यमकेश्वर -: राम लीला कमेटी आवई माला का नाम रूपचन्द्र कुकरेती रामलीला कमेटी नाम से जाना जाए, सत्येश चन्द्र कुकरेती
यमकेश्वर : श्री राम लीला कमेटी अवाई माला का नाम रूपचन्द्र कुकरेती “रामलीला कमेटी आवई-माला” करने की मांग उनके पुत्र श्री सत्येश चन्द्र कुकरेती ने समस्त रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों से की है।
स्व० श्री रूपचन्द्र कुकरेती जी एक समाजसेवी के साथ साथ ग्राम आवई- माला में रामलीला कमेटी में अभिनेता एवं निर्देशक (डायरेक्टर) रह चुके हैं। राम लीला में रावण के किरदार का अभिनय बखुबी करते थे, जिसकी सराहना आज भी सभी लोग करते है। इसके अतिरिक्त वे दशरथ, केवट व सबरी आदि पात्रों का भी अभिनय करते थे इस संबंध में उनकों सन् 1952 में तत्कालीन अध्यक्ष रामलीला कमेटी डिवला ग्राम द्वारा दशरथ, रावण एवं सबरी पात्रों के अभिनय के लिए दिनांक 05-10-1952 को प्रशंसा पत्र निर्गत करते हुए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
सन् 1963 में किसान मेला कमेटी अध्यक्ष श्री जोध सिंह नेगी जी एवं क्षेत्र विकास अधिकारी द्वारीखाल ब्लाक द्वारा नाटक में सुन्दर अभिनय करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया तथा अभिनय के लिए विशेष स्थान प्राप्त उल्लिखित किया गया
अध्यक्ष एवं क्षेत्र विकास अधिकारी विकास क्षेत्र ढांगू द्वारीखाल (गढ़वाल) द्वारा संचालन एवं व्यवस्था में सक्रिय भाग लेते हुए प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रशस्ति पत्र दिया गया ।
नाटक प्रतियोगिता निर्देशन के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
किसान मेला समिति में निरीक्षक एवं प्रचार मंत्री भी रहे ।
सर्वोत्तम अभिनेता के लिए भी किसान मेला समिति द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।
स्वo रूपचन्द कुकरेती जी ने काफी जगहों पर रामलीला में रावण का पात्र बाखूबी निभाया तथा पुरस्कार भी प्राप्त किये। उन्होंने ऋषिकेश में रिफूजी की रामलीला में रावण के पात्र का अभिनय किया था, जिसका काफी प्रचार-प्रसार हुआ था, तभी से आवई-माला रामलीला का नाम रोशन हुआ। उनकी हस्तलिखित पुस्तकें आज तक रामलीला कमेटी में मौजूद हैं। उनकी कला के सम्बन्ध में गाँव के वरिष्ठ नागरिक श्री प्यारेलाल चौधरी जी द्वारा बताया गया कि हमारे पण्डित जी का रामलीला में बहुत नाम था इस क्षेत्र में सब जगह उनके अभिनय को सराहा जाता था, उनके उत्कृष्ट अभिनय एवं उनकी प्रभावशाली आवाज के सभी प्रसंशक थे। श्री प्यारे लाल चौधरी जी द्वारा बताया गया कि रामलीला कमेटी के संचालन एवं अभिनेता निर्देशक के रूप में स्वo रूपचन्द कुकरेती जी ने गाँव का मान-सम्मान एवं नाम रोशन किया है ।
स्वoरूपचन्द कुकरेती जी के पुत्र सत्येश चन्द्र कुकरेती ने रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि आप कुछ ऐसा प्रयास करें कि उनके द्वारा किये गये काम और नाम को आगे भी याद रखा जाय तथा आने वाली पीढ़िया कमेटी के गौरवशाली इतिहास से परिचित होकर कला एवं अभिनय के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
श्री सत्येश चन्द्र कुकरेती ने रामलीला कमेटी का नाम स्व० पिताजी के नाम पर “रूपचन्द्र कुकरेती रामलीला कमेटी आवई माला” किये जाने का अनुरोध किया जिसे उनके द्वारा कमेटी के समक्ष प्रस्ताव के रूप में रखा गया था कमेटी के प्रबन्धक महोदय ने अपने सदस्यों से इस पर चर्चा एवं विचार-विमर्श किया था परन्तु उस पर कोई अन्तिम निर्णय नही हो सका।
कला एवं अभिनय के क्षेत्र में रूचि रखने वाले एवं इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने हेतु उत्सुक भावी पीढी के युवक एवं युवतियों के प्रेरक के रूप में ऐसे व्यक्ति का नाम विचारणीय एवं प्रासंगिक है जिसके द्वारा रामलीला में सर्वोत्तम अभिनय, निर्देशन तथा संचालन आदि कार्यों को उत्कृष्ट रूप से सम्पादित किया गया जिसके लिए उन्हें विभिन्न प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उनकी हस्तलिखित पुस्तकों को पढकर आज भी रामलीला का मंचन होता है।
आज वे हमारे बीच नहीं है, अतः आप सभी से निवेदन है कि उन्हें प्रेरक के रूप में प्रस्तुत करते हुए उनकी याद में राम लीला कमेटी आवई-माला में उनके नाम को जोड़ते हुए सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित करने की कृपा करें,
जिससे रामलीला कमेटी आवई माला का नाम “रूपचन्द्र कुकरेती रामलीला कमेटी आवई-माला’ हो सके।