देहरादून

देहरादून;: चीड़बाग में बन रहा है राज्य का पहला सामूहिक वार मेमोरियल

सैन्य इतिहास में वीरभूमि उत्तराखंड के वीर जवानों की बहादुरी के अनगिनत किस्से दर्ज हैं।जवानों के इसी अदम्य साहस और बलिदान के प्रतीक वार मेमोरियल के उद्घाटन का इंतजार भी मिग—21 के दून पहुंचने के साथ खत्म हो जाएगा। मिग को रखने के लिए वार मेमोरियल में जगह भी चिन्हित कर ली गई है। बता दें कि चीड़बाग में वार मेमोरियल की नींव रखे तीन साल से ज्यादा का समय हो चुका है, यहां साल में शहीदों की याद में कई कार्यक्रम भी आयोजित होते रहते हैं। लेकिन अब तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका। वार मेमोरियल में मिग—21 रखने का प्रस्ताव करीब एक साल पहले कैंट बोर्ड की बैठक मेें पारित हुआ था। वार मेमोरियल की शान बढ$ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) विपिन रावत की आेर से दो राइफल भी दे दी गई हैं। दोनों राइफल कैंट बोर्ड ने रिसीव भी कर ली हैं। वार मेमोरियल के संयोजक व पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय का कहना है कि अगले चरण में नौसेना की शासन में एक पानी का जहाज रखने की सिफारिश भी रक्षा मंत्रालय से की जा रही है।
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भारत—पाक जंग के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
देहरादून। विजय दिवस के अवसर पर बुधवार को गढ़ी कैंट-चीड$बाग स्थित वार मेमोरियल (शौर्य स्थल) में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वर्ष 1971 की भारत— पाक जंग में शहीद हुए जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने किया। कार्यक्रम में शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर देहरादून छावनी परिषद की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर केजी बहल, ब्रिगेडियर राजेन्द्र रावत, कर्नल बीएम थापा, कैंट बोर्ड की उपाध्यक्ष राजेन्द् कौर सौंधी, शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता एसएस बिष्ट, सभासद जितेन्द्र तनेजा, मेघा, मीनू आदि भी मौजूद रहे।

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