आसान नही है केदारनाथ विधानसभा सीट पर बीजेपी को उम्मीदवार चयन करना,,दावेदारों की लंबी लिष्ट, पंकज भट्ट की दावेदारी पर लग सकती मुहर,,
रुद्रप्रयाग। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए केदारनाथ विधानसभा सीट पर उम्मीदवार का चयन टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। इस सीट पर दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी है। इस सीट पर भाजपा को वर्ष 2012 व वर्ष 2017 में हार का सामना करना पड़ा था।
केदारनाथ सीट से टिकट के लिए कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता दौड़ लगा चुके हैं। सभी दावेदार देहरादून से दिल्ली तक टिकट के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि 2004 व 2008 में केदारनाथ विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी को 2012 व 2017 में हार का सामना करना पड़ा था। पिछले चुनाव में तो पार्टी को चौथे नंबर पर संतोष करना पड़ा। इन हालातों में जिताऊ उम्मीदवार का चयन करना पार्टी के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।
अब तक महिलाओं को मिली है वरीयता
रुद्रप्रयाग राज्य बनने के बाद अब तक हुए चार विधानसभा चुनावों में केदारनाथ सीट पर भाजपा ने महिला प्रत्याशी को ही वरीयता दी है। वर्ष 2002 से 2012 तक आशा नौटियाल को टिकट मिला। वे वर्ष 2002 व 2007 में चुनाव जीती थीं। जबकि 2012 में उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। 2017 में पार्टी, ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुई शैलारानी रावत को टिकट दिया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब देखना यह है कि 2022 में भी भाजपा महिला प्रत्याशी पर ही दांव खेलेगी या नहीं।
अभी तक पूर्व विधायक आशा नौटियाल, शैलारानी रावत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, महामंत्री अनूप सेमवाल, दिनेश बगवाड़ी, पूर्व दायित्वधारी अशोक, खत्री, अजेंद्र, अजय, पंकज भट्ट टिकट के लिए खुलकर दावेदारी में हैं।
पंकज भट्ट पर भरोसा जता सकता है हाई कमान।
इस बार केदारनाथ विधानसभा के लोग परिवर्तन चाहते है, जब से पंकज भट्ट ने क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाई है और लगातार आम लोगो के सुख दुःख में खड़े नजर आ रहे है, उससे क्षेत्र में आम लोगो को उनके ऊपर भरोसा कायम होता जा रहा है, क्षेत्र की जनता के आग्रह पर इस बार पंकज भट्ट इस विधानसभा से अपनी उम्मीदवारी करने जा रहे है, ओर बीजेपी ने भी सर्वे कर इस बार युवा चेहरे को ही टिकिट विचार किया है। ऐसे में पंकज भट्ट पर बीजेपी भरोसा जता सकती है,
तीर्थपुरोहितों की नाराजगी से पाना होगा पार
रुद्रप्रयाग। देवस्थानम बोर्ड की लेकर केदारनाथ के तीर्थपुरोहित भाजपा से खासा नाराज हैं। बीते जुलाई-अगस्त माह में कई तीर्थपुरोहित पार्टी की सदस्यता व पदों से भी इस्तीफा दे चुके हैं। इन हालातों में टिकट के दावेदारों को लेकर भी पार्टी को गहन मंथन व मनन करना पड़ रहा है।