लखनऊ:- भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिमों के हितों के लिए लंबे समय से संघर्षरत सामाजिक संगठन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज द्वारा दिनांक 15 अक्टूबर, 2023 को यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष शमीम अंसारी की अध्यक्षता में पसमांदा आइकॉन एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की कोम-ए-पैदाइश पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संगठन के सभी पदाधिकारियों ने बिहार सरकार द्वारा जारी जातीय गणना का स्वागत किया। चूंकि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा जगत से जुड़े हुए थे इसलिए हमें शिक्षा पर जोर देना है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शमीम अंसारी ने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका लाभ पसमांदा मुसलमानों को उनकी अज्ञानता के कारण उन्हें नहीं मिल पा रहा है, उन्होंने कहा इस तरह की योजनाओं की जानकारी हमें उन पसमांदा भाईयों तक पहुंचानी है, जिससे कि उन्हें मुफ्त में अच्छी शिक्षा और रोजगार मिल सके। इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी नेहाल अंसारी ने कहा कि आईटीआई मूल रूप से एपीजे अब्दुल साहब की ही सोच का नतीजा है, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की सभी धर्मों के प्रति बहुत अच्छी भावना थी। वह गीता, कुरान, बाईबल एवं अन्य धर्म ग्रंथों को पढ़ते थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व पसमांदा विचारक डॉ. मसूद आलम फलाही एवं फाकिर जय पसमांदा एक्टीविस्ट ने संयुक्त बयान में कहा है कि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम साहब जैसे स्पेस साइंटिस्ट, शिक्षक, मोटीवेटर, राइटर एवं हिन्दू मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने में अहम योगदान रहा है। संगठन के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव मारूफ अंसारी ने सरकार से मांग की है कि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती को सभी शिक्षण संस्थानों में देश की सरकारें अनिवार्य कर जामिया मिल्लिया इस्लानिया विश्वविद्यालय को डॉक्टर एपीजे कलाम यूनिवर्सिटी के नाम से मंसूब किया जाए।
इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री हाशिम पसमांदा ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के
इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज किया जाये जिससे कि आने वाली नरल को कलाम साहब के बारे में जानकारी हो सके। उन्होंने आगे कहा कि देश में चल रहे संगीत संस्थानो के नाम को भी बिस्मिल्ला खान, नौशाद अली, मो0 रफी एवं अन्य संगीत आइकॉन के नामों पर रखा जाये। देश की आर्मी संस्थानों का नाम वीर अब्दुल हमीद के नाम पर रखे जाने की बात कही है।
इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों ने कहा कि हम पसमांदा मुस्लिम समाज लोग पूरी ईमानदारी एवं समर्पण के साथ, भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिमों की सेवा करने का संकल्प लेते हैं। हम सभी पसमांदा हृदय से अपने देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पसमांदा महाज देश में सौहार्द और भाईचारा कायम करने हेतु ग्राम एवं जिला स्तर पर सभी धर्मों के लोगों से लगातार विचार विमर्श कर रहा है। संगठन आवश्यकतानुसार अपनी मांग केंद्र सरकार सहित तमाम प्रदेश सरकारों के सामने रखता आ रहा है। इस अवसर पर संगठन के कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद यूनुस राष्ट्रीय महासिचव शकील घोसी,
नदीम अहमद जिला अध्यक्ष पछवादूंन, इमरान मलिक पूर्व जिला अध्यक्ष, यासीन अंसारी जी, याकूब भाई, नसीर अंसारी, इब्राहिम अंसारी, जमाल भाई अल्वी, सादाब अंसारी, सराफत अंसारी, फुरकान अंसारी
हारून राइन, फैयाज हाशमी, प्रदेश महासचिव एजाज इदरीसी, प्रदेश सचिव इस्माइल मंसूरी, मुरादाबाद मण्डल अध्यक्ष नफीस सैफी, प्रभारी इफ्तखार अल्वी, बिजनौर जिला अध्यक्ष अज़हर बुखारी, जिला अध्यक्ष मेरठ रहीमुद्दीन सैफी, जिला प्रभारी इमरान इलाही जिला अध्यक्ष हापुड़ अनीस कुरैशी इलियास अहमद हवारी, अजीजुर इस्लाम शाह, एजाज हाशमी खालिक मंसूरी, नफीस आजाद फारूकी, आरिफ सलमानी, शकील लेड़ी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
फैयाज: फैयाज अहमद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम महाज व उत्तराखंड प्रभारी और उत्तराखंड प्रवक्ता पूर्व प्रदेश मंत्री भाजपा उत्तराखंड
देहरादून :- ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उत्तराखंड प्रभारी श्री फ़ैयाज़ अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर , इजरायल ओर फिलिस्तीन में हो रहे नर संहार पर दुःख प्रकट करते हुए भारत सरकार से मध्यस्थता कर शांति बहाली में अहम भूमिका निभाने की अपील की ।
उन्होंने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध मे मारे वाली मासूम जानता के प्रति ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ शोक संवेदना प्रकट करता है। हम किसी भी प्रकार की हिंसा के पक्षधर नहीं है और संगठन का मानना है मौजूदा विवाद का हल बात चीत से होना चाहिए।चूंकि ये मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है अतः भारत सरकार की देश हित एवम् विश्वशांति के हित में जो भी रणनीति होगी, ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ उसका समर्थन करेगा।ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ भारत सरकार से मांग करता है कि कि वह विश्व में शांति ,सामाजिक न्याय और विकास के पक्षधर होने के नाते दोनों देशों में शान्ति स्थापना में अपनी अग्रिम भूमिका निभाये।
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