद, मा० विधायकगण तथा प्रशासनिक अधिकारियों को उत्तरायणी मेले हेतु अतिथि एवं मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। महासचिव महेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेले में उत्तराखण्ड से अन्य प्रदेशों से अनेक सांस्कृतिक दल कल दिनांक-14, 01, 2024 को लखनऊ पहुँच रहे हैं।

महासचिव महेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि इस वर्ष उत्तरायणी कौथिग के दौरान छपेली-प्रतियोगिता सीजन-2. बच्चों की प्रश्नोत्तरी, अपनी बोली भाषा पर कार्यकम आयोजित किए जाऐंगे। 22 जनवरी को भगवान श्रीराम जी के मुख्य संयोजक टी० एस० मनराल ने बताया कि मेले में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं यथा महिलाओं की मटकी फोड, रस्सा-कसी, मेहन्दी प्रतियोगिता, बच्चों की चित्रकला, एंव अन्य सभी प्रतियोगिताओं एवं प्रतिभागियों का क्रम सुनिश्चित कर लिया गया है।

संयोजक के० एन० चंदोला ने बताया कि पर्वतीय महापरिषद द्वारा विभिन्न विधाओं में पुरस्कार भी प्रदान किए जाते है। जिनमें पर्वत गौरव सम्मान, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली वीरता पुरस्कार, डॉ० एम० सी० पन्त चिकित्सा सम्मान, श्री गोविन्द सिंह नयाल सामाजिक सेवा सम्मान, दीवान सिंह डोलिया लोक कला सम्मान, गोपाल उपाध्याय साहित्य सम्मान, श्यामाचारण काला पत्रकारिता सम्मान, बी० एम० शाह नाट्य कला सम्मान, नितिशा नेगी कीड़ा सम्मान, गौरा देवी महिला सम्मान, युवा सम्मान, उत्तरायणी कौथिग विशेष सम्मान, श्री रणवीर सिंह बिष्ट कला सम्मान प्रमुख है। “पर्वत गौरव सम्मान-2024” भी दिया जा रहा है।

रामलीला समिति महानगर के द्वारा इस अवसर पर को मकर संक्रान्ति के अवसर पर लगभग 500 कलाकारों व कार्यकर्ताओं को खिचड़ी भोज के साथ पर्वतीय पकवान भी खिलाये जायेंगे। मेले में गहत की दाल, पहाड़ी भट, बाल मिठाई, चुटुक (पहाड़ी कालीन) व औषधीय जड़ी बूटीयों के स्टॉल

सज चुके है। कार्यकम हेतु भव्य पाण्डाल एवं स्टेज बनकर तैयार हो गया है। सिडबी के स्टॉल भी उत्तरायणी कौथिग (मेला) में लगाए जाएंगे। डॉ० भीम सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रतिदिन निःशुल्क स्वास्थ्य कैम्प भी लगाया जाएगा। सांस्कृतिक दलों की व्यवस्था महेन्द्र पन्त, गोपाल दत्त जोशी, गोविन्द सिंह बोरा, रमेश उपाध्याय, ख्याली सिंह कड़ाकोटी, आनन्द सिंह कपकोटी सहित अनेक लोगों द्वारा की जा रही है। स्टॉल प्रबन्धन में रवीन्द्र सिंह बिष्ट, शंकर पाण्डेय, गोपाल सिंह गेलाकोटी सहित अनेक लोगों द्वारा किया है। खान-पान कमेटी में के०एन० पाठक, पूरन जोशी, कमल नेगी सहित अनेक लोगों द्वारा किया जा रहा है। प्रेस से सम्बन्धित कार्य हमंत सिंह गड़िया, भुवन पांडे, हरीश काण्डपाल सहित अनेक लोगों द्वारा किया जा रहा है। युवा प्रकोष्ठ में पुष्कर सिंह नयाल, सुदीप जोशी, सुनील किमोठी, प्रशान्त भण्डारी, जितेन्द्र उपाध्याय, दीपक चिलकोटी, सूरज सिंह,

महिला प्रकोष्ठ में सुमन रावत, गंगा भट्ट, मंजू शर्मा पडेलिया, माया भट्ट, चित्रा काण्डपाल, शशि जोशी, नन्दा रावत, भारती काण्डपाल, दमयंती नेगी सहित अनेक लोगों द्वारा कार्य किया जा रहा है।

कार्यालय व्यवस्था में के०एस० रावत, एम० एस० मेहता, गोविन्द पाठक, बसंत भट्ट सहित अनेक लोगों द्वारा कार्य किया जाता है।

स्टोर आदि व्यवस्था पी० सी० पन्त, रमेश उपाध्याय सहित अनेक लोगों द्वारा की जाती है। विविध व्यवस्थाओं में उपाध्यक्ष के० एन० पाण्डेय, बिशन दत्त जोशी, मोहन सिंह भण्डारी, कैलाश उपाध्याय, के० डी० पाण्डेय.. मुकेश जोशी, राजेश भट्ट, दयाल सिंह रावत, महेश सिंह नेगी, सहित अनेक लोगों का योगदान रहता है। सैनिक प्रकोष्ठ में जी०डी० भट्ट, लक्ष्मण सिंह धामी सहित अनेक लोगों द्वारा कार्य किया जाता है। धार्मिक प्रकोष्ठ में नारायण दत्त पाठक सहित अनेक आचार्यों द्वारा कार्य किया जाता है।

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