देहरादून. उत्तराखण्ड में वन विभाग ने एक टोल फ्री नंबर-1926 जारी किया है. इस नंबर पर कोई भी जंगल और जंगली जानवरों से जुड़ी सूचनाएं दर्ज करा सकते हैं. उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष एक बड़ी समस्या है. 70 फ़ीसदी से ज़्यादा क्षेत्रफल में जंगल होने के कारण प्रदेश में जंगली जानवर भी बड़ी संख्या में हैं और इसलिए इंसानों के साथ उनका टकराव अक्सर होता है. इसकी वजह से बड़ी संख्या में जानवर मारे जाते हैं और हर साल दर्जनों इंसानों को भी जान से हाथ धोना पड़ता है.
आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि बारिश के इस मौसम में अगर घर में कहीं सांप दिखे, तब क्या करना चाहिए। अगर गलती से सांप ने काट लिया तो तुंरत हमें क्या उपाय करना चाहिए।
सवाल: बारिश के मौसम में सांप के होने का रिस्क किन जगहों पर ज्यादा रहता है?
जवाब: आमतौर पर सांप इस मौसम में उन जगहों पर ज्यादा दिखते हैं, जहां जलजमाव है या फिर जहां घास, पेड़-पौधे या झाड़ियां ज्यादा है।
जैसे- कंस्ट्रक्शन साइट
• ट्रैकिंग वाली जगह
• नदी – तालाब के पास
जंगल या बांस के खेत
सवाल: सांप के काटने से कैसे बचें?
जवाब: जो लोग जमीन पर सोते हैं, वो नॉर्मल मच्छरदानी का यूज करें। बिस्तर में सोएं।
बाहर पहाड़ी-बगान वाले इलाके में जाते हैं तो लॉन्ग बूट पहनें।
ऐसी जगह पर जहां सांपों का रिस्क रहता है तो वहां पर छड़ी से जमीन पर आवाज करते हुए चलें ।
• पत्थरों के नीचे, गड्डे के अंदर जिन जगहों पर सांपों के छुपे होने की आशंका रहती है, उन जगहों से छेड़छाड़ न करें।
सांप घर या दुकान के अंदर दिखे या घुस जाए, तो करें ये उपाय
• सबसे पहले अपने लिए सुरक्षित जगह की तलाश करें।
कमरे में मिट्टी का तेल या फिनाइल छिड़क दें, उसकी गंध से सांप खुद-ब-खुद बाहर निकल जाएगा।
खुद से सांप को मारने या भगाने के बजाय तुरंत किसी सपेरे या एक्सपर्ट को बुलाना चाहिए।
सांप दिखे तो इस 1926नंबर पर दें सूचना
वाइल्ड लाइफ एसओएस के हेल्पलाइन नंबर पर कॉनटेक्ट कर सकते हैं।
कुछ उपाय ऐसे हैं, जिन्हें अपनाने से घर में सांप घुसने की संभावना कम हो जाती है। जैसे- अपने घर के आसपास की घास समय-समय पर कटवाते रहें।
• घर या फिर दुकान में किसी तरह का कबाड़ इकट्ठा न होने दें।
• घर या दुकान या गैरेज में छोटे-छोटे गड्रे और दरार हैं, तो उसे बंद करें।
खेत या फिर किसी टूरिस्ट प्लेस में घूमने जा रहे हैं, तो सावधान रहें।
• घर की नालियों के मुहाने पर जाली जरूर लगाएं।
इन सबके बावजूद अगर आपके घर में सांप घुस जाता है, तो आप कुछ ऐसे उपाय भी अपना सकते हैं, जिससे सांप खुद ही आपके घर से निकल जाएगा।
सवाल: भारत में कौन से सांप जहरीले होते हैं?
जवाब: भारत में सांपों की 300 से ज्यादा प्रजातियां हैं। इनमें में 4 प्रजातियों के सांप बहुत जहरीली होते हैं। जिनके काटने या इसने से सबसे ज्यादा मौत होती हैं।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ यानी Public health specialists भारत में सांप डसने से होने वाली मौत की एक रिपोर्ट पेश की है। जिसके मुताबिक- हर साल विश्व में सांप के डसने से करीब 58 हजार लोगों की मौत होती है।
दुनियाभर में सांप के डसने से होने वाली मौत में आधे से ज्यादा भारतीय होते हैं।
• सबसे ज्यादा शिकार किसान, मजदूर, शिकारी, गड़ेरिए, सपेरे, आदिवासी और प्रवासी होते हैं।
ICMR की एक स्टडी के मुताबिक दुनियाभर में जहरीले सांपों से होने वाली मौतों में से करीब आधी मौतें भारत में होती हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि सांप के डसने के बाद सिर्फ 30% भारतीय ही इलाज के लिये अस्पताल जाते हैं
सवाल: सांप के डसने या काटने पर शरीर में क्या दिक्कतें होने लगती हैं?
जवाब: सांप के डसने या काटने से
अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे- काटने वाली जगह पर दर्द-सूजन
उल्टी – जी मिचलाना
• अकड़न – कंपकपी
अकड़न-कपकपा
• एलर्जी
स्किन कलर में चेंज
पेट दर्द- दस्त
बुखार सिरदर्द
काटने वाली जगह काली पड़ने लगी हो
कमजोरी
प्यास लगना
लो बीपी
घाव से खून बहना
अंगों के आसपास के हिस्से का सुन्न पड़ना
सवाल: सांप के जहर में क्या चीज होती है जिससे मौत भी हो जाती है?
जवाब: सांप के जहर में बहुत सारे
एन्जाइम होते हैं। शरीर के जिस हिस्से में सांप ने काटा वहां के सेल्स को ये एन्जाइम मार देते हैं।
इसके बाद ये ब्लड से होते हुए हमारे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचकर अलग-अलग ऑर्गन्स के सेल्स को मारते हैं। जिससे इंसान की मौत हो जाती है।
यही वजह है कि प्राथमिक इलाज के बाद उस व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने की सलाह दी जाती है ताकि उसे स्नेक एंटी वेनम दिया जा सके। इससे सांप का जहर न्यूट्रिलाइज कर दिया जाता है।
सवाल: स्नेक एंटी वेनम क्या है? जवाब: यह एक ऐसी दवा है, जो शरीर में पहुंचते ही जहर से मुकाबला कर उसके प्रभाव को खत्म करने लगता है।
ये इंजेक्शन के तौर पर दिया जाता है।
चाहे सांप जहरीला हो या न हो, स्नेक / एंटी वेनम दवा बहुत प्रभावी होती है, जो इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंचते ही जहर से मुकाबला कर उसके प्रभाव को खत्म करने लगती है।
सवाल: किन अस्पतालों में लगता है ये स्नेक एंटी वेनम ?
जवाब: सांप के जहर से बचाने वाला इंजेक्शन प्रदेश के हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में उपलब्ध होता है।
सवाल: सांप के काटने पर लक्षण दिखने लगे हैं या फर्स्ट एड के तौर पर क्या करना चाहिए?
जवाब: नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं-
सवाल: बहुत लोग बोलते हैं कि सांप के काटने पर उसकी स्पीशीज यानी प्रजाति भी पता करना चाहिए, क्या सच में ऐसा करना चाहिए?
जवाब: नहीं, सांप की प्रजाति पता करने की जरूरत नहीं होती है। अब ऐसा एंटी स्नेक वेनम बन गया है जिससे किसी भी सांप के काटने पर दिया जा सकता है।