सरकारी नॉकरी का झांसा देकर दर्जनों भर लोगों से 33 लाख ठगी,
हल्द्वानी:-आज बेरोजगारी से युवा वर्ग परेशान है। कही सरकारी जॉब मिल जाय उसके लिये प्रयासरत रहते है। ऐसे में हमारे बीच में छुपे कुछ भेड़िये मौके का फायदा उठाने की जुगत में लगे रहते है। जिससे ये युवा सरकारी नॉकरी की आस में अपनी जमा पूंजी गवा बैठते है।
सरकार भी इस बाबत कोई खास कठोर कानून नही बना पाई। धोखाधड़ी का कानून इतना सख्त बनना चाहिये कि कोई भी दस बार सोचे धोखाधड़ी करने से पहले।
ऐसा ही मामला अल्मोड़ा में कुछ युवाओं के साथ एक दम्पत्ति ने नौकरी लगवाने के नाम पर एक दर्जन युवकों से 32 लाख 60 हजार रुपये ठगने का एक मामला सामने आया है। ठगी के शिकार युवक ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
कुंडेश्वरी निवासी अतुल कुमार पुत्र दिनेश कुमार ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उसकी जान पहचान जगवीर सिंह पुत्र सोरन सिंह तथा उसकी पत्नी चित्रा देवी निवासी कुंडेश्वरी से थी। वर्ष 2015 में दम्पति ने उसकी जान-पहचान मृदुल विहार काॅलोनी, शिव मंदिर के पास, पीली कोठी, हल्द्वानी निवासी रितेश पाण्डेय पुत्र चन्द्र मोहन पाण्डेय व उसकी पत्नी पिंकी पाण्डेय से कराई और कहा कि पाण्डेय दम्पति उसके घर आते रहते हैं, इनकी पहचान शासन में कई मंत्रियों और सचिवों से है। ये सरकारी नौकरी लगवाने का काम करते हैं। जगवीर ने बताया कि पाण्डेय दम्पति उनके लड़के को नौकरी लगवा रहे है। जिसमे 12 लाख का कर्च आयेगा, सात लाख पहले और पांच लाख बाद में देने पड़ेंगे। जगवीर व चित्रा ने पैसे के लेनदेन की जिम्मेदारी अपने उपर ली और कहा कि काम न होने पर रकम सात दिन में वापस कर दी जायेगी।
इस बात पर विश्वास करके शिकायतकर्ता ने छह लाख रूपये जगवीर व चित्रा के घर पर जाकर दोनों को दे दिये। इसके कुछ दिन बाद जगवीर ने कहा कि सरकारी नौकरियों में और भी पद खाली है। तुम अपने जान-पहचान के और भी लड़कों का काम करा दो। इस पर उसने सूरज, राजकुमार, प्रभात, गौतम, चन्द्रपाल, सुनील, नितिन कुमार, कंचन, सुखविंदर सिंह, महेंद्र सिंह, रंजीत व मनोज आदि से 32 लाख 60 हजार रूपये इन लोगों को दिलवा दिये। इन लोगों ने जल्द ही ज्वाइनिंग लेटर दिलवाने की बात कही। तय समय पर जब ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला तो दिनेश कुमार को धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ। रितेश पाण्डेय से इस बारे में बातचीत करने पर पहले तो वह टालमटोली करता रहा और बाद में खाते में रूपये डालने की बात कही। दिनेश का कहना है कि रकम मांगने पर उसे लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है। जब उसने यह बात जगवीर को बतायी तो वह भी टालमटोली करने लगा। दिनेश की जान पहचान वालों ने जब अपनी रकम वापसी करने का दबाव बनाया तो जगवीर व उसकी पत्नी ने साफ मना कर दिया।
दिनेश ने पुलिस को बताया कि एक दिन इसी मामले का लेकर वह आत्महत्या को तैयार हो गया था। पत्नी के समझाने पर उसने पत्नी के जेवर बेचकर बैंक से लोन तथा जान-पहचान वालों से कर्ज लेकर प्रोपटी बेचकर लोगों का पैसा अदा किया। दिनेश का कहना है कि अब जगवीर सिंह व उसकी पत्नी चित्रा देवी तथा रितेश पाण्डेय व उसकी पत्नी पिंकी पाण्डेय रकम देने से साफ मना कर रहे हैं।पुलिस ने भी शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी