प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। माॅ-बाप को एकमात्र सहारा भी टनल के अन्दंर जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। टनल में फॅसा किमाणा गाॅव का रोहित माॅ-बाप का एकलौता बेटा है। सात दिनों से कोई सुराग नहीं लगने से माॅ-बाप का रो-रोकर बुराहाल हो गया है। इस गाॅव के रोहित सहित तीन नौजवान उन 35 लोगों में सुमार हंै जो टनल के अंदर फॅसे हैं।
ऋषि गंगा में सात फरवरी को आए विनाशकारी जलजले जोशीमठ प्रखंड के दूरस्थ सडक विहीन गाॅव किमाणा के तीन नौजवानों का भी अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका। ये तीनों युवा सुरंग के अंन्दर उसी टी-प्वांइट पर निजी ठेकेदार के अधीन वैल्डिगं का कार्य करते थे। लेकिन जलजले के बाद इन तीनों का भी अभी कोई सुराग नहीं लग सका। एक ही परिवार के तीनों युवावों के सुरंग में फॅसे होने के बाद से ही पूरे गाॅव मंे संसय के साथ मातम छाया हुआ है। और पूरा गाॅव इन तीनों युवकों के वापस लौटने की आस लगाए बैठे हंै।
सात फरवरी को ऋषि गंगा व धौली गंगा में आए विनाशकारी एवलाॅच ने सैकडांे लोगों की जिंदगी लील ली थी। उस दिन सुरंग के टी-प्वाइट पर जो 35 लोग कार्य कर रहे थे उनमे किमाणा गाॅव के रोहित भंडारी-23 वर्ष,रामकिशोर भंडारी-21वर्ष तथा अरविंन्द भंडारी-26वर्ष भी शामिल थे। इनके परिजन व नाते-रिश्तेदार घटना के दिन से ही प्रतिदिन वैराज साइट के टनल तक पंहुच रहे है, और सांय को निराश होकर लौट रहे हैं।
किमाणा गाॅव के इन तीनो युवकों में रोहित अपने माॅ-बाप को इकलौता बेटा है। इसकी न कोई बहन है ना भाई। माॅ-बाप का एक मात्र सहारा ही रोहित है। जिसके एक सप्ताह बाद भी कोई खबर नहीं लगने से रोहित के पिता डब्बल सिंह व माॅ पवित्रा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। गाॅव के लोगांे के साथ आस-पास के गाॅवों के रिश्तेदार रोज उनके घरों तक पंहुच कर ढाढस बॅधा रहे हैं। टनल में फॅसे ये तीनों युवा अभी अविवाहित ही हैं।
किमाणा गाॅव के प्रधान मुकेश सेमवाल के अनुसार गाॅव के लोग प्रतिदिन उनके घरांे मे जाकर ढाॅडस बॅधा रहे हैं। और तीनों युवकों के परिजनों को भी अपने नौनिहालों के लौटने की आस लगी है। टनल के अन्दंर ड्रीलिंग के बाद टी-प्वाइंट की स्थिति क्या होगी। सभी के सुरक्षित रहने की कितनी गुजाइंश होगी। यह अभी भी भविष्य के गर्त में है। बहरहाल काफी हद तक ड्रीलिंग हो जाने के बाद कुछ उम्मीद तो बढने लगी है।