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*होटल एम्बेसडर में युवती की हत्या करने वाला युवक श्रीनगर से गिरफ्तार* *(अर्जुन सिंह भंडारी)*

देहरादून-: राजधानी देहरादून के दिल कहे जाने वाले घण्टाघर के समीप स्थित होटल एम्बेसडर में बीती 14 मार्च को हुई हत्या में पुलिस टीम द्वारा जनपद चमोली के थराली ब्लॉक के एक युवक को पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया है। मृतक युवती के पति द्वारा युवती से गलत कार्य करवाया जाता था जिस वजह से वह हत्या वाले दिन अभियुक्त के साथ होटल एम्बेसडर पहुंची थी। पकड़ा गया हत्यारोपी हरिद्वार,ऋषिकेश,कोटद्वार,अल्मोड़ा में कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे चुका है व दो अपराधों में जेल भी जा चुका है।

ज्ञात है कि बीती 14 मार्च को थाना कोतवाली नगर अंतर्गत धारा चौकी के समीप स्थित होटल एम्बेसडर में एक युवती मुस्कान पत्नी जावेद की लाश मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी जिसमे होटल के रजिस्टर में दर्ज जानकारी के अनुसार उस युवती किसी सुनील कुमार पंत निवासी जसपुर, उधमसिंह नगर के साथ इस होटल में आई थी। घटना के बाद से ही हत्यारोपी फरार था। पुलिस द्वारा युवती के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई कि उसका पति द्वारा उससे गलत काम करवाया जाता था जिस वजह से वह एक युवक के साथ इस होटल में आई थी। पुलिस द्वारा घटनास्थल के आसपास से युवक का हुलिया की जानकारी प्राप्त घटना में अभियुक्त द्वारा कोई भी सबूत न छोड़े जाने पर एसएसपी द्वारा स्वयं इस घटना में अलग अलग पुलिस टीम बनाई गई।
पुलिस टीम द्वारा जसपुर निवासी सुनील कुमार से पूछताछ की गई जिसपर उस युवक द्वारा ऋषिकेश के एम्स में इलाज के लिए आने वाले दिन शाम को शराब पीने के दौरान अपना पर्स कहीं गिरने की जानकारी दी जिसकी उसके द्वारा जसपुर थाना में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी। वहीं एक पुलिस टीम द्वारा होटल के कमरे से एक पैंट प्राप्त हुई थी जिसपर सेलाकुई के हेम टेलर्स का नाम लिखा था। पुलिस द्वारा सेलाकुई जाकर जब टेलर से इस विषय मे पूछा तो उसके द्वारा 12 मार्च को एक युवक द्वारा कपड़े सिलाने को देने व 13 को वह कपड़े ले जाने की बात बताई। पुलिस टीम द्वारा इस जानकारी के आधार पर आसपास की सीसीटीवी जांची तो हत्यारोपी से मिलता जुलता युवक सेलाकुई में स्वागत गयेस्ट हाउस में जाता दिखा जहां उसके द्वारा सुनील के नाम की ही आईडी प्रयुक्त की गई थी।
इस दौरान अन्य पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त के संभावित रूट की जानकारी लेने पर उसके द्वारा घटना के बाद पैदल घण्टाघर व प्रिंस चौक होते हुए रेलवे स्टेशन व फिर वहां से टैम्पो में आईएसबीटी जाने की जानकारी मिली।आईएसबीटी में उसके द्वारा हिमाचल की रोडवेज बस में चढ़ना साफ हुआ। जिसपर पुलिस टीम द्वारा उस बस का पता कर चालक व परिचालक से जानकारी प्राप्त की उसपर उन्होंने ऐसे हुलिया के युवक का हरिद्वार में उतरना बताया।
पोलिसतें द्वारा इस समबनध में ऋषिकेश व हरिद्वार में जानकारी प्राप्त करने हेतु पुलिस टीम भेजी तो स्थानीय पुलिस द्वारा उस हुलिया से ऋषिकेश,रानीपोखरी व कोटद्वार में चोरी व ठगी में लिप्त अभियुक्त विजय उर्फ बिट्टू रावत पुत्र पृथ्वी निवासी गेरुड़, थाना थराली, जनपद चमोली से मिलना बताया। पुलिस को सीसीटीवी के आधार पर अभियुक्त का हरिद्वार के ऋषिपुल से अलीगढ़ की बस में सवार होंने की जानकारी मिली जहां अभियुक्त द्वारा मथुरा में उतरा गया। पुलिस द्वारा मथुरा में सूत्रों के हवाले से अभियुक्त की जानकारी लेने पर उन्होंने अभियुक्त का वापिस हरिद्वार जाना बताया।
इस दौरान पुलिस टीम द्वारा संभावित नम्बरों के आधार पर अभियुक्त का हरिद्वार से टिहरी व चमोली जाना बताया। इस दौरान पुलिस टीम द्वारा टिहरी व चमोली टीम को हरिद्वार की बसों में अभियुक्त की तालाशी को बोल गया जिसपर श्रीनगर पुलिस द्वारा अभियुक्त को बस से उतरने के दौरान बताये जानकरी के अनुसार पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद अभियुक्त को आज देहरादून लाया गया। एसएसपी द्वारा घटना के खुलासे को पुलिस टीम को 2500 रुपये इनाम देने की घोषणा की गई है। वहीं इस घटना में कांस्टेबल डीप प्रकाश व नरेश द्वारा बेहतरीन जांच करने पर प्रशस्ति पत्र दिए जाने की घोषणा की है।

अभियुक्त विजय उर्फ बिट्टू बेहद शातिर किस्म का अपराधी है, जिसके द्वारा हरिद्वार, कोटद्वार, अल्मोडा तथा अन्य स्थानों पर चोरी व ठगी की कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। अभियुक्त बेहद शातिर तरीके से पहले किसी होटल में रूम सर्विस का काम करता है तथा फिर मालिक को अपने विश्वास में लेकर मौका लगते ही वहां से चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता है। चोरी में प्राप्त आईडी का इस्तेमाल अभियुक्त किसी स्थान पर रूकने के लिये करता था, अभियुक्त द्वारा अपना कोई ऐसा पहचान पत्र अथवा आईडी नहीं बनाया गया था, जिससे कि किसी घटना को करने के बाद पुलिस उस तक पहुंच सके। अन्य व्यक्तियों से सम्पर्क करने के लिये भी अभियुक्त चोरी के नम्बरों का ही इस्तेमाल किया करता था तथा किसी भी मोबाइल व आईडी को एक बार इस्तेमाल करने के पश्चात फेंक दिया करता था।

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