उत्तरकाशी टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच हादसे के 9 दिन बाद पहली मिली है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 41 मजदूरों तक लाइफ स्पोर्ट खाने-पीने से जुड़ा सामान छह इंच पाइप के जरिए पहुंचाया गया है.
दरअसल, ये पाइप पत्थर के आरपार न जाने की वजह से अटका हुआ था. यह 57 मीटर का पाइप अब आरपार हो चुका है. इस पाइप की सहायता से मजदूरों तक खाने के साथ चिकित्सा का सामान भी पहुंचाया जा रहा है. इससे पहले मजदूर भूना चने के साथ ड्राई फ्रूट्स खा रहे थे.
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू मिशन पर NHIDCL के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने अपनी टीम को बधाई दी. वहीं, मजदूरों के रेस्क्यू मिशन पर डीआरडीओ लगी हुई है. इस दौरान 20 किलो 50 वजनी 2 रोबोट भेजे गए हैं. ये रोबोट जमीन पर रेत को हटाने का काम कर रहे हैं. अभी तक यह आशंका जताई जा रही है कि रोबोट वहां पर काम कर पाएगा की नहीं.
क्या हैं पांच विकल्प
1. सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है .
2. रेल विकास निगम ने जरूरी आपूर्ति के लिए एक वर्टिकल पाइपलाइन पर काम होना है.
3. ओएनजीसी ने दूसरे छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग पर काम आरंभ होना है .
4. सिल्क्यारा छोर से ड्रिलिंग जारी रखी गई है. इसकी सुविधा के लिए सेना ने बॉक्स पुलिया तैयार कर रखी है. मजदूरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए केनोपी का ढांचा तैयार किया गया है.
5. टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन माइक्रो टनलिंग पर काम हो रहा है. इसके लिए भारी मशीनरी पहले से जुटाई जा चुकी है.