इन गांवों के लोगो ने किसी तरह रात को घरों से निकलर सुरक्षित जगहों पर ली पनाह, प्रशासन ने नही ली कोई अभी तक खोज खबर
रिपोर्ट :- सुदेश भट्ट क्षेत्र पँचायत सदस्य
उत्तराखंड में आसमानी आपदा ने पूरे प्रदेश भर में तबाही मचाई हुई है, हर रोज कहि न कहि बादल फटने से गांव के गांव तबाह हो रहे है, जिससे मानव व पशुधन की अत्यधिक नुकसान हो रहा है, लगातार खबरों के मुताबिक पौड़ी गढ़वाल जनपद व यमकेश्वर में इस बार सबसे ज्यादा अतिवृष्टि हुई है, जिसमे डाँडा मंडल में डेबराणा, भूमियाकिसार, ज्यादा तबाही हुई है, इसी क्रम में यमकेश्वर का बीर काटल , बुंगा ,डौंर भी इस आपदा से अछूता नहीं रहा।
यमकेश्वर के हित मे हर समय आवाज बुलन्द करने वाले पूर्व सैनिक,पर्वतारोही, एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य बूंगा ने यमकेश्वर में लगातार हो रही आपदा से पीड़ित क्षेत्र पंचायत बूंगा के वीर काटल डौंर समेत क्षेत्र की गंभीर स्थिति से अवगत करवाते हुये बताया कि उक्त गाँव लगातार दुसरे साल भी आपदा की चपेट में आ गये रात हुयी तेज बर्षात से ग्रामीणों में भारी भय ब्याप्त था अंधेरी रात में लगभग 11 बजे से पहाड़ से पत्थर गिरने शुरु हुये तो लोग बच्चों सहित सहमे हुये रात को घर छोड़ने को मजबूर हुये व किसी तरह ग्रामीणों ने अपनी जान बचाई !क्षेत्र पंचायत बूंगा ने बताया कि पिछले साल भी डौंर व वीर काटल आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुवा और उन्होंने इस संबंध में शासन प्रशासन से लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी अवगत कराया था स्थानीय विधायक सहित पुरा प्रशासनिक अमला डौंर व वीर काटल पहुँचा और जनता को आश्वासन दिया कि आपकी समस्या का शीघ्र निस्तारण कर दिया जायेगा लेकिन आपदा के एक साल बाद भी ग्रामीणों को कहीं कोई मदद नहीं दी गयी जिसका ख़ामियाज़ा जनता को आजकी रात भयावह त्रासदी में घर छोड़कर भुगतना पड़ा जो घर पिछले साल ख़तरे की जद में थे वो घर अब कब ज़मींदोज़ हो जाये कह पाना मुश्किल है पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने प्रशासन से शीघ्र से शीघ्र ग्रामीणों को राहत पहुँचाने की माँग की है और जो घर खतरे की जद में हैं उनकी शीघ्र सुरक्षा की माँग की है ।
साथ ही क्षेत्र पंचायत बूंगा ने राहत के नाम पर आपदा पीड़ितों के लाखों के नुक़सान की एवज़ में ग़रीबों को 3800 का चैक देकर राहत के नाम पर ख़ानापूर्ति करने की प्रशासनिक परंपरा का सख़्त विरोध करते हुये बताया कि ये राहत नहीं बल्कि मज़दूर की ग़रीबी का मज़ाक़ है जिसे क़तई स्वीकार नहीं किया जायेगा साथ ही उन्होंने माँग की कि जिन भी घरों की क्षति हुयी है सरकार की ओर से उन्हें कम से कम पाँच लाख व आंशिक रुप से क्षति ग्रस्त घरों को मुवावजे के रुप में दो लाख की रासी निर्धारित हो साथ ही क्षेत्र पंचायत बूंगा ने यमकेश्वर आपदा मे पीड़ित सैकड़ों ग्रामीणों से आह्व किया कि आपकी क्षति ग्रस्त संपत्ति का मूल्य यदि 4000 या पाँच हज़ार देने की बात हो तो कोई भी स्वीकार न करें सरकार से उचित मुवावजे के लिये हमें लामबंद होने की आवश्यकता है ताकी गरीब को उसका हक़ मिल सके